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केंद्र की नजर यादव सिंह के काले कारोबार पर

नोएडा अथारिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह के मामले पर केंद्र सरकार नजदीकी से नजर बनाए हुए है। इस संबंध में पूरा ब्यौरा वित्तमंत्रालय ने तलब किया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मामले से जुड़े पहलुओं पर...

केंद्र की नजर यादव सिंह के काले कारोबार पर
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 Dec 2014 08:16 PM
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नोएडा अथारिटी के चीफ इंजीनियर यादव सिंह के मामले पर केंद्र सरकार नजदीकी से नजर बनाए हुए है। इस संबंध में पूरा ब्यौरा वित्तमंत्रालय ने तलब किया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मामले से जुड़े पहलुओं पर सोमवार शाम शीर्ष अधिकारियों से बात की है। केंद्र सरकार के आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय, ईडी सहित कई अन्य जांच एजेंसियों की भी इस मामले पर नजर है।

एक अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच यूपी में हो रही है,लेकिन जिस तरह का दायरा और संपर्क यादव सिंह का बताया जा रहा है उससे इसके तार अन्य राज्यों से जुड़े होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। अधिकारी हवाला के जरिए कारोबार की संभावना को भी नहीं नकार रहे हैं। आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि फिलहाल जांच यूपी में हो रही है लेकिन यह केस हमारे लिए केस स्टडी की तरह है।

सूत्रों ने कहा कि पहले भी कई ब्यूरोक्रेट भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्त में आ चुके हैं। यूपी में प्रमुख पद पर रहे एक अधिकारी और केंद्र में एक जांच एजेंसी के प्रमुख रहे एक अधिकारी के मामलों में और ताजा मामले में मॉडस अपरेंडी यानी भ्रष्टाचार का तरीका एक जैसा ही है। अधिकारी ने कहा, इन सभी मामलों में पाया गया कि फर्जी कंपनियां बनाई जाती हैं। उनके जरिए कालेधन को सफेद बनाने का प्रयास होता है। यादव सिंह के मामले में भी बड़े पैमाने पर कालेधन की आशंका जाहिर की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा प्रमुख मायावती पर हमला करते हुए भाजपा के दो सांसदों ने इस मामले को पूर्व में जोर शोर से उठाया था। इनमें से एक सांसद पहले कांग्रेस में थे। लेकिन बाद में यह सभी चुप हो गए। सूत्रों ने कहा कि यादव सिंह का राजनीतिक गलियारों में काफी रसूख रहा है। सपा के मौजूदा शासन में शुरुआती दिनों में उसे सपा नेतृत्व का भरोसा हासिल नहीं था लेकिन बाद में उसने यहां भी सेंध लगाने में सफलता हासिल की। उसने अपने पीआर और पैसे के खेल से कई बड़े लोगों को साध लिया था। अब मामला खुलने के बाद कई बड़ों का नाम सामने आने का डर राजनीतिक गलियारों में भी सताने लगा है।

वित्तमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अभी हमारा पूरे मामले से सीधा कोई लेना देना नहीं है,लेकिन बड़ा मामला होने के नाते हम पूरे मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। क्या केंद्र सरकार या इसकी एजेंसियां पूरे मामले की जांच करेंगी? इस सवाल पर अधिकारी ने कहा कि अभी हमारा रोल नहीं है। गेंद यूपी सरकार के ही पाले में है। अगर यूपी सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश करेगी तो केंद्र इसपर विचार करेगा।

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