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शिवसेना के सीट बंटवारे के प्रस्ताव से बीजेपी असहमत

शिवसेना ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह भाजपा के लिए और छूट नहीं देगी और महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से इसके लिए केवल 119 सीटों की पेशकश की है। साथ ही पार्टी ने कहा है कि सीट बंटवारे को...

शिवसेना के सीट बंटवारे के प्रस्ताव से बीजेपी असहमत
एजेंसीMon, 29 Sep 2014 08:25 PM
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शिवसेना ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह भाजपा के लिए और छूट नहीं देगी और महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से इसके लिए केवल 119 सीटों की पेशकश की है। साथ ही पार्टी ने कहा है कि सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध तोड़ने का यह अंतिम प्रयास है। वहीं बीजेपी ने कहा कि शिवसेना के साथ बैठ कर युति को कायम रखने और सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे।

शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को याद दिलाया कि शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बाल ठाकरे ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि महायुति (विपक्षी दलों का गठबंधन) को बरकरार रखने के लिए आज मैं अंतिम प्रयास कर रहा हूं। शिवसेना पहले 160 सीट चाहती थी। लेकिन आज हम नौ और सीट छोड़ने को तैयार हैं। शिवसेना 151 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 119 सीटें भाजपा के लिए छोड़ेगी। शेष 18 सीट हमारे सहयोगी दलों को दी जाएंगी।

पार्टी की राज्य कार्यकारिणी के बाद आज सुबह पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले उद्धव ने कहा कि मैं इससे और आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि शिवसेना अगर सत्ता में आती है तो महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य होगा। मैं सत्ता चाहता हूं और मैं इसे किसी भी कीमत पर हासिल करूंगा। लेकिन यह सत्ता महाराष्ट्र को कुछ देगी न कि कुछ लेगी जैसा कि दूसरी पार्टियां करती हैं।

उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि गोधरा दंगे के समय स्थिति कितनी भयावह थी। हर कोई कह रहा था कि मोदी को तुरंत गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए। उस वक्त केवल बालासाहेब ने लालकृष्ण आडवाणी से कहा कि मोदी को बने रहना चाहिए क्योंकि वह हिंदुत्व की विचारधारा वाले हैं।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधान सभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खड्से और विनोद तावड़े ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि हमें शिवसेना के नया प्रस्ताव टीवी चैनल और अन्य माध्यमों से मिल रहा जो उचित नहीं है हम शिवसेना के साथ बैठ कर युति को कायम रखने और सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे।

खड्से ने कहा कि पिछले 25 वर्ष में शिव सेना 171 में से 59 सीट कभी भी जीत नहीं पाई और भाजपा 117 में से 19 सीट कभी भी जीत नहीं पाई। उन्होंने कहा कि ऐसे चुनाव क्षेत्र में दोनो ही पार्टियों को 5 से 15 हजार तक मत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हम शिव सेना से यही मांग कर रहे हैं कि जिस 59 जगहों पर कभी शिव सेना नहीं जीती और वह सीट कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस को हम जीतने के लिए दे देते हैं वहां पर सीट की  आपस में अदला बदली कर चुनाव लड़ कर देखते हैं।

उन्होंने कि जब भाजपा और शिव सेना के बीच युति हुई थी उस समय में लोकसभा के चुनाव में भाजपा को 32 और शिवसेना को 16 मिली थी लेकिन अब तक भाजपा ने अपनी 6 सीटें शिव सेना को दी है अब शिव सेना लोकसभा की 22 सीट पर चुनाव लड़ रही है।

इसके अलावा महायुति के लिए भाजपा ने रामदास आठवले को अपने कोटे की सीट से राज्यसभा में भेजा लेकिन इन सीटों के बदले में शिव सेना ने कभी भी विधान सभा की सीट हमें बढ़ा कर नहीं दी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच चुनावों में जिस 59 सीट पर शिवसेना और 19 जगह पर भाजपा ने चुनाव नहीं जीता हम उन्हीं सीटों से और अधिक सीट चुनाव लडने के लिए मांग रहे हैं। हमारी पार्टी जिस जगह से शिवसेना जीतती है उन सीटों की मांग नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि इस बार भी शिव सेना जिस 59 जगह पर चुनाव नहीं जीता वहां से चुनाव लड़ती है और फिर वही परिणाम होता है तो इससे कांग्रेस और राकांपा को ही पकायदा मिलेगा। कांग्रेस और राकांपा को फायदा नहीं मिले इसके लिए हम शिवसेना से 59 में से कुछ सीटों की मांग कर रहे हैं।

 

 

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