होम लोन पर टैक्स छूट का उठाएं ज्यादा लाभ
अपने घर के सपने को साकार करने के लिए लोग जीवनभर की कमाई का बड़ा हिस्सा लगाने को तैयार रहते हैं। फिर भी बढ़ती महंगाई की वजह से आम लोगों के लिए यह बड़ी चुनौती है। लेकिन घर या फ्लैट खरीदने के लिए बैंक...
अपने घर के सपने को साकार करने के लिए लोग जीवनभर की कमाई का बड़ा हिस्सा लगाने को तैयार रहते हैं। फिर भी बढ़ती महंगाई की वजह से आम लोगों के लिए यह बड़ी चुनौती है। लेकिन घर या फ्लैट खरीदने के लिए बैंक से लिए गए कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) के भुगतान पर कई तरह की टैक्स छूट मिलती है। इसमें स्टैम्प शुल्क भी शामिल है। इस तरह घर के सपनों को साकार करने में टैक्स छूट आपके लिए काफी मददगार हो सकती है।
स्टैम्प शुल्क पर कितना फायदा
घर या फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए खरीदार को उसकी कीमत के एक तय अनुपात में स्टैम्प शुल्क चुकाना पड़ता है। विभिन्न राज्यों में स्टैम्प शुल्क की दरें अलग-अलग हैं। वहीं कुछ राज्य महिलाओं को स्टैम्प शुल्क में छूट देते हैं। दिल्ली में मकान या फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए पुरुषों को छह फीसदी स्टैम्प शुल्क चुकाना पड़ता है जबकि महिलाओं को महज चार फीसदी स्टैम्प शुल्क चुकाना पड़ता है। यदि मकान की कीमत 30 लाख रुपये है तो छह फीसदी के हिसाब से 18,000 रुपये स्टैम्प शुल्क लगेगा। आप आयकर की धारा 80सी के तहत स्टैम्प शुल्क के भुगतान पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं।
होम लोन के ब्याज पर ज्यादा टैक्स लाभ
आयकर की धारा 24बी के तहत होम लोन के ब्याज के भुगतान पर दो लाख रुपये सालाना टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। सरकार ने सस्ते मकान पर विशेष रियायत दी है। इसके तहत 40 लाख रुपये के मकान पर 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर एक लाख रुपये की अतिरिक्त छूट ले सकते हैं। इस तरह सस्ते घर पर आप दो लाख रुपये की जगह तीन लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। वहीं यदि घर रहने की बजाय किराये पर देने के लिए खरीद रहे हैं तो उसपर ब्याज छूट की कोई सीमा नहीं है।
यदि 25 लाख रुपये का कर्ज 20 साल के लिए 10 फीसदी के अनुमानित ब्याज पर लेते हैं तो उसकी मासिक किस्त (ईएमआई) करीब 24,126 रुपये होगी। इसके तहत सालाना ब्याज करीब 2.48 लाख रुपये जबकि मूलधन करीब 41,000 रुपये होगा। इस तरह सामान्य स्थिति में आप केवल दो लाख रुपये ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं वहीं सस्ते मकान या किराये पर दिए गए मकान के होम लोन पर 2.48 लाख रुपये की ब्याज अदायगी पर टैक्स छूट ले सकते हैं।
पूर्व मंजूर कर्ज पर ज्यादा मोलभाव
सामान्यत: लोग मकान पहले पसंद करते हैं और फिर बैंक के पास कर्ज के लिए जाते हैं। लेकिन बैंक पूर्व मंजूर कर्ज (प्री-अप्रूव्ड लोन) की भी सुविधा देते हैं। इसके तहत लिया गया होम लोन छह माह तक मान्य रहता है। जब आप बिल्डर के पास प्री-अप्रूव्ड लोन के साथ फ्लैट खरीदने के लिए बातचीत करने जाते हैं तो वह आपको गंभीर खरीदार समझता है। ऐसे में आप उससे मोलभाव करके कीमतों पर ज्यादा छूट लेने की स्थिति में होते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि एक बार प्री-अप्रूव्ड लोन की अवधि खत्म हो जाए तो उसके छह माह बाद ही दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
प्रोजेक्ट की वैधता बैंक से भी जांचें
बैंक होम लोन देने का फैसला काफी पड़ताल के बाद करते हैं। सामान्य: वह ऐसे किसी प्रोजेक्ट में मकान खरीदने के लिए लोन नहीं देते जिसमें किसी तरह की कानूनी अड़चन हो। आप प्रोजेक्ट की वैधता के लिए अन्य स्रेतों के साथ बैंक से भी सलाह ले सकते हैं। हाल के दिनों में कुछ ऐसे मामले आए हैं जिसमें निजी क्षेत्र के बैंकों ने वैसे प्रोजेक्ट के लिए भी होम लोन मंजूर कर लिया जो वैध नहीं थे लेकिन सरकारी बैंक इसमें किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेते हैं।
क्रेडिट स्कोर का रखें ध्यान
बैंक किसी भी तरह का कर्ज देने के पहले उपभोक्ता का क्रेडिट रिकॉर्ड देखते हैं। इसका आकलन 300 से 900 अंकों के बीच किया जाता है। सिबिल इसका आकलन करती है। आमतौर पर 700 से अधिक क्रेडिट स्कोर होने पर कर्ज मिलना आसान हो जाता है।
किन दस्तावेज की होगी जरूरत
होम लोन पर टैक्स छूट के लिए उससे जुड़े दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ती है। आप बैंक से कर्ज के मूलधन और ब्याज भुगतान का दस्तावेज मांग सकते हैं। बैंक सालाना आधार पर मूलधन और ब्याज भुगतान के आंकड़ों के साथ दस्तावेज देते हैं। इसी तरह स्टॉम्प शुल्क पर टैक्स छूट के लिए उसकी रसीद की कॉपी जमा करनी होती है।
मूलधन पर छूट में दिखाएं समझदारी
आयकर नियमों के मुताबिक होम लोन के मूलधन पर धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। लेकिन इसी के तहत सार्वजिनक भविष्य निधि (पीपीएफ), राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), जीवन बीमा पॉलिसी और घर की रजिस्ट्री के स्टैम्प शुल्क पर टैक्स छूट भी शामिल है। मूलधन और स्टैम्प शुल्क के भुगतान को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए।
निवेश के मद्देनजर पीपीएफ में जितना अधिक हो सके उतना निवेश करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इस पर तीन स्तरों पर टैक्स छूट मिलती है। पीपीएफ पर में निवेश की राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि तीनों टैक्स फ्री है।
04% से 10 फीसदी तक मकान की कीमत का लगता है स्टॉम्प शुल्क
1.50 लाख रुपया तक ले सकते हैं होम लोन के मूलधन और स्टैम्प शुल्क पर टैक्स छूट
02 लाख रुपये होम लोन के ब्याज भुगतान पर ले सकते हैं टैक्स छूट
30 हजार रुपये मकान मरम्मत के लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट
01 लाख ब्याज पर अतिरिक्त छूट 40 लाख की कीमत और 25 लाख के लोन पर