फोटो गैलरी

Hindi Newsबगदादी की अलहदा शैली ने बनाया आईएस को कामयाब

बगदादी की अलहदा शैली ने बनाया आईएस को कामयाब

अबु बकर अल-बगदादी के नेतृत्व ने आईएसआईएस को दुनिया का सबसे कामयाब और घातक आतंकी संगठन बना दिया है। बगदादी  की अगुवाई में न सिर्फ इराक-सीरिया में इस्लामिक स्टेट बना, बल्कि खलीफा राज भी कायम हुआ।...

बगदादी की अलहदा शैली ने बनाया आईएस को कामयाब
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 Dec 2014 09:17 PM
ऐप पर पढ़ें

अबु बकर अल-बगदादी के नेतृत्व ने आईएसआईएस को दुनिया का सबसे कामयाब और घातक आतंकी संगठन बना दिया है। बगदादी  की अगुवाई में न सिर्फ इराक-सीरिया में इस्लामिक स्टेट बना, बल्कि खलीफा राज भी कायम हुआ। आईएस की सफलता और घातकता की वजह रही अल-बगदादी  की बाकी आतंकी संगठनों के नेताओं से अलहदा कार्यशैली।

अमेरिका के नेशनल कंसोर्टियम फॉर द स्टडी ऑफ टेरोरिज्म एंड रिस्पांसेज टू टेरोरिज्म (स्टार्ट) के ताजे अध्ययन में जो बातें निकलकर आई हैं, वह चौंकाती हैं। स्टार्ट यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड के होमलैंड सिक्यूरिटी साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का एक विभाग है।

अध्ययन में आईएस की सफलता में तीन तथ्य बताए गए हैं। ये हैं 1-अलहदा नेतृत्व शैली और ढांचा 2-साइबर का बेहतरीन इस्तेमाल, 3- अस्थिर क्षेत्र में संगठन को कानूनी स्वीकृति दिलाना। इसके अलावा उसे ब्रांडिंग में भी महारत है।
 
अध्ययकर्ताओं ने बगदादी के पूर्व नेताओं जरकावी और मसरी के अलावा बोको हराम, अल कायदा के नेतृत्व का भी विश्लेषण किया है। उन्होंने दावा किया है कि दुनिया में मौजूद 90 वाइलंट एक्सट्रीजम आर्गेनाइजेशन (वीईओ) में आईएस और बगदादी सबसे अलहदा हैं।

अध्ययन के अनुसार बगदादी में ये कुछ बातें हैं-
1- अधिक सामाजिकता-व्यावहारिकता, इसलिए घातक बगदादी लोगों से घुलता मिलता है। उसमें व्यावहारिकता भी काफी है। जरूरी नहीं कि हर काम उससे पूछ कर किया जाए। अध्ययन कहता है कि जो नेता सामाजिक होता उसके काफी अनुयायी बन जाते हैं। इसलिए बगदादी के नेतृत्व में आईएस तेजी से फैला। जबकि अन्य आतंकी संगठनों के नेता ज्यादा व्यक्तिवादी होते हैं। यही कारण है कि बगदादी में घातकता काफी है।

2- निचले नेतृत्व को आजादी से काम का मौका नीचे के नेतृत्व को काम करने का पूरा अवसर देता है। उन्हें वह लक्ष्य देता है। फिर हस्तक्षेप नहीं करता है। इसके अलावा वह कार्य विभाजन में जिम्मेदारियों को लगातार बदलता रहता है। इससे उसके लोग हर तरह की जिम्मेदारी संभाल लेते हैं। वह किसी सफलता की जिम्मेदारी को अपने साथियों में बराबर साझा करता है।

3- पूर्ण समन्वय के साथ हमलों को अंजाम देना देखा जाए तो वह जरकावी -मसरी के मुकाबले बगदादी ज्यादा समन्वय के साथ हमले करता है। इसलिए उसके खाते में कामयाबी अधिक है। इसलिए वह घातक भी ज्यादा है।

4- हर काम की विधिवत जिम्मेदारी देना बगदादी ने वित्त, संसाधन, सैन्य या अन्य विभागों का गठन बेहतरीन ढंग से किया है। वह मानव संसाधन और आर्थिक मजबूती पर काफी जोर देता है।

5- ढांचों को नुकसान नहीं पहुंचाना आईएस के मुखिया बगदादी ने इराक-सीरिया में ढांचागत विकास को निशाना नहीं बनाया। यानी फ्लाईओवर, बैंक, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली, तेल कुएं या तेल रिफाइनरी को नुकसान नहीं पहुंचाया। बल्कि इन पर कब्जा किया और फिर इनका अपने लिए इस्तेमाल किया। इसलिए वह एक देश बनाने में कामयाब रहा। जबकि बोको हरम या अल कायदा या दूसरे आतंकी संगठन ढांचों को तबाह करते रहे हैं।

6- साइबर को साधना, मीडिया मुगल बनना साइबर और मीडिया के महत्व को बगदादी ने खूब समझा। यही कारण है हजारों लड़ाके उसके संगठन से जुड़े। उसके संगठन की ऑनलाइन पत्रिका दिबिक है। उसने मशहूर 10-12 फाइटर गेम में मामूली संशोधन कर अपने लड़ाकों को युद्ध में पारंगत किया। उसने साइबर और मीडिया के तहत आतंक को ग्लैमर में बदल दिया। अपने को मॉडल भी बना लिया। वॉग पत्रिका में बगदादी घड़ियांभी बेचता है। यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक पर आईएस के अकाउंट बंद भी हुए तो तुरंत नए अकाउंट खुल गए। उसके पास बेहद योग्य साइबर आर्मी है।

आईएसआईएल एक सफर
2004:  जरकावी ने अलकायदा सेंट्रल से गठजोड़ किया
2006:  जरकावी की मौत, मसरी नेता बना
2010:  मसरी मारा गया
2010:  बगदादी नेता बना
2012: सीरियाई संगठन से गठजोड़, आईएसआईएल बना
2014:  आईएसआईएल ने खलीफा राज की स्थापना की

आईएस के हमले
2004 से 2013 तक आईएस के आतंकी हमलों में उतार चढ़ाव रहा। इस दौरान संगठन तीन नेताओं के हाथ में रहा। जरकावी के समय 50-70 हमले हुए। मसरी के समय संख्या 55-70 के आसपास रही। 2010 में बगदादी ने कमान संभाली। इस साल हमलों की संख्या 80 हुई। 2011 में 50 से भी नीचे रही, लेकिन 2012 और 2013 में बगदादी ने हमलों से दहला दिया। 2012 में 300 और 2013 में 450 हमले आईएस ने किए।

 

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें