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तकनीकी उपकरणों पर 4570 करोड़ खर्च करेगा भारत

सीमा पर जिन इलाकों में कंटीली बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां की निगरानी करने के लिए बीएसएफ कैमरों की मदद लेगी। भारत-पाक सीमा पर विदेशी तकनीक के जरिए सुरंगों का पता  लगाया जाएगा। बीएसएफ को...

तकनीकी उपकरणों पर 4570 करोड़ खर्च करेगा भारत
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 27 Nov 2014 10:31 AM
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सीमा पर जिन इलाकों में कंटीली बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां की निगरानी करने के लिए बीएसएफ कैमरों की मदद लेगी। भारत-पाक सीमा पर विदेशी तकनीक के जरिए सुरंगों का पता  लगाया जाएगा। बीएसएफ को विश्वस्तरीय तकनीकी उपकरण मुहैया कराने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। वर्ष 2017 तक तकनीकी उपकरणों की खरीद पर बीएसएफ 4570 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 

बुधवार को आयोजित सीमा सुरक्षा बल की वार्षिक प्रेसवार्ता में महानिदेशक डीके पाठक ने यह जानकारी दी है। उन्होंने दावा किया है कि बीएसएफ किसी भी स्थिति का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है। पिछले दो-तीन वर्ष में बीएसएफ की तैनाती वाले क्षेत्रों में घुसपैठ का एक भी मामला सामने नहीं आया है। जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में नदी-नालों या दूसरी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कंटीली बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां पर निगरानी के लिए कैमरों की मदद ली जाएगी। इसके लिए बीएसएफ के जम्मू एवं पंजाब सेक्टर के चार किलोमीटर लंबे टुकड़े में कैमरे का ट्रायल चल रहा है। सीमा की सुरक्षा के लिए जासूसी यंत्र, पूर्व चेतावनी के लिए मोशन सेन्सर अलार्म और मानव रहित विमानों का इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा रहा है। बीएसएफ की एयर यूनिट, जिसमें 8 एमआई-17 और वी-5 हेलीकॉप्टर शामिल हैं, इनकी नक्सलरोधी अभियान में मदद ली जाएगी। क्रीक और सुन्दरबन जैसे दुर्गम क्षेत्रों में बीएसएफ की जलीय क्षमता में भी वृद्धि की जा रही है।

तहरीक-ए-तालिबान से निपटने में सक्षम है बीएसएफ
अफगानिस्तान से नाटो सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के चलते पाक के सीमावर्ती इलाकों में आतंकी संगठनों की हलचल बढ़ी हैं। तालिबान सहित कई आतंकी समूह पाकिस्तान में नए ठिकाने तलाशने लगे हैं। भारतीय खुफिया इकाइयों के अलावा बीएसएफ को भी ऐसी जानकारी मिली है कि पाक अधिकृत पंजाब व सिंध प्रांत में अफगानिस्तान के आतंकी समूह अपनी गतिविधियां बढ़ रहे हैं। छोटे आतंकी संगठन पाक सेना और आईएसआई के बलबूते चल रही बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) का हिस्सा बनने की फिराक में हैं। तहरीक-ए-तालिबान, सिपा-ए-सहाबा, जेयूडी और हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा आदि संगठनों ने पाक अधिकृत पंजाब में अपनी गतिविधियां बढ़ दी हैं। इस बाबत डीके पाठक का कहना था कि बीएसएफ ऐसे संगठनों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।

छह सौ शहीदों के परिजनों को नौकरी
पिछले तीन वर्ष में सीमा सुरक्षा बल ने विभिन्न ऑपरेशनों में शहीद हुए छह सौ जवानों के परिजनों को नौकरी दी है। जवानों को मकान मुहैया कराने के लिए 6 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। नक्सल विरोधी अभियान में बीएसएफ ने भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है।
उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में अब तक 434 आई़ईडी़, 1735 किलो विस्फोटक, 886 जिलेटिन की छड़ीं, 2438 डेटोनेटर और 387 सेफ्टी फ्यूज पकड़े हैं।

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