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कोयला ब्लॉक के लिए दर्डा ने पीएमओ को लिखा था पत्र

सीबीआई ने बुधवार को एक विशेष अदालत से कहा कि राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और दूसरों को कई पत्र लिखे...

कोयला ब्लॉक के लिए दर्डा ने पीएमओ को लिखा था पत्र
एजेंसीWed, 05 Nov 2014 05:32 PM
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सीबीआई ने बुधवार को एक विशेष अदालत से कहा कि राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और दूसरों को कई पत्र लिखे थे।

सीबीआई अभियोजकों और जांच अधिकारी ने कोयला घोटाला प्रकरण में मामला बंद करने के लिये दायर रिपोर्ट पर आगे बहस करते हुए अदालत को बताया कि दर्डा ने इस संबंध में पीएमओ तथा अन्य को 10 पत्र लिखे थे।

सीबीआई अभियोजकों ए पी सिंह और वी के शर्मा ने विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर से कहा कि विजय दर्डा ने राज्यसभा सदस्य होते हुए जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए पीएमओ और अन्य को 10 पत्र लिखे। वह स्वयं कंपनी में निदेशक थे।

सीबीआई ने इस मामले को बंद करने के लिये रिपोर्ट दायर कर रखी है जिसमें उसने पहले जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड, उसके निदेशकों विजय दर्डा, उनके पुत्र देवेंद्र दर्डा, राजेंद्र दर्डा, मनोज जायसवाल, आनंद जायसवाल और अभिषेक जायसवाल तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

अदालत ने दलीलें सुनने के बाद मामला बंद करने संबंधी रिपोर्ट पर गौर करने के लिए 20 नवम्बर की तारीख तय कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि दलीलें सुन ली गई हैं। इस मामले को सुनवायी के लिए 20 नवम्बर को रखें।

बहस के दौरान जांच अधिकारी ने अदालत से कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड के लिए कोयला ब्लाक आवंटन की सिफारिश नहीं की थी जहां फतेहपुर ईस्ट कोयला ब्लाक स्थित था।

सुनवायी के दौरान सीबीआई ने इस मामले से संबंधित कई दस्तावेज अदालत में दाखिल किये। सीबीआई ने इस मामले में छह व्यक्तियों, कंपनी और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

एजेंसी ने यद्यपि बाद में यह कहते हुये इस मामले को बंद करने की रिपोर्ट दायर की कि मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला ब्लाक आवंटन में कोयला मंत्रालय की ओर से अनुचित लाभ नहीं पहुंचाया गया था। इसके बाद 16 अक्टूबर को सीबीआई ने अदालत में एक संशोधित रिपोर्ट दायर की थी।

इससे पहले विशेष लोक अभियोजक आर एस चीमा ने न्यायाधीश को सूचित किया था कि उन्होंने सीबीआई से कहा है कि वह कोयला ब्लाक आवंटन मामलों में अपनी संशोधित रिपोर्ट की अदालत में दायर करने से पहले समीक्षा करे।

सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ऐसी कोई भी ठोस बात सामने नहीं आयी है जिससे कोयला मंत्रालय के अधिकारियों और जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड के निदेशकों के बीच धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र साबित हो।

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