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इतालवी मरीन को न्यायालय ने तीन माह और इटली में रहने की अनुमति दी

वर्ष 2012 में भारतीय मछुआरों को मार डालने के आरोपी एक इतालवी मरीन मासिमिलियानो लातोरे को उच्चतम न्यायालय ने आज चिकित्सकीय आधार पर और तीन माह के लिए उसे उसके देश इटली में रहने की अनुमति दे दी।...

इतालवी मरीन को न्यायालय ने तीन माह और इटली में रहने की अनुमति दी
एजेंसीWed, 14 Jan 2015 01:13 PM
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वर्ष 2012 में भारतीय मछुआरों को मार डालने के आरोपी एक इतालवी मरीन मासिमिलियानो लातोरे को उच्चतम न्यायालय ने आज चिकित्सकीय आधार पर और तीन माह के लिए उसे उसके देश इटली में रहने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति ए आर दवे की अगुवाई वाली पीठ ने मरीन लातोरे के आग्रह को केंद्र के यह कहने के बाद स्वीकार कर लिया कि उसे मानवीय आधार पर आग्रह स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं है। इस मरीन का हाल ही में इटली में हदय का ऑपरेशन हुआ था। पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति शिव कीर्ती सिंह भी शामिल हैं।  

इटली के राजदूत ने एक हलफनामा दिया जो उनके द्वारा 12 सितंबर 2014 को दिए गए हलफनामे से मिलता जुलता था जब लातोरे को पिछले साल नयी दिल्ली में 31 अगस्त को आघात होने के बाद इलाज की खातिर चार माह के लिए उसके देश जाने की अनुमति दी गई थी। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पी एल नरसिम्हा ने पीठ को बताया कि उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि इतालवी राजदूत द्वारा हलफनामा दिए जाने के बाद मरीन के आग्रह पर विचार किया जाए।

मरीन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सोली सोराबजी ने कहा कि समान शर्तों वाले हलफनामे के साथ राजदूत तैयार हैं। पीठ ने मरीन का आग्रह स्वीकार कर लिया लेकिन कहा कि वह स्वास्थ्य आधार पर तीन माह का समय और मांग रहा है जो थोड़ा आश्चर्यजनक है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 12 सितंबर को लातोरे को केंद्र के यह कहने के बाद उसके देश जाने की अनुमति दी थी कि उसे (केंद्र को) इस बारे में सैद्धांतिक तौर पर कोई आपत्ति नहीं है।

उच्चतम न्यायालय ने लातोरे द्वारा भारत से जाने और वापस लौटने की तारीखों के बारे में दिए गए सुस्पष्ट हलफनामे को भी रिकॉर्ड में लिया था। साथ ही न्यायालय ने इटली गणराज्य की ओर से इतालवी राजदूत द्वारा दिए गए हलफनामे को भी रिकॉर्ड में लिया जिसमें कहा गया था कि बीमार मरीन अपने देश जाने के लिए सभी निर्धारित शर्तों का पालन करेगा। पिछली सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की पीठ ने इस मामले को यह कहते हुए एक अन्य पीठ के पास भेज दिया था कि मरीन के चिकित्सकीय आधार पर प्रवास की अवधि बढ़ाने संबंधी आवेदन पर विचार करना उसके लिए ठीक नहीं है, क्योंकि उसने पूर्व में ऐसे ही आग्रह पर कुछ आपत्तियां जताई थीं और कुछ टिप्पणियां की थीं।

इसके बाद यह मामला आज के लिए सूचीबद्ध किया गया था। भारतीय मछुआरों को मार डालने के मामले में हत्या के आरोपों का सामना कर रहे दो इतालवी मरीनों में से एक, लातोरे ने सात जनवरी को उच्चतम न्यायालय से इस आधार पर इटली में अपने प्रवास की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया था कि पांच जनवरी को उसका हदय का एक ऑपरेशन हुआ है। यह मामला इतालवी मरीनों मासिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने द्वारा 15 फरवरी 2012 को केरल के तट पर इतालवी पोत एनरिका लेक्सी से दो भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर मार डालने से संबंधित है।

पूर्व में पीठ ने लातोरे के इटली प्रवास की अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया था। साथ ही उसने सह आरोपी सल्वातोरे गिरोने का वह आग्रह भी ठुकरा दिया था जिसमें उसने क्रिसमस मनाने के लिए इटली जाने की अनुमति मांगी थी। पीठ ने तब कहा था कि उन्हें ऐसी छूट नहीं मिल सकती। दोनों मरीनों के खिलाफ शिकायत फ्रेडी नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी जो मछली पकड़ने वाली नौका सेंट एंटनी का मालिक है। दोनों भारतीय मछुआरे सेंट एंटनी पर ही थे जब मरीनों ने कथित तौर पर भूलवश उन्हें जलदस्यु समझ कर उन पर गोलीबारी शुरू कर दी थी।

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