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शिवसेना और भाजपा में अब सहयोगी दलों को रिझाने की होड़

शिवसेना और भाजपा के 25 साल पुराने गठबंधन के टूटने की कगार पर पहुंचने के संकेतों के बीच दोनों ही दल महायुति के छोटे सदस्यों को रिझाने की कोशिश में लगे हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज दावा किया...

शिवसेना और भाजपा में अब सहयोगी दलों को रिझाने की होड़
एजेंसीThu, 25 Sep 2014 12:41 PM
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शिवसेना और भाजपा के 25 साल पुराने गठबंधन के टूटने की कगार पर पहुंचने के संकेतों के बीच दोनों ही दल महायुति के छोटे सदस्यों को रिझाने की कोशिश में लगे हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज दावा किया गया, जो भी हो, सहयोगी दल शिवसेना के ही साथ रहेंगे। वहीं दूसरी ओर, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि छोटे दल जानते हैं कि उनके हित सिर्फ भाजपा के साथ जुड़े रहने से पूरे होंगे।

भाजपा नेता ने नाम न उजागर करने की इच्छा जताते हुए कहा, चाहे केंद्रीय मंत्रिमंडल की सीट हो, राज्यसभा की सीट हो या सरकार में कोई अन्य पद, वे जानते हैं कि सिर्फ भाजपा के पास ही ऐसा करने की क्षमता है। शिवसेना और भाजपा नेताओं के साथ बीती देर रात हुई गहन बातचीत के बाद आरएसपी के नेता महादेव जेनकार ने कहा था कि छह सदस्यीय महायुति (भगवा-नेतृत्व वाला बड़ा गठबंधन) के चार छोटे दल 15 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए 14 सीटों पर मानने को राजी हो गए हैं, ताकि शिवसेना और भाजपा शेष 274 सीटों का बंटवारा कर सकें। शिवसेना के नेता रामदास कदम ने कहा था कि चर्चा एक सकारात्मक मोड़ पर संपन्न हुईं।

कदम ने कल देर रात कहा था, छोटे दल अब सीट आवंटन पर नाखुश नहीं हैं। शिवसेना के एक अन्य वरिष्ठ नेता दिवाकर राउत ने कहा, सीट-बंटवारे का फार्मूला अब लगभग तय हो चुका है। लेकिन 15 अक्टूबर के विधानसभा चुनावों से पहले विश्वास की कमी के संकेत देते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है, शिवसेना के नेताओं ने महायुति के छोटे घटकों को हमारे खिलाफ भड़काने की कोशिश की।

भाजपा के नेता ने कहा कि शिवसेना 151 से कम सीटों पर मानने के लिए तैयार नहीं थी और 130 सीटें भाजपा एवं 7 सीटें अन्य दलों के लिए छोड़ रही थी। नेता ने आरोप लगाया, सहयोगी दल इतनी कम सीटों पर कैसे सहमत हो जाते शिवसेना ने हमारे सामने यह प्रस्ताव रखा था लेकिन बाद में उन्होंने (शिवसेना नेताओं) ने हमारे सहयोगियों को यह समझाने की कोशिश की थी कि वह फार्मूला हमने (भाजपा ने) सुझाया था। उन्होंने कहा कि इस तरह के बर्ताव ने हमारी चिंताएं बढ़ा दी हैं।

नेता ने कहा, 150 सीटों से कम पर मानने के लिए तैयार न होकर, शिवसेना दूसरों को असुरक्षित महसूस करवा रही है और ये संकेत दे रही है कि वह महायुति के अन्य सहयोगियों पर विश्वास नहीं करती। आज तुलजापुर में तुलजा भवानी मंदिर जा रहे शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा इस घटनाक्रम पर टिप्पणी किए जाने की संभावना है।

भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह का आज पास के थाणे जिले में एक समारोह में शिरकत करने का कार्यक्रम है। महायुति के छोटे सहयोगी दलों आरएसपी, एसएसपी और शिव संग्राम ने कल शिवसेना और भाजपा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सीट-आवंटन के मामले में इन छोटे दलों के साथ विश्वासघात किया है लेकिन दोनों दलों के नेताओं के साथ बाद में हुई बैठक के उपरांत वे शांत हो गए।

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