बीमा से जुड़े अपने अधिकार जानिए
या आप इस बात से वाकिफ हैं कि बीमा कंपनियों या उनके मध्यवर्तियों को उपभोक्ताओं को बहिष्करण खंडों (एक्सक्लुजन क्लॉज) समेत बीमा से संबंधित सभी शर्तो, हर चीज बिल्कुल स्पष्ट तरीके से बताना चाहिए। और जो...
या आप इस बात से वाकिफ हैं कि बीमा कंपनियों या उनके मध्यवर्तियों को उपभोक्ताओं को बहिष्करण खंडों (एक्सक्लुजन क्लॉज) समेत बीमा से संबंधित सभी शर्तो, हर चीज बिल्कुल स्पष्ट तरीके से बताना चाहिए। और जो बीमा कंपनी इस अधिदेश का अनुकरण में विफल रह जाती हैं, वे किसी एसे एक्सक्लुजन क्लॉज के आधार पर किसी दावे से इंकार नहीं कर सकती जिसकी जानकारी पहले उपभोक्ता को नहीं दी गई है। बीमा नियामक तथा विकास प्राधिकरण (इरडा) द्वारा बनाये गए दिशानिर्देश में इसका उल्लेख किया गया है कि पॉलिसीधारक को पॉलिसी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए, शीर्ष उपभोक्ता अदालत का एक आदेश इसे सुस्पष्ट बनाता है कि एसे एक्सक्लुजन क्लॉज जिनकी जानकारी पालिसीधारक को नहीं दी गई है उपभोक्ता पर बाध्यकारी नहीं हैं और दावों के निपटान के समय इन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए।ड्ढr शीर्ष उपभोक्ता अदालत का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले व्यक्त किए गए विचारोंे के अनुरूप है। इरडा के दिशानिर्देशों का उद्देश्य ट्रांजेक्शन के हर चरण में -किसी एजेंट द्वारा उपभोक्ता को अप्रोच किए जाने से लेकर जब पालिसी दी जाती है तथा आखिरकार जब दावों का निपटान किया जाता है- उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना है । इसी प्रकार, इरडा बीमा कंपनियों से यह उम्मीद करती हैं कि वे उपभोक्ताओं को जानकारी देंगी कि किस प्रकार क्लेम किया जाता है, इसकी प्रक्रिया क्या होती है तथा क्लेम की प्रोसेसिंग के लिए किस जानकारी की आवश्यकता होगी?ड्ढr दिशानिर्देश में दावों के निपटान के लिए समयसीमा तथा तथा पैमेंट में निर्धारित अवधि से देरी होने पर स्वेच्छा से (बगैर उपभोक्ता के दबाव डाले तथा सामान्य बैंक दर से 2 प्रतिशत अधिक ) ब्याज की अदायगी के निर्देश भी दिए गए हैं। अगर, बीमा कंपनियां या उनके मध्यवर्ती इरडा के दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हैं तो उपभोक्ताओं के लिए बेहतर है कि वे इसकी शिकायत अवश्य दर्ज कराएं