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सिख दंगों की दोबारा जांच के लिए एसआईटी बनी

केंद्र सरकार ने दिल्ली और अन्य राज्यों में 1984 के सिख विरोधी दंगों की नए सिरे से जांच कराने के लिए गुरुवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी गठित करने का...

सिख दंगों की दोबारा जांच के लिए एसआईटी बनी
एजेंसीThu, 12 Feb 2015 10:58 PM
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केंद्र सरकार ने दिल्ली और अन्य राज्यों में 1984 के सिख विरोधी दंगों की नए सिरे से जांच कराने के लिए गुरुवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी गठित करने का आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया। यह टीम छह माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।

तीन सदस्यीय एसआईटी की अगुवाई मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस प्रमोद अस्थाना करेंगे। सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन जज राकेश कपूर और दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश इसके सदस्य होंगे। एसआईटी 1984 दंगों से जुड़े सभी गंभीर मामलों की दोबारा जांच करेगी, सभी पुलिस स्टेशनों के रिकॉर्ड की पड़ताल करेगी।

साथ ही जस्टिस एसडी जैन और जस्टिस डीके अग्रवाल कमेटी की रिपोर्ट को भी खंगालेगी। एसआईटी को मामलों की जांच के साथ पर्याप्त साक्ष्यों के साथ संबधित अदालतों में आरोपपत्र दायर कर सकेगी। एसआईटी का गठन उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी पी माथुर की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश के बाद किया गया। इस समिति का गठन 1984 के दंगा मामलों की फिर से जांच की संभावना पर गौर करने के लिए किया गया था।

इस समिति ने पिछले माह गृह मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को हुई हत्या के बाद हुए दंगों की नए सिरे से जांच कराने की सिफारिश की गई थी। न्यायमूर्ति नानावती आयोग ने पुलिस द्वारा बंद किए गए 241 मामलों में से केवल चार को फिर से खोलने की सिफारिश की थी। लेकिन भाजपा चाहती है कि सभी अन्य 237 मामलों की फिर से जांच कराई जाए।

बहरहाल, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि न्यायमूर्ति माथुर समिति ने कितने सिख विरोधी दंगों को फिर से खोलने की सिफारिश की है।

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