काशी के अस्सी पर हिन्दुस्तान ने जमाया मस्ती का रंग
काशी का अस्सी अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग कारणों से मशहूर हुआ। कभी गोस्वामी तुलसीदास द्वारा इसी घाट पर रामचरित मानस की रचना के कारण, तो कभी फक्कड़ी जमात की कथा की आधारभूमि बन जाने के कारण। कभी प्रो....
काशी का अस्सी अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग कारणों से मशहूर हुआ। कभी गोस्वामी तुलसीदास द्वारा इसी घाट पर रामचरित मानस की रचना के कारण, तो कभी फक्कड़ी जमात की कथा की आधारभूमि बन जाने के कारण। कभी प्रो. काशीनाथ सिंह के कल्पना संसार के जीवित किरदारों के ठीहे के कारण, तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी घाट से सफाई मुहिम शुरू करने के कारण।
पप्पू की चाय का स्वाद और शास्त्री का पान भी इस इलाके की ख्याति रहे हैं लेकिन ताजा खबर यह है कि अस्सी दो-चार दिनों से हिन्दुस्तान मस्ती मार्ग के शानदार आयोजन के लिए याद किया जाने लगा है। यह आयोजन पूरी तरह बनारस के मूड के अनुरुप इतवार को हुआ और लगभग पूरा शहर रंगभरी एकादशी पर अस्सी घाट पर तीन घंटे से ज्यादा समय तक जमा रहा।photo1
भांगड़ा-गिद्दा, एरोबिक्स के साथ जादू और स्केटिंग का रोमांच सबको आह्लादित कर रहा था। तरह-तरह के खेलों का लोगों ने आनंद लिया। क्या बच्चे, क्या बड़े, क्या युवा, क्या बुजुर्ग...। सबने जमकर मस्ती की। आयोजन के दूसरे चरण में जैसे ही दोपऊली टोपी बंटी और रंग-गुलालों के साथ फूलों की बौछारें शुरू हुईं, पूरा क्षेत्र होली की मस्ती में डूब गया।photo2
सफेद टोपियां कुछ ही देर में रंगीन हो गईं और हर कोई होली गीतों पर ठुमकने, झूमने लगा। यह भी खास रहा कि आकाश पर मेघ सूरज का रास्ता रोके थे और तेज हवा माहौल को खुशनुमा बना रही थीं। न सर्दी न गर्मी...। तीन घंटे से ज्यादा का वक्त कब गुजर गया, किसी को पता नहीं चला।photo3
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