फोटो गैलरी

Hindi Newsमै हमेशा ही सबसे बेहतर बनना चाहता हूं

मै हमेशा ही सबसे बेहतर बनना चाहता हूं

शतरंज में उन्होंने लगातार दूसरी बार यह कमाल किया है। मैगनस कार्लसन ने पिछले दिनों पांच बार शतरंज के विश्व चैंपियन रहे ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को फिर एक बार हराया। एक साल पहले भी उन्होंने यही...

मै हमेशा ही सबसे बेहतर बनना चाहता हूं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Nov 2014 10:14 PM
ऐप पर पढ़ें

शतरंज में उन्होंने लगातार दूसरी बार यह कमाल किया है। मैगनस कार्लसन ने पिछले दिनों पांच बार शतरंज के विश्व चैंपियन रहे ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को फिर एक बार हराया। एक साल पहले भी उन्होंने यही कामयाबी हासिल की थी, जो उनकी पहली बड़ी कामयाबी थी। यह बात अलग है कि इसके पहले वह 2010 से ही दुनिया की पहली रैंकिंग पर थे। हालांकि, इस बार चेन्नई में हुई चैंपियनशिप में वह अच्छी शुरुआती बढ़त के बाद खेल के बीच में कुछ ढीले पड़ने लगे थे, जिसके बारे में उनका कहना है कि वह बोर होने लगे थे। संयोग से आज 13 साल की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर बन गए कार्लसन का 24वां जन्मदिन भी है। विश्व चैंपियनशिप के तुरंत बाद रूस के सोच्ची में अनिक पॉल ने उनसे मुलाकात की। बातचीत का संक्षिप्त ब्योरा:

पिछले दिनों चेन्नई में हुए मैच से आपने क्या सबक सीखा?
मैंने यह सीखा कि शुरुआत से ही तैयार रहना सबसे महत्वपूर्ण होता है, यह नहीं होना चाहिए कि शुरू में आप थोड़े लापरवाह रहें। इस बार मैंने पूरे आत्म-विश्वास के साथ शुरुआत की, इसीलिए दूसरी ही बाजी जीतकर बढ़त लेने में भी कामयाब रहा। यही वह समय था, जब मेरे दिमाग में तरह-तरह के विचार आने लगे। मैं सोचने लग गया कि जब मैं बहुत अच्छा खिलाड़ी हूं, तो मैं यह मैच क्यों खेल रहा हूं? बस इसी समय मैं मैच से दूर जाने लग गया। ठीक इसी मौके का फायदा उठाकर विश्वनाथन आनंद ने खेल में शानदार वापसी की और तीसरी बाजी में मुझे हरा दिया।

विश्व चैंपियनशिप से पहले आपने कहा था कि इस बार आपका खेल ज्यादा स्थिर होगा, फिर हुआ क्या?
हालांकि, मेरी शुरुआत बहुत अच्छी थी और पहली दो बाजी में मैं हावी भी रहा। फिर मैंने कुछ गलतियां कर दीं, जिनसे मैं बच सकता था। मुझे भी ठीक से नहीं पता कि ये गलतियां क्यों हो गईं। वैसे, मैंने पहली बाजी में भी कुछ गलतियां की थीं। इसीलिए मैं पहली बाजी से कुछ ज्यादा हासिल नहीं कर सका। हालांकि, मेरी स्थिति अच्छी थी, लेकिन मैं इसका फायदा नहीं उठा सका। फिर सातवीं बाजी में मेरा ध्यान भंग हुआ। यह बाजी पूरे साढ़े छह घंटे तक चली थी और 122 चालों के बाद ड्रॉ हो गई थी। मुझे लगता है कि हर समय बहुत अच्छा खेलना काफी मुश्किल काम होता है। फिर ऐसे मौकों पर आप इस बात का दबाव भी महसूस करते हैं कि आप चैंपियनशिप का फाइनल खेल रहे हैं। ऐसे मौके पर आप हर समय साफ-साफ सोच सकें, यह बहुत आसान नहीं होता। पर अगले दो साल तक मुझे अपने विश्व चैंपियन के ओहदे का बचाव करना होगा, और मुझे उम्मीद है कि मैं कम गलतियां करूंगा।

इस बार पिछले साल की तुलना में आपकी तैयारी किस तरह से अलग थी, क्योंकि आपका प्रतिद्वंद्वी वही था?
इस बार हम दोनों ही पिछले साल के मुकाबले अलग ढंग से खेले, मैच की हर बाजी में। इसलिए इस बार ऐसा लग रहा था, जैसे मैं किसी अलग प्रतिद्वंद्वी से खेल रहा हूं। चेन्नई में तैयारी में मदद करने वाले खिलाड़ियों की हम दोनों की ही टीम अलग-अलग थी। इसलिए मुझे लगता है कि इस साल के मैच के लिए मैंने और आनंद, दोनों ने ही अलग ढंग से तैयारी की थी।

आपकी तैयारी में डेनिश ग्रैंडमास्टर पीटर हेन नीलसन का योगदान कितना रहा? खास तौर पर इस बात को देखते हुए कि 2012 तक लगातार दस साल वह आनंद की टीम में थे?
वह मेरी टीम के लीडर थे, इस लिहाज से उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा। लेकिन यह इस हिसाब से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं था कि वह आनंद की खेलने की शैली को अच्छी तरह जानते थे। वह मेरी टीम में थे, इसका यह अर्थ भी है कि आनंद यह अच्छी तरह जानते थे कि नीलसन मैच के लिए मेरी तैयारी किस तरह करवा सकते हैं। यह बहुत आसान नहीं है कि आपकी तैयारी का आधार वह व्यक्ति बने, जो आनंद को अच्छी तरह जानता है। फिर आनंद की टीम में भी इस बार कई नए लोग थे। नीलसन महत्वपूर्ण थे, क्योंकि वह इस सर्किट से काफी समय से बाहर थे और कई साल से उनकी क्षमताओं को कोई नहीं जानता था। फिर यह बात भी है कि मेरी और नीलसन की बहुत अच्छी निभी, इससे भी काफी फर्क पड़ता है।

आप इनफॉरमेशन तकनीक का स्टार्ट-अप भी चला रहे हैं, वह आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है?
पैसा कमाना मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है। लेकिन हां, मैंने एक बहुत अच्छा ऐप तैयार किया है, जिसका नाम है प्ले मैगनस। मेरे जीवन का ज्यादा बड़ा लक्ष्य यह है कि मैं शतरंज को दुनिया भर के लोगों के ज्यादा करीब लेकर जाऊं। मैं दुनिया भर में इस खेल को बढ़ावा देने की कोशिशों में बड़ी भूमिका निभाना चाहता हूं। मैं जो भी करता हूं, उसमें हमेशा ही सबसे अच्छा बनना चाहता हूं। और यह काम आसान नहीं है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें