संगीत चिकित्सा: आपको रखे तनावमुक्त
म्यूजिक थेरेपी यानी संगीत चिकित्सा आजकल अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रही है। आप अगर ज्यादा तनाव में रहते हैं या अनिद्रा की समस्या से पीडित हैं तो इस चिकित्सा की सहायता...
म्यूजिक थेरेपी यानी संगीत चिकित्सा आजकल अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रही है। आप अगर ज्यादा तनाव में रहते हैं या अनिद्रा की समस्या से पीडित हैं तो इस चिकित्सा की सहायता ले सकते हैं, बता रही हैं सोनिया अरोड़ा
म्यूजिक का नाम सुनते ही हमारे चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है। यह एक ऐसा माध्यम है, जिसका आनंद किसी भी स्थान पर लिया जा सकता है। आप चाहे घर में काम कर रहे हों या ऑफिस में या फिर यात्रा कर रहे हों, संगीत हर जगह हमारा मनोरंजन करने के साथ सुकून भी देता है। आजकल म्यूजिक हामारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। आखिर बने भी क्यों न, इस म्यूजिक की क्षमता जो अद्भुत है। इसकी इसी क्षमता के कारण ही तो इससे उपचार भी किया जाता है।
अपनी पसंद का ही संगीत सुनें
हर व्यक्ति को अलग-अलग तरीके का म्यूजिक पसंद होता है। किसी को रोमांटिक, किसी को रॉक तो किसी को शास्त्रीय संगीत पसंद आता है। यानी हर व्यक्ति को अलग-अलग तरीके का संगीत सुकून देता है और मन को शांत बनाए रखने में मदद करता है। हमें जिस तरह का संगीत सुनना पसंद होता है, उससे हमें आराम मिलता है, पर जो संगीत हमें पसंद नहीं होता, उससे हमारा तनाव बढ़ भी सकता है। यानी संगीत का हमारी सेहत पर गहरा असर पड़ता है। इसी कारण कई बीमारियों से राहत के लिए भी संगीत का इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण संगीत से किए जाने वाले उपचार को म्यूजिक थेरेपी कहा जाता है।
वर्कआउट करते समय संगीत सुनें
दिल से जुड़ी बहुत-सी बीमारियों का सिर्फ एक ही कारण है तनाव। आज हमारी जीवनशैली बहुत से तनाव और परेशानियों से घिरी हुई है। ऐसे में म्यूजिक आपको तनाव रहित रखता है और सकारात्मक सोच भी देता है। जिम ट्रेनर चाहत कालरा बताती हैं, यदि वर्कआउट करते समय संगीत सुना जाए तो इससे हमें जोश तो मिलता ही है, ऊर्जा भी मिलती है। इतना ही नहीं, संगीत मैटाबॉलिज्म को तेज भी करता है।
नसों को मिलता है आराम
म्यूजिक थेरेपी को आजकल डॉक्टर भी बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि यह काम के बोझ के तले दबे लोगों के लिए काफी कारगर साबित हो रही है। यही कारण है कि इंजीनियर, आई-टी प्रोफेशनल्स, कॉल सेंटरकर्मी से लेकर मीडियाकर्मी तक इस थेरेपी का सहारा ले रहे हैं। जहां दवाएं काम नहीं करती, वहां संगीत अपना असर दिखा सकता है। म्यूजिक थेरेपी से आप शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ हो सकते हैं। जब हम संगीत सुनते हैं तो हमारी नसें आराम की स्थिति में चली जाती हैं और हम हर तनाव की स्थिति से राहत महसूस करते हैं। आप चाहे किसी भी उम्र के हों, संगीत आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है।
म्यूजिक सुनने के लाभ
गीत सुनना मनोरंजन के साथ-साथ आपके अकेलेपन और तनाव को भी काफी हद तक कम करता है।
इससे अवसाद दूर होता है और बेचैनी भी कम होती है।
यह ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है।
एक नए शोध से यह भी पता चला है कि संगीत दर्द के एहसास को भी कम करता है।
संगीत सुनने के अलावा आप संगीत सीख कर भी इसका लाभ ले सकते हैं।
ध्यान रखें
ऐसा संगीत सुनें, जो मधुर हो। अगर संगीत आपकी पसंद का नहीं है या गाने की आवाज सामान्य से अधिक है तो इससे बचें, क्योंकि यह आपका तनाव बढ़ा सकता है।
कब कैसा संगीत
अगर आपका काम काफी तनाव से भरा हुआ है तो ऐसा म्यूजिक सुनें, जिसमें बहुत सारी बीट्स हों। इससे आप तनाव मुक्त रहेंगे और दिल पर भी ज्यादा असर नहीं पडे़गा।
म्यूजिक अनिंद्रा के रोगियों के लिए भी लाभदायक है। अगर आपको नींद आने में परेशानी होती है तो एक मुधर गीत आपको नींद लाने में मददगार साबित हो सकता है। शरीर में ट्राइटोफन नामक कैमिकल भी पाए जाते हैं, जो संगीत के माध्यम से आपके अवसाद तो दूर करते ही हैं, साथ ही इससे अच्छी नींद भी आती है।
संगीत हमारे दिमाग में सकारात्मक विचार लाने का भी काम करता है।
म्यूजिक मासपेशियों को रिलेक्स करने में मदद करता है। जो लोग दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठ कर काम करते हैं, उनकी पीठ, गर्दन और कंधे की मासपेशियां अकड़ जाती हैं। मधुर व कर्णप्रिय संगीत सुनने से वह सभी मासपेशियां ढीली हो कर रिलेक्स पड़ जाती हैं।
गर्भावस्था में म्यूजिक थेरेपी बहुत लाभकारी होती है। म्यूजिक थेरेपी से महिलाएं न सिर्फ तनाव रहित माहौल में रह सकती हैं, बल्कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले बदलावों से भी आसानी से उबर सकती हैं।
मधुर संगीत दिल की समस्याओं से भी निजात दिलाता है।