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नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उड़ाया, 3 अगवा

नक्सलियोंे ने गया-कोडरमा रलखंड के नाथगंज रलवे हाल्ट को बुधवार की देर रात अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद उन्होंने विस्फोट कर रलवे ट्रैक को उड़ा दिया। माओवादियों ने मालगाड़ी के चालक नाथगंज स्टेशन के...

 नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उड़ाया, 3 अगवा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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नक्सलियोंे ने गया-कोडरमा रलखंड के नाथगंज रलवे हाल्ट को बुधवार की देर रात अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद उन्होंने विस्फोट कर रलवे ट्रैक को उड़ा दिया। माओवादियों ने मालगाड़ी के चालक नाथगंज स्टेशन के केबिन मैन और पोर्टर को अगवा कर लिया है। ट्रैक उड़ा देने के कारण ट्रनों को जहां-तहां रोक दिया गया। रलवे सूत्रों ने बताया कि रात 10.45 बजे नाथगंज रलवे हाल्ट से किसी प्रकार संपर्क नहीं हो पा रहा था। इसी दौरान स्पेशल मालगाड़ी उसी रलखंड से जा रही थी। उसके चालक ने ही वाकी-टॉकी से ट्रैक उड़ाने की सूचना दी। खबर लिखे जाने तक रेलवे अधिकारियों और आरपीएफ का नाथगंज रेलकर्मियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। आशंका है कि नक्सलियों ने रेलवे केबिन को भी विस्फोट से क्षतिग्रस्त कर दिया है।ड्ढr ड्ढr गया-कोडरमा रेलखंड के बंदुआ रेलवे स्टेशन के पश्चिमी केबिन के समीप भी हथियार बंद नक्सलियों को देखा गया है। उनकी हरकत की सूचना भी बगल के रेलवे स्टेशनों को मिली है। दूसरी ओर भाकपा माओवादी द्वारा बुधवार को आहूत बंद लगभग बेअसर रहा। राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में भी इसका मामूली प्रभाव ही देखने को मिला। बंद के कारण कुछ क्षेत्रों में सड़क व रल परिचालन जरूर प्रभावित हुआ। हालांकि रलवे ने मंगलवार को ऐहतियातन करीब 33 ट्रेनें रद्द करने और दर्जनों के मार्ग बदलने का निर्णय लिया था। इस दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। राज्य सरकार ने भी माओवादियों के बंद को शांतिपूर्ण करार दिया है। पुलिस मुख्यालय ने बंद के दौरान राज्य के किसी भी हिस्से में किसी अप्रिय घटना से इंकार किया है। एडीजी (विधि-व्यवस्था)-सह-पुलिस प्रवक्ता अनिल सिन्हा के अनुसार माओवादियों के बंद के दौरान कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।ड्ढr ड्ढr इस बीच भाकपा (माओवादी) ने पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ 20 अप्रैल को उत्तर बिहार बंद का आह्वान किया है। वहीं बुधवार को बंद के दौरान औरंगाबाद के दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों में यात्री वाहन बिल्कुल नहीं चले। अम्बा, कुटुम्बा आदि बाजारों में दुकानें भी बंद रहीं तथा सड़कों पर चहल-पहल काफी कम दिखी। माओवादियों ने अम्बा बाजार में पुलिस विरोधी प्रदर्शित किए। जी.टी. रोड पर वाहनों की तादाद कम रही। रफीगंज में भी बंद का प्रभाव रहा जबकि नवीनगर में मिला-ाुला असर देखा गया। बंदी के मद्देनजर सोननगर-बरवाडीह रलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप रहा। ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण दिनभर पर गया स्टेशन पर यात्रियों का जमावड़ा लगा रहा। जिले में इक्का-दुक्का यात्री वाहनों को छोड़कर अधिसंख्य बंद रहे। ग्रामीण बाजार में सन्नाटा पसरा रहा लेकिन जिला मुख्यालय और टिकारी, शेरघाटी, वजीरगंज, कोंच के बाजार खुले रहे। उधर उत्तर बिहार में बुधवार को माओवादियों का बंद असरहीन रहा। रलगाड़ियों का परिचालन सामान्य रहा।ड्ढr ड्ढr हाजीपुर में भी बंद का ट्रेनों के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा। संवेदनशील रलखंडों पर मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के गुजरने के पहले यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से मालगाड़ी चलाई गई। बंद के कारण अधौरा- भभुआ पथ पर यात्री वाहनों का परिचालन पूरी तरह बाधित रहा, जिससे यात्रियों को काफी परशानी हुई। उधर झारखंड में बंद का मिलाजुला असर रहा। ट्रन सेवा प्रभावित रही। लंबी दूरी की बसें भी नहीं चलीं। रांची-टाटा मार्ग पर तमाड़ थाना क्षेत्र के बारलौंग के नजदीक एक कंटेनर को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया। वहीं हजारीबाग में रामनवमी की जुलूस में इसका कोई असर नहीं पड़ा। भाकपा(माओवादी) ने पुलिस ज्यादतियों और झारखण्ड के बांदू में कथित फर्जी मुठभेड़ के विरोध में मंगलवार की आधी रात से 24 घंटे के बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ बंद का एलान किया था। गौरतलब है कि मंगलवार की देर रात सशस्त्र नक्सलियों ने गया-मुगलसराय रलखंड पर स्थित फेसर स्टेशन हमला कर दिया। नक्सलियों ने स्टेशन मास्टर सी.पी. विश्वकर्मा, पोर्टर सत्येन्द्र कुमार, केबिन मैन अरुण कुमार को बंधक बना कर कई किलोमीटर दूर खेत में ले गए। इसके बाद रलवे की संचार व्यवस्था को ठप कर दिया और रलवे ट्रैक को पश्चिमी केबिन के समीप क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे ग्रैंड कॉड लाइन पर यातायात घंटों बाधित रहा।

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