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इबोला: डॉक्टरों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर

इबोला विषाणु के खतरे से निपटने के लिए देश में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इस सिलसिले में गुरुवार को कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने विभिन्न महकमों के अफसरों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों का जायजा...

इबोला: डॉक्टरों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 16 Oct 2014 10:11 PM
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इबोला विषाणु के खतरे से निपटने के लिए देश में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इस सिलसिले में गुरुवार को कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने विभिन्न महकमों के अफसरों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया।

उन्होंने 19 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बात की। देश में हालांकि अभी तक कोई इबोला रोगी नहीं है लेकिन संभावित खतरे के मद्देनजर ऐसे रोगियों के उपचार के तौर-तरीकों से डाक्टरों को परिचित करने के लिए देश के डाक्टरों के लिए 19-21 अक्टूबर के बीच दिल्ली में एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा ने कैबिनेट सचिव को तैयारियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को इबोला के इलाज के लिए अस्पताल चिह्नित करने तथा वहां एक अलग वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए गए हैं। दिल्ली में राम मनोहर लोहिया एवं एलएनजेपी अस्पताल में ऐसे इंतजाम किए गए हैं। राज्यों ने निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की मांग की है, जो उन्हें भेजे जा रहेहैं तथा जरूरत पड़ने पर उन्हें स्थानीय स्तर पर ही खरीद करने की छूट दी है।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्यों से डाक्टरों को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली बुलाया गया है। उन्हें तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां दिल्ली में ट्रेनिंग लेने के बाद ये डाक्टर अन्य डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।

बैठक में गृह, जहाजरानी एवं अन्य महकमों के सचिव भी शामिल थे, जबकि विदेश मंत्रलय, नागरिक उड्डयन मंत्रलय के अधिकारी मौजूद थे। स्वास्थ्य महकमे ने बताया कि एनआईवी पुणे, एवं एनसीडीसी दिल्ली में इबोला के जांच के इंतजाम किए गए हैं। साथ ही  दर्जन भर और प्रयोगशालाओं में भी जांच की सुविधाएं उपलब्ध करानेके इंतजाम किए जा रहे हैं। ये प्रयोगशालाएं लखनऊ, डिब्रूगढ़, पोर्ट ब्लेयर, कोलकात्ता,गुहावाटी, बेंगलोर, चंडीगढ़, त्रिवेन्द्रम, भुगवेश्वर, चेन्नई, जयपुर तथा अगरा में स्थित हैं।

इबोला से निपटने के लिए सभी हवाई अड्डों एवं बंदरगाहों पर देश में आने वाले यात्राियों की स्क्रींनिग की जा रही है। अब तक 22 हजार से भी अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है। बता दें कि इबोला की चपेट मे अब तक करीब नौ हजार लोग आ चुके हैं जिनमें से करीब 50 फीसदी की मृत्यु हो चुकी है।

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