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इमलाक गांव में बिछने लगे तार, जगी रोशनी की आस

बीस साल में एक भी दिन बिजली के तारों में करेंट नहीं दौड़ा। गांव के बच्चों को नहीं मालूम कि इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण किस तरह इस्तेमाल किए जाते हैं। हिन्दुस्तान ने इमलाक गांव और देवापुर के लोगों का दर्द...

इमलाक गांव में बिछने लगे तार, जगी रोशनी की आस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 17 Jan 2015 11:24 AM
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बीस साल में एक भी दिन बिजली के तारों में करेंट नहीं दौड़ा। गांव के बच्चों को नहीं मालूम कि इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण किस तरह इस्तेमाल किए जाते हैं। हिन्दुस्तान ने इमलाक गांव और देवापुर के लोगों का दर्द बयां किया तो बिजली वाले नींद से जागे। विधायक कुंदरकी हाजी रिजवान को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ। दो दिन बाद ही इमलाक गांव में तार जोड़े जाने का काम शुरू हुआ तो गांव के लोगों को बिजली मिलने की आस जगी। गांव के लोगों के चेहरों पर मुस्कान नजर आने लगी है। महिलाओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के उपयोग की तैयारी शुरू कर दी है।

कुंदरकी विधानसभा के इमलाक गांव के लोग पिछले बीस साल से उपेक्षा का दंश झेल रहे थे। तमाम कवायदों के बाद भी किसी ने गांव के लोगों के दर्द को नहीं समझा। थकहार कर गांव के लोग खामोश हो चुके थे। हिन्दुस्तान की टीम को गांव के लोगों की दिक्क त के बारे में जानकारी हुई। टीम ने गांव का हाल जाना और गांव के बुजुर्गों से बात करने पर मालूम हुआ कि यहां तो बीस साल से बिजली नहीं है। बिजली के तार सिर्फ देखने के लिए हैं और गांव के लोग इनका इस्तेमाल कपड़े सुखाने के लिए करते हैं। हिन्दुस्तान अखबार में प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित होने के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिजली न मिलने के बारे में जानकारी ली।

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी विजय विश्वास पंत ने भी मामले को गंभीरता से लिया और जांच कराने के बाद गांव के लोगों को बिजली दिए जाने के आदेश दे दिए। मंगलवार की सुबह इमलाक में तार के चार बंडल लेकर बिजली टीम भी गांव में पहुंच गई और उन्होंने टूटे हुए तारों को जोड़ना शुरू कर दिया। शाम तक गांव के पोल पर तार खींचने का काम शुरू कर दिया गया था। तार जोड़े जाने की खबर जैसे ही गांव के लोगों तक पहुंची तो वहां भीड़ जुट गई। लोगों की उम्मीद जगी की अब तो हमारी मुराद पूरी होने वाली है। महिलाओं ने भी टीवी और अन्य उपकरणों को साफ करना शुरू दिया। गांव के लोगों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।

 

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