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वशिष्ठ की आंखों की रोशनी मद्धिम पड़ी

इांीनियर रामानुजम माने जाने वाले गणितज्ञ डा. वशिष्ठ विपरीत मनोदशा से जूझने के बाद अब आंखों की रोशनी मद्धिम पड़ने से तंग हैं। उनकी दोनों आंखें मोतियाबिंद से ग्रस्त हो गई हैं। पटना व भोजपुर की...

 वशिष्ठ की आंखों की रोशनी मद्धिम पड़ी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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इांीनियर रामानुजम माने जाने वाले गणितज्ञ डा. वशिष्ठ विपरीत मनोदशा से जूझने के बाद अब आंखों की रोशनी मद्धिम पड़ने से तंग हैं। उनकी दोनों आंखें मोतियाबिंद से ग्रस्त हो गई हैं। पटना व भोजपुर की स्वास्थ्य टीम द्वारा की गई जांच के क्रम में इसकी पुष्टि हुई है। नये-नये सूत्रों का सूत्रपात कर गणित की दुनिया में अपनी क्षमता का लोहा मनवाने वाले गणितज्ञ वशिष्ठ लंबे समय से साक्षोफ्रिनिया रोग से ग्रसित हैं। विलक्षण प्रतिभा के धनी बिहार की इस विभूति को मानसिक रोग से ठीक करने के लिए सरकार के स्तर से महा औपचारिक प्रयास किये गए। कैलिफोर्निया बर्कले यूनिवर्सिटी व हावर्ड के साथ-साथ एसएसआई कोलकाता में प्रोफेसर रहे डा. वशिष्ठ ने गणितीय सूत्रों में अपनी मिट्टी का रंग भरा। गंवई अंदाज में कभी दार्शनिक बातें करते हैं तो कभी एनर्जी के नए सूत्र ढूंढने लगते हैं।ड्ढr ड्ढr भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में जन्मे डा. वशिष्ठ पुणे के खंडवा स्टेशन पर गुम हुए तो उन्हें ढूंढ़ने वालों को तत्कालीन लालू सरकार ने नौकरी दी थी। उनकी देखभाल के लिए रोगार पाने वालों ने भी मुंह मोड़ लिया। बेगूसराय के रहने वाले रविशंकर नामक एक इांीनियर ने हाल ही में मैग्नेटिक वेब थिरपी के अन्तर्गत मेटल मिनिरल मसाज विधि से उनका इलाज शुरू किया है। इस विधि से इलाज के बाद उनकी बेतरतीब जीवनचर्या व हाव-भाव में जरूर सुधार हुआ है लेकिन नये गणितीय सूत्रों को ढूंढने लायक नहीं। परिषद में विधान पार्षद लालदास राय द्वारा उठाये गए मुद्दे पर सरकार ने उनके इलाज का खर्च देने की घोषणा की है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के आरडीडी के नेतृत्व में भी एक जांच टीम ने बसंतपुर का दौरा किया जो स्वास्थ्य सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सूबे में प्रतिभा की इस गणितीय पूंजी को संजोने के प्रयास पुरानी लीक पर फिर न चल पड़े इसको लेकर चिन्ताएं हैं।

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