लोकप्रिय होना
बहुत मायूस थे वह। अपनी अहमियत चूकती हुई नजर आ रही थी उन्हें। उन्हें जानने वाले लोग गिने-चुने थे और उन लोगों के बीच भी उनकी अहमियत ज्यादा नहीं थी। आखिर कारण क्या था? दरअसल, हम लोगों के बीच अहमियत...
बहुत मायूस थे वह। अपनी अहमियत चूकती हुई नजर आ रही थी उन्हें। उन्हें जानने वाले लोग गिने-चुने थे और उन लोगों के बीच भी उनकी अहमियत ज्यादा नहीं थी। आखिर कारण क्या था? दरअसल, हम लोगों के बीच अहमियत चाहते हैं। घर से लेकर बाहर तक हम सम्मानित भूमिका चाहते हैं लेकिन इसके लिए वह नहीं करते, जो अनिवार्य है। जेम्स ई एमॉस की एक किताब है- थियोडोर रूजवेल्ट, हीरो टू हिज वैलेट। यह किताब वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट के बारे में है, लेकिन इसमें लोकप्रियता का राज छिपा है। किताब कहती है कि हर मामूली-गैर मामूली समझे जाने वाले लोगों को सम्मान देते जाएं। इससे सम्मान भी हासिल होगा और आपको प्यार करने वाले ढेरों लोग भी मुफ्त में मिल जाएंगे। वह बताते हैं कि रूजवेल्ट जहां होते, उनके आस-पास ओ एनी, ओ जेम्स जैसे दोस्ताना संबंध गूंजते रहते। वह अपने कुक को भी नाम से जानते थे और माली को भी। उनके इर्द-गिर्द जो भी होते, उनकी इच्छाएं, उनकी जरूरतें उन्हें पता होतीं। यही कारण था कि वह बला के लोकप्रिय थे। लोकप्रियता को लेकर ऑस्ट्रिया के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड एडलर ने एक खूबसूरत किताब लिखी है- व्हाट लाइफ शुड मीन टू यू।
इसमें वह लिखते हैं कि असफलता का पैमाना क्या है? सबसे बड़ा तो यह कि असफल व्यक्ति दूसरों में रुचि नहीं रखने वाले होते हैं। अगर आप में दूसरों के लिए रुचि नहीं है, तो आपके जीवन में ज्यादा कठिनाइयां आएंगी और आप दूसरों को नुकसान भी सबसे ज्यादा पहुंचाएंगे। जैसे ही हम दूसरों में रुचि लेना प्रारंभ करते हैं, वातावरण हमारे अनुकूल होता जाता है। हम लोकप्रिय बनते हैं और हमारी राह आसान होती जाती है। जिनमें आपने रुचि दिखाई, जिनके प्रति आप सहृदय रहे, वे आपकी सफलता के एजेंट की भूमिका में होते हैं। सफल व्यक्ति लोकप्रिय होता है, इससे बड़ा सच यह है कि लोकप्रिय व्यक्ति सफल होता है।