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शरीर को स्फूर्ति देती है डाइनैमिक स्ट्रेचिंग

व्यायाम और खेल से पहले व बाद में स्ट्रेचिंग की सलाह दी जाती है। व्यायाम से पहले की जाने वाली स्ट्र्रेंचंग शरीर को व्यायाम के लिए तैयार करती है और बाद में की जाने वाली स्ट्रेचिंग शरीर को सामान्य...

शरीर को स्फूर्ति देती है डाइनैमिक स्ट्रेचिंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Oct 2014 12:29 AM
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व्यायाम और खेल से पहले व बाद में स्ट्रेचिंग की सलाह दी जाती है। व्यायाम से पहले की जाने वाली स्ट्र्रेंचंग शरीर को व्यायाम के लिए तैयार करती है और बाद में की जाने वाली स्ट्रेचिंग शरीर को सामान्य स्थिति में लाती है। इससे शरीर के चोटिल होने की आशंका कम हो जाती है। आइये जानें विस्तार से ...

दो तरह की स्ट्रेचिंग
डाइनैमिक और स्टैटिक। दोनों के ही मकसद अलग-अलग हैं। यही वजह है कि जरूरत के अनुसार इन्हें करने की सलाह दी जाती है।
स्टैटिक स्ट्रेचिंग : इसमें शरीर की अधिकतम क्षमता तक स्ट्रेचिंग की जाती है। शरीर को कुछ देर एक स्थिति में रोका जाता है। एक साथ कई मांसपेशियों के समूह में ढीलापन आता है। वर्कआउट के बाद इससे शरीर कूल डाउन किया जाता है।
डाइनैमिक स्ट्रेचिंग : इससे शरीर को गति मिलती है व अंग विशेष की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। हॉकी, फुटबॉल आदि कई खेल हैं, जिनमें खेल से पूर्व स्ट्रेचिंग न करना प्रदर्शन पर असर डालता है।

कौन सी स्ट्रेचिंग बेहतर?
शोध बताते हैं कि स्टैटिक स्ट्रेचिंग से एक घंटे तक मांसपेशियों की मजबूती कमजोर होती है, जिससे पैरों को मोड़ने व उछलने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। यदि कोई खेल खेलने जा रहे हैं तो डाइनैमिक स्ट्रेचिंग फायदेमंद है। इससे शरीर में गर्मी आती है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, नर्वस सिस्टम मजबूत होता है और चोट की आशंका कम हो जाती है। 

ये तीन आप भी करें
स्ट्रेट लेग मार्च: किक की तर्ज पर पैर को सीधे चलाएं। विपरीत बांह पैर के अंगूठे के करीब लाएं। ऐसा दूसरे पैर से भी करें। इसे 6-7 बार दोहराएं।
स्कॉर्पियन (कूल्हे के लिए): सीधे लेट जाएं, बांहों को फैला लें और एक पैर को उठा कर दूसरे पैर पर इस तरह रखें कि केवल पंजा जमीन को छुए। इस दौरान आपका दायां पैर बाईं तरफ रहना चाहिए।
हैंडवॉक (कंधों, मांसपेशियों और हेमस्ट्रिंग के लिए): सीधे खड़े हो जाएं। आपके दोनों पैर जुड़े रहें। फिर पीठ से झुकते हुए दोनों हाथों को जमीन से छुएं। पैर सीधे रहने चाहिए। इस क्रिया को पांच-छह बार दोहराएं।

उम्र के साथ स्ट्रेचिंग में बदलाव
उम्र के विभिन्न पड़ावों पर शरीर अलग-अलग तरीके से काम करता है। ऐसे में शरीर को लचीला बनाने के लिए स्ट्रेचिंग व्यायामों में भी बदलाव करने की जरूरत रहती है। 
20-29 : स्ट्रेचिंग लक्ष्य: इस आयु वर्ग में पूरे शरीर के लचीलेपन के लिए सभी मांसपेशीय समूहों को स्ट्रेच करना चाहिए। इसके लिए स्टैटिक स्ट्रेचिंग करें। किसी स्ट्रेच वर्कशॉप व नृत्य प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं। सप्ताह में तीन बार 5 से 10 मिनट करें।
30-39 : स्ट्रेचिंग लक्ष्य : ऐसी मांसपेशियों पर फोकस करें, जिनमें थोड़ी-थोड़ी अकड़न महसूस होती है। नई स्ट्रेचिंग के लिए योग का अभ्यास करें। हर रोज 10 मिनट करें।
40-49 : स्ट्रेचिंग लक्ष्य: शरीर की क्षमतानुसार व्यायाम करें।  इसके लिए ताई चाई, हल्का योग, विश्राम व तनावमुक्ति की क्रियाएं करें। सप्ताह में दो बार 5 से 10 मिनट करें।
50 के बाद: स्ट्रेचिंग लक्ष्य: शरीर में जरूरी लचीलेपन के लिए मालिश व तनाव मुक्त करने वाली स्ट्रेचिंग करें। 5 से 10 मिनट तेज-तेज चलें।

 

 

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