अधिकारियों को चाहिए 40 फीसदी आइआर
ोयला अधिकारी रोष में हैं। उन्हें 40 फीसदी अंतरिम राहत (आइआर) चाहिए। उनका कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उनके एडहॉक की तुलना कामगारों के आइआर से की जा सकती है। यह उचित नहीं है। कामगारों का...
ोयला अधिकारी रोष में हैं। उन्हें 40 फीसदी अंतरिम राहत (आइआर) चाहिए। उनका कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उनके एडहॉक की तुलना कामगारों के आइआर से की जा सकती है। यह उचित नहीं है। कामगारों का वेतन समझौता पांच साल का हुआ।ड्ढr अधिकारियों का दस साल का। उन्हें हर पांच साल पर 15-15 प्रतिशत आइआर दिया गया। यानी दस साल में 30 फीसदी। इस अवधि में अधिकारियों को मात्र एक बार एडहॉक के रूप में 60 हाार से 1.20 लाख रुपये मिल रहे हैं। बावजूद इसके इसका भुगतान कामगारों की तरह दो किस्तों में करने की बात प्रबंधन कर रहा है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों को यह एक बार में मिलनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि अगर पेमेंट में एकरूपता करनी हो, तो उसका स्वरूप भी उसी तरह होना चाहिए। उन्हें भी आइआर मिलना चाहिए। अधिकारी होने के कारण उन्हें कामगारों से कम से कम 10 फीसदी अधिक आइआर मिलना चाहिए।ड्ढr ए-वन की तुलना इ-2 सेड्ढr राष्ट्रीय कोयला मजदूर कांग्रेस के अपर महासचिव केएन सिंह औ्र कोषाध्यक्ष आरसी दास ने कामगरों के ग्रेड ए-1 की तुलना अधिकारियों के इ-2 से करने की मांग की है।ड्ढr ओबीएस का चेक सौंपाड्ढr सीसीएल के सीएमडी आरपी रिटोलिया ने शुक्रवार को स्व आरएनपी सिंह की पत्नी कांति देवी को ओबीएस की ओर से दो लाख रुपये का चेक सौंपा। स्व सिंह पिपरवार क्षेत्र के अशोका प्रोजेक्ट में सीनियर अंडर मैनेजर थे। उन्होंने अन्य बकाया भी समय पर देने का आश्वासन दिया। मौके पर शैलेंद्र प्रसाद, आरएस सिंह, अमित मुखर्जी, सुरंद्र सिंह मौजूद थे।ड्ढr बैठक 18 कोड्ढr सीएमओएआइ की केंद्रीय समिति की बैठक 18 मई को सीएमपीडीआइ में होगी। इसमें बेसिक में डीए मर्जर, कैरियर ग्रोथ आदि मुद्दों पर चर्चा होगी। उनके मुताबिक आठ साल में प्रोन्नति देने की बात सिर्फ कही जा रही है, प्रबंधन ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। अधिकारी आंदोलन के मूड में हैं।ड्ढr मासिक उत्पादन लक्ष्य बढ़ाड्ढr सीसीएल का मासिक उत्पादन लक्ष्य बढ़ गया है। लक्ष्य 4एमटी के हिसाब से कंपनी को 4.2 एमटी प्रतिमाह उत्पादन करना होगा। पहले कंपनी को 47 एमटी उत्पादन करने का लक्ष्य ही दिया गया था। पिछले वर्ष कंपनी ने 44 मिलियन टन उत्पादन किया था।