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बीएचयू में दूसरे दिन ब्रोचा-बिड़ला हॉस्टल के छात्र भिड़े

काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में लगातार दूसरे दिन छात्रों का उपद्रव जारी रहा। 20 नवंबर को छात्र परिषद के समर्थन और विरोध को लेकर माहौल गर्म हुआ तो छात्रसंघ के समर्थन के मुद्दे पर शुक्रवार सुबह...

बीएचयू में दूसरे दिन ब्रोचा-बिड़ला हॉस्टल के छात्र भिड़े
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Nov 2014 12:31 PM
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में लगातार दूसरे दिन छात्रों का उपद्रव जारी रहा। 20 नवंबर को छात्र परिषद के समर्थन और विरोध को लेकर माहौल गर्म हुआ तो छात्रसंघ के समर्थन के मुद्दे पर शुक्रवार सुबह ब्रोचा और बिड़ला हॉस्टलों के छात्र आपस में भिड़ गए। दोनों ओर से पथराव हुआ, लाठियां चलीं और पेट्रोल बमों का इस्तेमाल हुआ। छात्रों के बीच अराजक तत्वों ने देसी तमंचों से फायरिंग भी की। इसमें 100 से अधिक छात्र घायल हुए हैं। अधिकतर के सिर फटे हैं। कई राहगीरों को भी चोटें आईं तो अनेक वाहन क्षतिग्रस्त हुए। 5 घंटे से अधिक समय तक छात्रों के आपसी संघर्ष होने देने के बाद जिला प्रशासन मयफोर्स परिसर में सक्रिय हुआ। छात्रावासों में चली तलाशी के दौरान 60 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया गया। इन्हें लंका और बड़ागांव थानों पर रखा गया है।

छात्रसंघ के समर्थकों ने कई संकायों में भी हंगामा किया। उनके रौद्र रूप को देखकर कई प्राध्यापकों ने खुद को कमरों में कैद कर लिया। उन्होंने बीएचयू के प्रभारी कुलपति राजीव संगल, चीफ प्राक्टर प्रो. एके जोशी समेत प्रॉक्टोरियल बोर्ड से सुरक्षा के लिए संपर्क करना चाहा मगर सभी के मोबाइल फोन बंद मिले। दोपहर बाद छात्रों के गुट ने कला संकाय के डीन आफिस में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की। सूचना पर फोर्स ने जाकर उन्हें खदेड़ा।


बिड़ला-सी हॉस्टल में रहने वाले कला और सामाजिक विज्ञान संकाय के छात्रों ने छात्रसंघ बहाली को लेकर गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन किया। उन्होंने छात्रावास के सामने से गु़जर रहे एक टाटा मैजिक समेत तीन वाहन फूंक दिए और दर्जनों गाडि़यां क्षतिग्रस्त कर दीं। इसके बाद हॉस्टल रोड पर उनके और पुलिस के जवानों के बीच कई घंटे गुरिल्ला युद्ध हुआ था जिसमें कई छात्र, पुलिस के जवान और एसओ घायल हो गए थे। बिड़ला-सी के बगल में ब्रोचा छात्रावास के छात्रों ने गुरुवार को भी पूरे घटनाक्रम से दूरी बनाए रखी थी। इस छात्रावास में अधिकतर विज्ञान और प्रबंधशास्त्र संकाय के छात्र रहते हैं। उनकी और आंदोलनकारी छात्रों के बीच गुरुवार को भी नोकझोंक हुई थी।

24 घंटे पहले की खुन्नस ने शुक्रवार सुबह उग्र रूप ले लिया। बिड़ला के छात्रों ने ब्रोचा के गेट पर पहुंचकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। विरोध पर वे और आक्रामक हो गए। ब्रोचा छात्रावास में घुस कर जो भी मिला, उसे लाठियों से पीटा। कुछ देर बाद ब्रोचा के भी छात्रों ने लामबंद होकर मोर्चा संभाल लिया। दोनों ओर से पत्थरों की बौछार होने लगी। देखते देखते पेट्रोल बम के धमाकों और देसी तमंचों की फायरिंग से इलाका थर्रा उठा। दोपहर लगभग 1 बजे तक चले संघर्ष में किसी के सिर फूटे तो किसी के चेहरे पर चोटें आईं। 100 से अधिक छात्रों ने सर सुंदरलाल अस्पताल और स्टूडेंट्स अस्पताल में मरहम-पट्टी करवाई। गंभीर रूप से घायल 32 छात्र इमरजेंसी में भर्ती कराए गए हैं। इस संघर्ष की आंच धीरे-धीरे विज्ञान संकाय में पहुंच गई। वहां से छात्र लामबंद होकर बिड़ला हॉस्टल की ओर बढ़ चले। अध्यापकों ने उन्हें किसी तरह मनाया।

लगभग दो बजे के डीएम प्रांजल यादव और अन्य अफसर भारी फोर्स के साथ हॉस्टल रोड पहुंचे। उनके आने तक दोनों छात्रावासों के बीच छिटपुट संघर्ष जारी था। बीएचयू के प्रभारी कुलपति समेत अन्य अधिकारी भी बुला लिये गए थे। डीएम के आदेश पर फोर्स दोनों छात्रावासों में घुसी। उपद्रव कर रहे छात्रों को पहचान-पहचान कर पुलिस ने पीटा। इस दौरान कुछ निरीह छात्र भी पिट गए। 60 छात्रों को हिरासत में लेकर बड़ागांव थाने भेजा गया। इस दौरान मीडिया को काफी दूर रोक दिया गया था। देरशाम लंका पुलिस ने भी 7 छात्रों को हिरासत में लिया।

बाद में जिलाधिकारी की सलाह पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिड़ला-ए, बी और सी के अलावा राजा राममोहन राय व लालबहादुर शास्त्री छात्रावासों को खाली कराने का आदेश जारी किया। इन छात्रावासों के करीब डेढ़ हजार छात्र बोरिया-बिस्तर लेकर घरों की ओर रवाना हो गए। देरशाम तक छात्रों का निकलना जारी था। परिसर में एहतियातन चार सीओ के साथ पुलिस और पीएसी तैनात की गई है। इन्हें टुकडि़यों में बंटकर उपद्रवियों की तलाश के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर, परिसर में विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन के प्रति आम प्राध्यापकों एवं छात्रों में काफी गुस्सा है। वे शुक्रवार को उपद्रवियों के खिलाफ देर से कार्रवाई शुरू किए जाने से क्षुब्ध थे।

पीएसी के जवानों को पानी पिलाने पर पिटाईः बीएचयू परिसर स्थित राजा राममोहन राय छात्रावास के छात्रों ने गुरुवार देर रात भाभा छात्रावास के कर्मचारियों और छात्रों की पिटाई कर दी। भाभा छात्रावास के कर्मचारियों का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने पीएसी के जवानों को पानी पिला दिया था। मारपीट की सूचना पर फोर्स पहुंची, तब तक उपद्रवी भाग चुके थे।

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