ऊर्जा का स्तर बढ़ा सकती हैं जड़ी-बूटियां
रोजमर्रा की आपाधापी और बदलती जीवनशैली के बीच हम कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अगर हम जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाएं तो सेहतमंद जीवन बिता सकते...
रोजमर्रा की आपाधापी और बदलती जीवनशैली के बीच हम कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अगर हम जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाएं तो सेहतमंद जीवन बिता सकते हैं, बता रही हैं वेलनेस विशेषज्ञ डॉं. शिखा शर्मा
प्रकृति से जो अनमोल उपहार हमें मिले हैं, उनमें जड़ी-बूटियां भी शामिल हैं। आयुर्वेद में इन जड़ी-बूटियों का विशेष महत्व बताया गया है। आजकल नेचुरोपैथी यानी प्राकृतिक चिकित्सा के बढ़ते प्रचलन के कारण न सिर्फ जड़ी-बूटियों का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है, बल्कि इनके इस्तेमाल को लेकर लोगों की जागरूकता भी बढ़ रही है। ये जड़ी-बूटियां अनेक बीमारियां दूर करने में तो सहायक हैं हीं, मानसिक शांति के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
फायदेमंद हैं जड़ी-बूटियां
ऐसी बहुत सी जड़ी-बूटियां हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इनमें से बहुत-सी तो हमारी रसोई में ही मिल जाती हैं।
तुलसी: सर्दी-जुकाम, बुखार, सूखा रोग, निमोनिया, कब्ज, अतिसार जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी औषधि है।
लहसुन: एंटी बैक्टीरियल तत्वों से युक्त है। इसकी एक कली के सेवन से विटामिन ए, बी, सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पा सकते हैं।
दालचीनी: खान-पान में इस्तेमाल होने पर उसमें उपस्थित वायरस और बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है। शोधों में प्रमाणित हुआ है कि जिन खाद्य पदार्थों में दालचीनी का प्रयोग होता है, उनमें 99.9 प्रतिशत तक कीटाणु होने की आशंका खत्म हो जाती है।
लौंग: शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ यह एक अच्छी एंटीऑक्सीडेंट और बैक्टीरिया को खत्म करने वाली है।
अदरक: जी मिचलाने, उल्टी, मोशन सिकनेस आदि समस्याओं के समाधान में सहायक है। यह पाचन क्रिया में भी सहायक है।
अश्वगंधा: अश्वगंधा का इस्तेमाल त्वचा के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों में भी लाभकारी है।
आंवला, एलो वेरा और गुडुची: ये शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखते हैं।
ग्रीन टी: यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव करती है।
ब्राह्मी: इससे खून साफ होता है और याद्दाश्त बढ़ती है। गठिया में भी इससे आराम मिलता है।
सेवन में सावधानी बरतें
जड़ी-बूटियां तभी अपना असर दिखाएंगी, जब उनमें किसी तरह की मिलावट न हो। आजकल बाजार में नकली जड़ी-बूटियों की भरमार है, इसलिए आपको सतर्क रहने की जरूरत है। हमेशा विश्वसनीय दुकान से ही जड़ी-बूटी खरीदें। जड़ी-बूटियां निश्चित अनुपात में ही ली जानी चाहिए। एलो वेरा जूस एक चम्मच लेना चाहिए, व्हीट ग्रास और आंवला जूस एक-एक चम्मच पानी के साथ लेना चाहिए, उनका लापरवाही से इस्तेमाल न करें।