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पिच पर सवाल

अगर मैच रैफरी रांन मदुगले ने कानपुर की पिच को ‘अंडर प्रिपेयर्ड’ कहा है तो उन्होंने पिच बनाने वालों के साथ भारी अन्याय किया है। इस पिच को कड़ी मेहनत से ऐसा बनाया गया था। उस पर मौजूद घास को जीरो नंबर...

 पिच पर सवाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अगर मैच रैफरी रांन मदुगले ने कानपुर की पिच को ‘अंडर प्रिपेयर्ड’ कहा है तो उन्होंने पिच बनाने वालों के साथ भारी अन्याय किया है। इस पिच को कड़ी मेहनत से ऐसा बनाया गया था। उस पर मौजूद घास को जीरो नंबर के उस्तर से मुंडवा दिया गया था, उस पर कई दिन से पानी नहीं डाला गया था। अगर पिच से उड़ती धूल की वजह से वह किसी भ्रष्ट सरकारी विभाग की बनाई सड़क की तरह लग रही थी तो उसे वैसा बनाने के लिए मेहनत की गई थी। इसी मेहनत को पहचान कर भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने ग्राउंड्समैन को दस हाार रुपए का इनाम दिया। रांन मदुगले की टिप्पणी के साथ एक पत्र आईसीसी ने बीसीसीआई को लिखा और बीसीसीआई ने इसका जवाब दे दिया है। बीसीसीआई के मुताबिक यह एक ‘रूटीन’ कवायद है, भले ही टीवी चैनल इसे सनसनीखे ‘ब्रेकिंग न्यूज’ मानते हों। वैसे भी पिच के मामले में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान शॉन पोलॉक का कहना सही है कि पिच ऐसी नहीं है कि जिस पर बल्लेबाजों को गंभीर चोट का खतरा हो, बाकी सारी पिचें ठीक हैं। ऐसी ही एक पिच पर वेस्ट इंडिा में चल रहा टेस्ट मैच बीच में ही रुकवाना पड़ा था। कानपुर की पिच कोई खतरनाक नहीं थी, आखिरकार गांगुली ने सतासी और लक्ष्मण ने पचास रन तो उस पर बनाए ही। दक्षिण अफ्रीका के भी दो एक बल्लेबाज अच्छा खेले। वैसे भी आजकल ऐसी पिचें कम ही होती हैं, जहाँ बल्लेबाज के कौशल की असली परीक्षा हो। पुराने जमाने में तो पिच ढकने का रिवाज भी नहीं था और तब भी बल्लेबाज शानदार बल्लेबाजी करते थे। क्रिकेट में आदर्श पिच की एक अवधारणा होती है, लेकिन दूसर आदर्शो की तरह यथार्थ में वह कम ही देखने को मिलती है, यह बात और है कि कम से कम बीसीसीआई उस आदर्श के आसपास पहुंचने की भी कोशिश नहीं करती। आईसीसी भी यह कोशिश करने के लिए ही कह सकती है।ं

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