फोटो गैलरी

Hindi News स्कूलों की हालत बदले सरकार

स्कूलों की हालत बदले सरकार

देश की तरक्की और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा बेहद जरूरी होती है। परन्तु सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही महंगाई के इस दौर में अब बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि बेहतर शिक्षा मिले तो कैसे?...

 स्कूलों की हालत बदले सरकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

देश की तरक्की और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बेहतर शिक्षा बेहद जरूरी होती है। परन्तु सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही महंगाई के इस दौर में अब बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि बेहतर शिक्षा मिले तो कैसे? नौकरी-पेशा या मध्यम वर्ग के अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए पब्लिक स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि सरकारी स्कूलों की हालत एसी है कि कहीं भवन हैं, तो शिक्षक नहीं, कहीं शिक्षक हैं तो भवन नहीं। शिक्षक भवन दोनों हैं तो शिक्षक को पढ़ाई के बदले सरकार कभी मतदाता सूची बनाने या किसी अन्य कार्य में लगा देती है। इसका सीधा नाया फायदा पब्लिक स्कूल वाले उठा रहे हैं। सबसे पहले किताब, कॉपी, ड्रेस स्कूल से ही खरीदने पर मजबूर करते हैं। सत्र के शुरू होने के समय और नामाकंन के समय फीस के नाम पर तरह-तरह के खर्चे दिखाकर लोगों को लूटते हैं। उन्हें किसी का डर भी नहीं होता, क्योंकि अधिकतर पब्लिक स्कूलों के मालिक किसी न किसी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े होते हैं या चुनाव के समय आर्थिक मदद कर सत्ता में आने वालों का मुंह बंद कर देते हैं।ड्ढr पी. के. प्रभाकर, रमेश नगर, नई दिल्ली वीसा की शर्त जरूरीड्ढr पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष नवाज शरीफ द्वारा आठ अप्रैल को वीसा शर्त पर दिए गए विचार भारत सरकार को नहीं मानने चाहिए। इसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान तथा भारत के बीच वीसा की शर्त को खत्म कर देना चाहिए। दोनों देशों में एक-दूसर के रिश्तेदार रहते हैं, किन्तु वीसा की शर्त के कारण कभी एक-दूसर से नहीं मिल पाते। भारत सरकार को आगाह करना चाहता हूं कि वीसा शर्त को न हटाए, क्योंकि जब वीसा होने की शर्त पर पाकिस्तान के लोग वीसा की अवधि समाप्त होने पर बहुत से पाकिस्तानी वापस पाकिस्तान नहीं जाते तो तब क्या हालत होगी जब वीसा की शर्त ही न रहेगी। ऐसे में आधे से अधिक पाकिस्तान भारत में ही बस जाएगा, जिनके साथ अवांछनीय तत्व तथा उग्रवादी भी भारत में अपने पांव जमा लेंगे।ड्ढr एस. पी. जोशी, स्कूल ब्लॉक, शकरपुर, दिल्ली राष्ट्रीय वेतन नीति बनेड्ढr ‘राष्ट्रीय आय नीति की जरूरत’ अत्यंत विचारणीय लेख है, इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारी राष्ट्रीय आय बढ़ रही है और देश प्रगति पथ पर है। कर्मचारियों को अच्छे वेतनमान मिलने चाहिए और छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में जो विसंगतियां हैं, वह दूर की जानी चाहिए। फिर भी कॉरपोरट जगत और सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में बहुत अंतर रहेगा ही। कॉरपोरट क्षेत्र में वेतनमान समय-समय पर परिवर्तित होते रहते हैं। प्राइवेट सैक्टर में कार्य करने के घंटे इतने ज्यादा हैं, जिससे कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए जरूरत है एक राष्ट्रीय आय नीति बने और केन्द्र सरकार राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्र की कम्पनियों को इसमें भागीदार बनाया जाए, तभी सामाजिक न्याय की परिकल्पना की जा सकती है अन्यथा नहीं।ड्ढr नवीनचन्द्र तिवारी, सेक्टर-14, रोहिणी, दिल्ली दोषी को साा मिलनी चाहिएड्ढr भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित समारोह में पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति कहती है कि अगर ऐसी परिस्थिति बन जाए कि सौ दोषियों को साा नहीं देने से एक निर्दोष की जान बचाई जा सकती है, तो निर्दोष को बचाना चाहिए। निर्दोष की जान अथक प्रयास से भी बचाई जानी चाहिए वहीं सौ दोषियों की साा की कौन कहे, जो एक दोषी की भी साा न देने की बात नहीं होनी चाहिए। साा नहीं देने से दोषियों के हौसले बढ़ेंगे और अपराध का विस्तार होगा। स्वतंत्र भारत के प्रजातंत्र में नेताओं द्वारा अपराधियों को साा न देकर उसे प्रश्रय देने से ही तो अपराध का इतना विस्तार हुआ है।ड्ढr कमलधर दास, खेराजपुर (दरभंगा) बिहार

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें