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Hindi Newsमैं तुलसी तेरे आंगन की..वंस मोर

मैं तुलसी तेरे आंगन की..वंस मोर

शिक्षक दिवस और हिंदी दिवस के बीच बित्ते भर का फासला नहीं है। शिक्षक दिवस के दिन हिंदी का टीचर और हिंदी दिवस के दिन हिंदी मुझे दरिद्र सुदामा और उसकी कुपोषित पत्नी की तरह लगते हैं। हिंदी दिवस, हिंदी...

मैं तुलसी तेरे आंगन की..वंस मोर
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 12 Sep 2014 08:56 PM
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शिक्षक दिवस और हिंदी दिवस के बीच बित्ते भर का फासला नहीं है। शिक्षक दिवस के दिन हिंदी का टीचर और हिंदी दिवस के दिन हिंदी मुझे दरिद्र सुदामा और उसकी कुपोषित पत्नी की तरह लगते हैं। हिंदी दिवस, हिंदी टीचरों की सहालग का दिन है। इस दिन के समारोहों में केवल हिंदी टीचरों को ही मुख्य अतिथि या अध्यक्ष बनना होता है। वे भी गरीब ब्राह्मण की तरह, शॉल, नारियल, प्रतीक चिन्ह और एक गुलदस्ते के लालच में पैदल दौड़े आते हैं। मुखमरी से तो भिक्षा भली। हिंदी दिवस पर सरकारी आयोजन अध्यादेश के आधार पर होते हैं। ये आयोजन सरकारी दफ्तरों से संलग्न हिंदी अधिकारियों के लिए एक दिन का दूल्हा बनने जैसा है। इसी दिन वे बेचारे अपनी सरकारी तनखा को जस्टीफाई करते हैं।

सिर्फ हिंदी है, जिसके अच्छे दिन कभी नहीं आते। वह हमेशा वृंदावन की विधवा ब्राह्मणी की तरह एक कोने में पड़ी रहती है। हां, हर वर्ष हिंदी दिवस पर उसे थोड़ा-सा हलवा दे दिया जाता है। यह सालाना हलवा उसे प्रामाणिक और विश्वसनीय बनाता है। यह परंपरा तो परम से भी परे की चीज है। इधर हिंदी समाज, पहले से अधिक सभ्य हो गया है। कथाकार स्वयंप्रकाश के अनुसार हिंदी-उर्दू  के दर्जी को अब फैशन डिजाइनर कहा जाता है। नाई अब हेयर ड्रेसर हो गया है। आज का कोरियोग्राफर पहले सिर्फ डांस मास्टर था। रही बात हिंदी के लेखक की, तो उसका काम है कि वह पड़ोसियों और परिचितों के यहां जन्मे बच्चे के लिए कोई अच्छा-सा नाम सुझाए। हिंदी दिवस हिंदी के माथे पर बिंदी लगाने का दिन है। एक दिन की सुहागन को और करना भी क्या? बगैर बिंदी के, हिंदी को तो आईना भी सही शकल नहीं दिखाता। अब अपने ही बाल-बच्चों द्वारा त्याग दी गई मां को पूछता कौन है? उसे तो आजादी के दिन ही सती हो जाना चाहिए था। मैं एक हिंदी टीचर हूं। मुझे एक बैंक ने हिंदी दिवस समारोह की अध्यक्षता करने के लिए बुलाया है। पत्नी मुझे ठेल रही है कि- बैंक वालों ने बुलाया है। हो सकता है कि वे 501 रुपयों का चेक दे दें। दो कौड़ी के शॉल और सूखे नारियल से गृहस्थी नहीं चलती।

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