अलीगढ़: सरे बाजार बसपा नेता को गोलियों से भूना
बिल्डर और बसपा नेता धर्मेन्द्र चौधरी को सीओ सिटी द्वितीय के आफिस के पास गोलियों से भून दिया गया। पूरी तरह से फिल्मी स्टाइल में पहले सिर पर पैर रखा, फिर दोनों हाथों में पिस्टल लेकर ताबड़तोड़ दो दर्जन...
बिल्डर और बसपा नेता धर्मेन्द्र चौधरी को सीओ सिटी द्वितीय के आफिस के पास गोलियों से भून दिया गया।
पूरी तरह से फिल्मी स्टाइल में पहले सिर पर पैर रखा, फिर दोनों हाथों में पिस्टल लेकर ताबड़तोड़ दो दर्जन से अधिक गोलियां दाग डालीं। इनमें से करीब दर्जन भर गोलियां धर्मेन्द्र चौधरी के शरीर में जा समाईं।
बाद में हत्यारे असलहे लहराते हुए फरार हो गए। पहली बार इस तरह से हुई हत्या को लेकर पुलिस सकते हैं। वह इसे किसी कुख्यात शूटरों का कारनामा मान कर चल रही है।
मूलरूप से बुलंदशहर जिले के थाना सलेमपुर के गांव बड़ौदा निवासी धर्मेन्द्र चौधरी पिछले आठ-नौ सालों से क्वार्सी क्षेत्र के गुलजार नगर में रहते थे।
पहले उन्होंने सिक्योरिटी एजेंसी चलाई, लेकिन बाद में बिल्डर बन गए। फिलहाल वह शहर की प्रसिद्ध कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्लोबल इन्फोटेक में पार्टनर थे।
वर्ष 2017 के चुनाव के लिए बसपा ने उन्हें अतरौली विधानसभा के लिए उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था।
शनिवार को धर्मेन्द्र चौधरी ने दोपहर में रामघाट रोड स्थित बसंत वाटिका में हुई बिल्डर एसोसिएशन की बैठक में भाग लिया। वहां से वह अतरौली क्षेत्र के गांव ऊतरा और तबतू में जनसंपर्क करने चले गए।
वहां से लौटकर देर शाम आफिस आए। साथ रहने वाले चार निजी सुरक्षा गार्डों को घर भेज दिया। फिर गली गुल्लूजी स्थित अग्रवाल स्वीट के मालिक राकेश अग्रवाल से फारच्यूनर गाड़ी से मिलने चल दिए।
गाड़ी को नगला तिकोना निवासी चालक संजय चला रहा था। धर्मेन्द्र चौधरी की पिस्टल भी चालक के पास थी।
करीब रात साढ़े आठ बजे का समय था। धर्मेन्द्र चौधरी की गाड़ी जैसे ही बारहद्वारी स्थित पुराने नगर निगम परिसर के पास पहुंची। परिसर में सीओ सिटी द्वितीय का कार्यालय भी है।
तभी दो बाइकों पर सवार पांच शूटर आ धमके। एक बाइक पर सवार तीन शूटर तो नगर निगम परिसर के दरवाजे के पास खड़े हो गए, जबकि दूसरी बाइक पर सवार दो शूटरों ने अचानक गाड़ी के आगे बाइक लगा दी।
धर्मेन्द्र कुछ समझ पाते, तब तक एक पीछे बैठा शूटर बाइक से उतरा। दाहिनी साइड में बीच की सीट पर बैठे धर्मेन्द्र चौधरी पर दो गोली दाग दीं।
अचानक हमले से घबराए धर्मेन्द्र ने भागने के लिए उसी साइड का दरवाजा खोला। इस पर दरवाजा जोर से शूटर से टकराया और वह नीचे गिर पड़ा।
मौका मिलते ही घायल अवस्था में धर्मेन्द्र चौधरी भागने लगे। तभी बाइक पर खड़े दूसरे शूटर ने उन्हें घेर लिया। उसने बाइक की टक्कर से धर्मेन्द्र चौधरी को सड़क पर गिरा दिया।
शूटर ने बाइक खड़ी की और धर्मेन्द्र चौधरी के सिर पर पैर रखा। फिर दोनों हाथों में पिस्टल लेकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया। करीब दो दर्जन से अधिक गोलियां चलाने के बाद शूटर रुका। उसने गिरे हुए साथी को उठाया और दूसरी बाइक पर सवार तीन अन्य साथियों के साथ फरार हो गए।
वारदात के समय बाजार में भगदड़ मच गई और जिसे जहां जगह मिली वहीं जान बचाकर छिप गया। खबर मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे। खून से लथपथ धर्मेन्द्र चौधरी को लेकर रामघाट रोड स्थित वरुण ट्रामा लेकर पहुंचे। वहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।