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बाबा से वसूला जाएगा खर्च!

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की लगातार अवमानना करने वाले बाबा रामपाल को पकड़ने के लिए नौ दिनो तक चले अभियान में सरकार को करीब 70 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। हिसार जिला प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी...

बाबा से वसूला जाएगा खर्च!
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Nov 2014 10:45 PM
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की लगातार अवमानना करने वाले बाबा रामपाल को पकड़ने के लिए नौ दिनो तक चले अभियान में सरकार को करीब 70 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। हिसार जिला प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी के अनुमान के मुताबिक, जवानों के प्रतिदिन के मूवमेंट पर करीब 6 करोड़ रुपए खर्च हुए। अंतिम दो दिन हुई कार्रवाई में 10-10 करोड़ रुपए का व्यय हुआ। इनमें जवानों के खर्चे से लेकर वाहनों और अन्य विभागों की गतिविधियां भी शामिल हैं।

रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद 10 नवंबर को हिसार में पैरा मिलिट्री फोर्स और हरियाणा पुलिस की कंपनियां आनी शुरू हो गई थीं। इसके बाद जवानों की संख्या लगातार बढ़ती गई। पिछले चार दिनों से फोर्स हिसार पुलिस लाइन्स और बरवाला में डटी हुई है।

पैरा मिलिट्री और हरियाणा पुलिस के कुल जवान: 30,000
प्रति जवान खर्चा:  1 हजार रुपए (प्रतिदिन)
कुल खर्चा: 3 करोड़ रुपए
करीब 100 आईपीएस और एचपीएस के अधिकारी 
प्रति अधिकारी खर्चा: 2 हजार रुपए (प्रतिदिन)
कुल खर्चा: 2 लाख रुपए
 
रोडवेज को भी घाटा
रामपाल प्रकरण को लेकर प्रदेश के विभिन्न डिपो से रोडवेज की करीब 300 बसें पुलिस डय़ूटी में लगी हुई हैं। इनमें रोडवेज के करीब 600 कर्मचारी भी तैनात हैं। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार, एक रोडवेज बस रोज करीब 15 हजार रुपए कमाई करती है।

पुलिस और प्रशासन ने रोडवेज बसों के अलावा करीब 700 वाहन अभियान में लगा रखे हैं। इनमें पुलिस की 400 बसें, 100 वज्र वाहन, 40 बुलेटप्रूफ वाहन, 40 एंबुलेंस, 30 जेसीबी, 20 क्रेन, 20 पीसीआर, 25 ट्रैक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के करीब 30 वाहन शामिल हैं। इन वाहनों के परिचालन पर भी रोज बड़ी रकम खर्च हो रही है।

क्या है मामला
12 जुलाई, 2006 को हरियाणा के रोहतक के करौंथा में बाबा रामपाल द्वारा संचालित सतलोक आश्रम के बाहर जमा भीड़ पर हुई फायरिंग में झज्जर के एक युवक की मौत हो गई थी। मृतक के भाई का कहना है कि गोली आश्रम की ओर से चली थी। इस मामले में बाबा रामपाल और उनके 37 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।

करौंथा स्थित सतलोक आश्रम का स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे थे। इसी मुद्दे पर 12 मई, 2013 को करौथा में पुलिस व ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई थी। 14 मई, 2013 को पुलिस ने आश्रम खाली कराया। रामपाल बरवाला स्थित आश्रम में चले गए। करौंथा आश्रम को प्रशासन ने कब्जे में ले लिया। इन्हीं मामलों में बाबा रामपाल और उनके अनुयायियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।

रामपाल की पेशी से छूट खत्म होने के बाद हिसार कोर्ट में 14 मई, 2014 को उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। सुनवाई के दिन समर्थकों ने कोर्ट परिसर में घुसकर बवाल काटा। वकीलों से हाथापाई की और जजों के खिलाफ नारेबाजी भी की। हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया। उनको पेश होने का आदेश दिया गया। कई सुनवाई पर बाबा पेश नहीं हुए तो अदालत ने रामपाल और उनके अनुयायी व सेवा समिति के अध्यक्ष रामकुमार ढाका के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।

ढाका पेश हो चुके हैं, उन्हें जमानत भी मिल गई है। बाबा रामपाल को पहले पांच नवंबर, फिर 10 नवंबर और फिर 17 नवंबर को पेश होने की तारीख दी गई। लेकिन हर बार वह मेडिकल रिपोर्ट भिजवा देते हैं। इस बार पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 21 नवंबर को बाबा को पेश करने के लिए कहा है।

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