लोकसभा ने कोयला खान विधेयक को मंजूरी दी
लोकसभा ने शुक्रवार को कोयला खान (विशेष उपबंध) विधेयक 2014 को अपनी मंजूरी दे दी। सरकार ने इस विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की कुछ विपक्षी सदस्यों की मांग को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि देश में...
लोकसभा ने शुक्रवार को कोयला खान (विशेष उपबंध) विधेयक 2014 को अपनी मंजूरी दे दी। सरकार ने इस विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की कुछ विपक्षी सदस्यों की मांग को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि देश में कोयला एवं बिजली उत्पादन बढ़ाने, कोयला ब्लाकों के आवंटन के संबंध में पारदर्शिता लाने, श्रमिकों से जुड़े विषयों को सुलझाने के लिए यह विधेयक अत्यंत जरूरी है।
कोयला खान विधेयक 2014 पर चर्चा का जवाब देते हुए कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कोल इंडिया लिमिटेड को निजी हाथों में सौंपने की विपक्ष की आशंकाओं को निर्मूल बताते हुए कहा कि राष्ट्रीयकरण को समाप्त करने का अर्थ होता है कि निकाय के स्वामित्व या प्रबंधन को निजी हाथों में सौंपना। सीआईएल के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। इसकी बजाए हम सीआईएल को और मजबूत बनाना चाहते हैं।
मंत्री ने कहा कि कोयला ब्लाक के आवंटन में गड़बड़ियों के संबंध में उच्चतम न्यायालय की ओर से 204 ब्लाकों का आवंटन रद्द किये जाने के बाद इस क्षेत्र के लिए एक अध्यादेश लाया गया था। अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाने की जरूरत के मद्देनजर ही कोयला खान विधेयक 2014 लाया गया। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि देश में बिजली की कटौती नहीं हो। कोयला एवं बिजली उत्पादन बढ़े।
गोयल ने कहा कि 204 ब्लाकों को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रद्द किया गया। इनमें से कुछ ब्लाक सरकार को और कुछ निजी क्षेत्र को दिए गए थे। यह नि:शुल्क दिया गया जो कि पूर्व में लाभ कमाने का साधन बन गए थे। इस विधेयक के माध्यम से इस पुरानी व्यवस्था को समाप्त किया गया है।
मंत्री ने कहा कि कोयला ब्लाकों की ई नीलामी होगी जो पारदर्शित की ओर एक बड़ा कदम है। इससे प्राप्त निधि का एक हिस्सा राज्यों को जायेगा और लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।