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बदलती आर्थिक जरूरतों को पूरा करे नया निकाय : मोदी

योजना आयोग ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित एक समूह को सुझाव दिया कि उसकी जगह प्रस्तावित नये निकाय का ढांचा बदलती आर्थिक जरूरतों को पूरा करने वाला हो और इसमें विभिन्न क्षेत्रों...

बदलती आर्थिक जरूरतों को पूरा करे नया निकाय : मोदी
एजेंसीSun, 07 Dec 2014 03:25 PM
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योजना आयोग ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित एक समूह को सुझाव दिया कि उसकी जगह प्रस्तावित नये निकाय का ढांचा बदलती आर्थिक जरूरतों को पूरा करने वाला हो और इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा राज्यों के प्रतिनिधि रखे जाएं।
    
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्रियों के इस समूह के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में योजना की सचिव सिंधूश्री खुल्लर ने कहा कि नए संस्थान में 8 से 10 नियमित सदस्य या कार्यकारी सदस्य हो सकते हैं जिनमें से आधे राज्यों के प्रतिनिधि हों।  
    
उन्होंने सुझाव दिया कि शेष सदस्य पर्यावरण, वित्त या अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा इंजीनियर या वैज्ञानिक हो सकते हैं। आयोग का सुझाव है कि नये निकाय के अध्यक्ष का पद पदेन हो सकता है और प्रधानमंत्री निकाय के प्रमुख हो सकते हैं।  
     
मोदी ने यह बैठक योजना आयोग के स्थान पर बनने वाले संस्थान पर विचार विमर्श के लिए आयोहित की। बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (उत्तर प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), देवेंद्र फडनवीस (महाराष्ट्र), वसुंधरा राजे (राजस्थान), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), रमन सिंह (छत्तीसगढ़), हरीश रावत (उत्तराखंड) और ओमान चांडी (केरल) शामिल हुए।
    
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बैठक में राज्य सरकार का प्रनिधित्व किया। खुल्लर ने अपने प्रस्तुतीकरण में सुझाव दिया कि प्रस्तावित नई संस्था परियोजनाओं की निगरानी व आकलन, विभिन्न क्षेत्रों और मंत्रालयों से एक साथ जुड़े मामलों में विशेषज्ञता सेक्टोरल, अंतर मंत्रालयी विशेषज्ञता तथा आकलन व परियोजनाओं की निगरानी का कार्य करेगा।
    
यह सुझाव दिया गया कि नया निकाय उसे भेजे गए मामलों में प्रधानमंत्री को सलाह देगा। इसके अलावा यह शोध संस्थान के रूप में काम करेगा तथा विश्वविद्यालयों व अन्य संस्थानों के साथ उसका नेटवर्क होगा। नया संस्थान विभिन्न मसलों पर राज्यों और केंद्र को आंतरिक सलाहकार सेवाएं दे सकता है। इसके अलावा यह मध्यम व दीर्घावधि की रणनीति की अभिकल्पना भी तैयार कर सकता है।  
     
प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में योजना आयोग को समाप्त करने और इसकी जगह नया संस्थान स्थापित करने की घोषणा की थी। योजना आयोग का गठन 1950 में किया गया था।
     
मोदी ने कहा था, हम जल्द योजना आयोग के स्थान पर नया संस्थान स्थापित करेंगे। देश की आंतरिक स्थिति बदली है। वैश्विक वातावरण बदला है। हम एक रचनात्मक सोच वाला संस्थान चाहते हैं, जिससे युवाओं की क्षमता का अधिकतम इस्तेमाल किया जा सके।
    
आयोग ने विशेषज्ञों के साथ बैठक कर नए संस्थान के ढांचे पर विचार विमर्श किया है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने योजना आयोग का गठन किया था।

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