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पीएमसीएच का धन्वन्तरि छात्रावास मेंपानी नसीब नहीं

बिना पानी का भी जीवन कट जाता है पीएमसीएच में पढ़नेवाले छात्रों का। चार दिनों से एक बूंद भी धन्वन्तरि छात्रावास में पानी नहीं मिला। छात्रों की पीड़ा यह है कि सुबह 8 बजे से क्लास में शामिल होने के लिए...

 पीएमसीएच का धन्वन्तरि छात्रावास मेंपानी नसीब नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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बिना पानी का भी जीवन कट जाता है पीएमसीएच में पढ़नेवाले छात्रों का। चार दिनों से एक बूंद भी धन्वन्तरि छात्रावास में पानी नहीं मिला। छात्रों की पीड़ा यह है कि सुबह 8 बजे से क्लास में शामिल होने के लिए उन्हें तीन बजे सुबह में जगना पड़ता है। यह हाल वर्षो से पीएमसीएच के धन्वन्तरि और चरक छात्रावास में बनी हुई है। चरक छात्रावास में रहनेवाले छात्रों की तो अलग कहानी है।ड्ढr ड्ढr राज्य के भावी चिकित्सकों की दिनचर्या ही निराली है। धन्वन्तरि छात्रावास में 54 कमरों में 160 छात्र रहकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। छात्रावास के ग्राउण्ड फ्लोर के सभी शौचालय डेढ़ वर्षो से बेकार पड़े है। 160 छात्रों को तैयार होने के लिए सिर्फ आठ बॉथरूम ही उपयोगी हैं। स्वच्छ पानी पीने के लिए एक्वागार्ड लगाया गया है जो बेकार है। मेस के पास पूर अस्पताल का कचरा जमा होता है। इस गंदगी से छात्रों में फूड प्वाइजनिंग होते रहता है। वह दवा खाकर जीवन गुजार लेते हैं। सफाई का घोर अभाव है। उधर प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए आवंटित चरक छात्रावास में रहनेवाले छात्रों की हालत तो और भी खराब है।ड्ढr ड्ढr छात्रावास की सीलिंग टूटकर गिर रही है। बरामदे में कुछ तख्तियों को जोड़कर कमरा बनाया गया है। दीवार की कमी को पूरा करने के लिए छात्र पेपर और बेडशीट टांग कर रहते हैं। छात्रों का कहना था कि यहां पर सिर्फ दीवारं और छत दी जाती है। आवंटित कमरं में बिजली की व्यवस्था अपने खर्च से करनी पड़ती है। छात्र अपना पंखा-कूलर लगाकर रहते हैं। यहां पर पानी और शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं है। कॉलेज के प्राचार्य डा. आर. के. पी. सिंह ने बताया कि चरक छात्रावास को तोड़कर नया भवन बनाने की योजना है। सभी छात्रावासों को अत्याधुनिक बनाने की कार्रवाई की जा रही है। सभी को सुविधा सम्पन्न बनाया जाएगा।ं

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