अंतिम सफर से बयां होती मरने वाले की शख्सियत
‘हैलेवीन’ से ठीक पहले ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में अपनी तरह का अनाखा ‘फ्यूनरल म्यूजियम’ फिर खोल दिया गया है। इस संग्रहालय में स्थानीय लोगों के अंतिम यात्रा से जुड़ा इतिहास...
‘हैलेवीन’ से ठीक पहले ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में अपनी तरह का अनाखा ‘फ्यूनरल म्यूजियम’ फिर खोल दिया गया है। इस संग्रहालय में स्थानीय लोगों के अंतिम यात्रा से जुड़ा इतिहास दिखाया गया है। यहां अलग-अलग दौर में चलन में रही ताबूत गाड़ी से लेकर दफनाने का सामान तक प्रदर्शित किया गया है।
वियना स्थित विशाल केंद्रीय कब्रिस्तान के पास 21 अक्तूबर को नवीनीकरण के बाद इस संग्रहालय को फिर खोला गया। यहां अंतिम यात्रा, कब्र खोदने का सामान, मृतक और मातम में लोगों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों सहित 250 चीजें प्रदर्शित की गई हैं। संग्रहालय के निदेशक हेल्गा बक कहते हैं कि इस संग्रहालय को देखकर पता चलता है कि वियनावासी अपने प्रियजनों को पूरी शान से विदा करते थे। बक के मुताबिक यहां के लोग जनाजे की शान बढ़ाने के लिए धन की परवाह नहीं करते थे।
रोचक इतिहास
वियना में फिर खुला स्थानीय लोगों की अंतिम यात्रा के इतिहास का अनोखा संग्रहालय
1967 में पहली बार खुला यह अपनी तरह का पहला संग्रहालय
30 लाख से ज्यादा कब्रें हैं यहां, जो वियना की मौजूदा आबादी से हैं दोगुना ज्यादा
मौत का सामान
मुखौटा, मौत की सूचना, ताबूत, गाड़ी, मृतक और मातम में पहने जाने वाले कपड़े
एक घंटी के साथ मृतक को दफनाया जाता था ताकि संयोगवश जीवित होने पर वह इसे बजा दे
रोचक बदलाव
नए संग्रहालय में आगंतुकों को ताबूत में लेटकर मौत का अनुभव करने की इजाजत अब नहीं है। पुराने संग्रहालय में साल में एक बार लोग ऐसा कर सकते थे। कुछ लोग तो ताबूत का ढक्कन बंद करने का आग्रह भी करते थे।