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फिर खाली हाथ नेपाल

अब यह लगभग तय हो गया है कि आज नेपाल को नया संविधान नहीं मिल पाएगा। फौरी टिप्पणी तो यही की जा सकती है कि पिछली संविधान सभा के भंग होने के समय विवाद के जो बिंदु थे, उन पर इस दूसरी संविधान सभा में भी...

फिर खाली हाथ नेपाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 21 Jan 2015 09:29 PM
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अब यह लगभग तय हो गया है कि आज नेपाल को नया संविधान नहीं मिल पाएगा। फौरी टिप्पणी तो यही की जा सकती है कि पिछली संविधान सभा के भंग होने के समय विवाद के जो बिंदु थे, उन पर इस दूसरी संविधान सभा में भी कोई खास प्रगति नहीं हुई। और मंगलवार की सुबह संविधान सभा के घटनाक्रमों ने तो बिल्कुल साफ कर दिया कि संविधान अब एक दिन में नहीं लिखा जा पाएगा। सोमवार की आधी रात को संविधान सभा के अध्यक्ष सुवास नेम्वाडका ने बैठक शुरू करते हुए ‘पॉलिटिकल डायलॉग ऐंड कन्सेन्शस कमिटी’ के चेयरमैन बाबुराम भट्टराई से अनुरोध किया कि वह समिति की रिपोर्ट के संदर्भ में उठे सवालों के जवाब दें। वरिष्ठ माओवादी नेता एक घंटा से अधिक वक्त तक बोले और आगाह किया कि संविधान पर वोटिंग कराने का मतलब संविधान सभा के अंत का रास्ता तैयार करना होगा। फिर भी सभाध्यक्ष नेम्वाडका ने नेपाली कांग्रेस के मुख्य सचेतक को प्रश्नावली समिति के गठन का प्रस्ताव रखने को कहा। इसके बाद विपक्ष के सांसद सभाध्यक्ष के आसन की ओर दौड़ पड़े। सदन के मार्शलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, मगर वे विपक्षी सांसदों को शर्मनाक कृत्य करने से रोकने में नाकाम रहे। इन सांसदों ने न सिर्फ सभाध्यक्ष व सत्ताधारी नेताओं के माइक तोड़ डाले, बल्कि सदन की कुरसियां व अन्य चीजें भी तोड़ दीं। वैसे, नेपाल की संसद में बेशर्मी के प्रदर्शन का यह पहला वाकया नहीं है। 1990 के दशक में भी जब सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने टनकपुर समझौते को सदन से पास कराने की कोशिश की थी, तब सीपीएन-यूएमएल के सांसदों ने संसद को कई घंटों के लिए बंधक बना लिया था। बहरहाल, सच्चाई यही है कि सदन के भीतर सांसदों का कृत्य तब भी भर्त्सना के लायक था और आज भी उसकी निंदा ही की जाएगी। हम पूरी जिम्मेदारी के साथ ऐसे आचरणों की भर्त्सना करते हैं। दुख की बात यह है कि नेपाल बंद के दौरान पूरे देश में गुंडागर्दी की घटनाएं देखने को मिलीं। हमारे अखबार भी निशाने पर रहे। लेकिन संविधान लेखन को लेकर हम अब भी अपने रुख पर कायम हैं कि नए संविधान की घोषणा सर्वसम्मति से होनी चाहिए।
द काठमांडू पोस्ट, नेपाल

 

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