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खाद्य तेल पर भारी सब्सिडी

आसमान छूती महंगाई से जहां जनता परशान है वहीं संप्रग सरकार के भी होश उड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री से लेकर उनके सभी सिपहसालार दाम को बांधने की कवायद में जुटे हैं। कृषि मंत्री शरद पवार ने लोकसभा में...

 खाद्य तेल पर भारी सब्सिडी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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आसमान छूती महंगाई से जहां जनता परशान है वहीं संप्रग सरकार के भी होश उड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री से लेकर उनके सभी सिपहसालार दाम को बांधने की कवायद में जुटे हैं। कृषि मंत्री शरद पवार ने लोकसभा में महंगाई पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राशन की दुकानों के जरिए 15 रु. प्रति किलो की सब्सिडी के साथ खाद्य तेल जारी किया जाएगा। वहीं वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा कि स्टील और सीमेंट उद्योगों ने उपभोक्ताओं का शोषण करने के लिए आपस में गठजोड़ बना लिया है।ड्ढr ड्ढr उन्होंने इन उद्योगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मुद्दे पर विचार के लिए सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएंगे। इस बीच वित्त मंत्री चिदंबरम, इस्पात मंत्री रामविलास पासवान और वाणिज्य मंत्री कमलनाथ ने एक बैठक कर बढ़ती कीमतों पर अकुंश लगाने के उपायों पर विचार किया। वे इस संबंध में गुरुवार को प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट भी सौंपेंगे। उधर पवार ने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई रोकने के लिए 10 लाख टन खाद्य तेल और 15 लाख टन दालों के आयात करगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को गेहूं, चावल की सरकारी खरीद में समर्थन देना चाहिए। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार में केंद्रीय पूल के लिए अनाज की खरीदारी बहुत कम रही है जबकि उड़ीसा, छत्तीसगढ़ पंजाब और हरियाणा ने इस काम में केंद्र का पूरा साथ दिया। उन्होंने आश्वस्तकिया कि केंद्रीय पूल के लिए जिस राज्य में जो भी खरीदारी होगी वह अनाज उसी राज्य की जरूरतों के लिए रखा जाएगा। कृषि मंत्री ने आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग पर कहा कि इस संबंध में अभिजीत सेन समिति की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। यदि रिपोर्ट अगले 10 दिनों में नहीं मिलती तो सरकार वायदा बाजार आयोग से सीधे बातचीत करके उपभोक्ताओं के हित में फैसला करेगी। पवार ने आश्वस्त किया कि देश में अनाज का पर्याप्त भंडार है। इस बार रबी मौसम में गेहूं का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले अधिक है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि अंौर राज्यों में जमाखोरी और कालाबाजारी को महंगाई का मुख्य कारण बताया। लोकसभा में बुधवार को दुश्मन और दोस्त सभी दलों ने सरकार पर चौतरफा हमला बोला। उनका कहना था कि इस सरकार ने सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है। विपक्ष और वामदलों के बहिष्कार के बीच वित्तमंत्री ने कहा कि गेहूं, चावल, खाद्य तेल और धातुओं की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बढ़ गई हैं। भारत में मुद्रास्फीति की मुख्य वजह यही है। चिदम्बरम ने कहा कि दाम बांधने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कई वस्तुओं पर शुल्क में कटौती की गई है। इससे पहले महंगाई पर नियम1े तहत चर्चा शुरू करते हुए भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा ऐसा लगता है कि सरकार नाम की चीज नहीं है। सरकार ने बाजारी ताकतों के सामने घुटने टेक दिए हैं।ड्ढr ड्ढr उन्होंने कहा कि वामदलों ने चार वर्षो तक इस सरकार का समर्थन किया लेकिन अफसोस है कि हमारा यह परीक्षण विफल रहा है। विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि सरकार अगर महंगाई नहीं रोक सकती तो इस्तीफा दे दे। माकपा के वासुदेव आचार्य ने महंगाई पर रोक लगाने में विफलता को यूपीए सरकार की सबसे बड़ी हार बताया। उन्होंने इस पर नियंत्रण के लिए कम से कम 25 कृषि उत्पादों के वायदा व्यापार पर प्रतिबंध लगाने समेत कई सुझाव पेश किए। कांग्रस सदस्य पी.जे. कुरियन की दलील थी कि मुद्रा की आपूर्ति पर लगाम लगाने से विकास पर बुरा असर पड़ेगा।ं

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