फोटो गैलरी

Hindi Newsबिहार में चला लालू और नीतीश का जादू, 10 में से 6 सीटों पर दर्ज की जीत

बिहार में चला लालू और नीतीश का जादू, 10 में से 6 सीटों पर दर्ज की जीत

आज चार राज्यों में विधानसभा की 18 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। बिहार की नरकटियागंज, राजनगर, जाले, छपरा, हाजीपुर, मोहिउद्दीननगर, परबत्ता, भागलपुर, बांका और मोहनिया सीट पर चुनाव हुए थे।...

बिहार में चला लालू और नीतीश का जादू, 10 में से 6 सीटों पर दर्ज की जीत
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 26 Aug 2014 08:29 AM
ऐप पर पढ़ें

आज चार राज्यों में विधानसभा की 18 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। बिहार की नरकटियागंज, राजनगर, जाले, छपरा, हाजीपुर, मोहिउद्दीननगर, परबत्ता, भागलपुर, बांका और मोहनिया सीट पर चुनाव हुए थे। विधानसभा के पिछले चुनाव में इन 10 सीटों में से 6 पर बीजेपी, तीन पर राष्ट्रीय जनता दल और एक पर जनता दल (यूनाइटेड) की जीत हुई थी।

इसके अलावा मध्य प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों विजयराघवगढ़, बहोरीबंद और आगर में हुए उपचुनाव के नतीजे भी आ गए हैं। पंजाब में तलवंडी साबो और पटियाला सीटों पर, जबकि कर्नाटक विधानसभा की तीन सीटों चिक्कोडी-सदालगा, शिकारीपुरा और बेल्लारी ग्रामीण पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आ गए हैं।

गौरतलब है कि बिहार में चुनावों से पहले बीजेपी को रोकने के लिए नीतीश-लालू और कांग्रेस ने मिलकर महागठबंधन का ऐलान किया। 20 साल से दुश्मन लालू और नीतीश ने बीजेपी की आंधी को रोकने के लिए हाथ मिला लिया और एक साथ एक मंच से प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते नजर आए।

बिहार

लालू-नीतीश की दोस्ती रंग लाई, एनडीए को झटका
 
विधानसभा उप चुनाव के रूझान सोमवार की सुबह दस बजे से आने शुरू हो गए। शुरूआती ट्रेंड में जदयू, राजद, कांग्रेस महागठबंधन और भाजपा गठबंधन पांच- पांच सीटों पर आगे था। हाजीपुर, जाले, राजनगर और बांका में ट्रेंड बार- बार बदलता रहा। जाले और राजनगर में शुरू में भाजपा की बढ़त थी, लेकिन कुछ राउंड की गिनती के बाद जदयू और राजद ने बढ़त बना ली और वह जीत तक कायम रही। इसी तरह हाजीपुर और बांका में शुरूआती राउंड में जदयू और राजद की बढ़त थी, लेकिन बाद में भाजपा ने बढत बनाई और दोनों सीटें उसके खाते में गई। बांका में सबसे करीब का मुकाबला रहा, जहां 711 मतों के अंतर से भाजपा के रामनारायण मंडल की जीत हुई।

उपचुनाव की दस सीटों में 2010 के चुनाव में भाजपा ने छह, राजद ने तीन और जदयू ने एक सीट जीती थी। राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी उप चुनाव परिणाम के अनुसार राजद को तीन, जदयू को दो और कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल हुई है, जबकि भाजपा को चार सीटें मिलीं है। परबत्ता में जदयू प्रत्याशी रामानंद प्रसाद सिंह ने सर्वाधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने लोजपा प्रत्याशी प्रो. सुहेली मेहता को 56 हजार 990 वोटों से पराजित किया।

बिहार की जनता की जीत है। काठ की हांडी दोबारा नहीं चढ़ती है। केन्द्र में सरकार बनने के बाद से भाजपा ने नीति की चर्चा नहीं की। तीन महीने में उनकी पोल खुल गई। महागठबंधन का प्रयोग सफल रहा और आगे भी रहेगा।
- रामचन्द्र पूर्वे, राजद प्रदेश अध्यक्ष

‘उप चुनाव के नतीजों को शिरोधार्य करता हूं। सभी मतदाता को आभार जताता हूं। भाजपा गठबंधन को चार सीटें आई हैं। परिणाम का संदेश साफ है कि बिहार कभी भी पुन: जंगलराज की ओर नहीं जा सकता। नीतीश जी कह रहे हैं कि कभी जंगलराज नहीं कहा, फिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि आतंकराज की ओर हाथ बढ़ा दिया।’
- मंगल पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा 

बीजेपी के अच्छे दिन और नरेन्द्र मोदी के तीन माह के कार्यकाल को बिहार की जनता ने नकार दिया है। उप चुनाव में बिहार की जनता ने महागठबंधन पर अपनी मुहर लगा दी है। 24 साल बाद कांग्रेस भागलपुर सीट जीती है। हमने भाजपा के अजेय दुर्ग पर कब्जा किया। महागठबंधन के सभी नेता को यह श्रेय जाता है।
-अशोक चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

उप चुनाव के परिणाम ने भाजपा की आक्रमक राजनीति का पर्दाफाश कर दिया है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह लिटमस टेस्ट था। पूरे देश में इस चुनाव के परिणाम को लेकर उत्सकुता थी। जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन की जीत ने यह भी साबित किया है कि जब भी वक्त आता है उस समय बिहार चुनौतियों के लिए तैयार रहता है।
वशिष्ठ नारायण सिंह, जदयू प्रदेश अध्यक्ष

चुनाव परिणाम पर एक नजर
------------------
सीटें               विजयी प्रत्याशी                  हारे प्रत्याशी                     अंतर वोटों से जीत
नरकटियागंज     रश्मि वर्मा (भाजपा)              फखरुद्दीन खान (कांग्रेस)       15742
राजनगर (सु)      रामवतार पासवान (राजद)       रामप्रीत पासवान (भाजपा)         3448
जाले              ऋषि मिश्रा (जदयू)              रामनिवास प्रसाद (भाजपा)       7720
छपरा              रंधीर कुमार सिंह (राजद)        डॉ. सीएन गुप्ता (निर्दलीय)       24106
हाजीपुर           अवधेश सिंह (भाजपा)          राजेंद्र राय (जदयू )              6127
मोहिउद्दीन नगर   अजय कुमार बुल्गानिन (राजद)  राजेश कुमार सिंह (भाजपा)      21530
परबत्ता            रामानंद प्रसाद सिंह (जदयू)       प्रो सुहेली मेहता (लोजपा)       56990
भागलपुर         अजीत शर्मा (कांग्रेस)            नभय कुमार चौधरी (भाजपा)    17229
बांका            राम नारायण मंडल (भाजपा)       इकबाल हुसैन अंसारी (राजद)   711
मोहनिया         निरंजन राम (भाजपा)              चंद्रशेखर पासवान (जदयू)       19851  

कर्नाटक 

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, जहां पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव में प्रतिष्ठित बेल्लारी ग्रामीण सीट भाजपा से छीन ली। भाजपा 21 अगस्त को हुए उपचुनाव में एक सीट पर जीत हासिल कर पायी है। भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए कांग्रेस के एन वाई गोपालकृष्णा ने भाजपा के ओबालेश को बेल्लारी ग्रामीण सीट पर 33,104 मतों के अंतर से हरा दिया, जिसका प्रतिनिधित्व पहले बी श्रीरामालु कर रहे थे। लोकसभा सदस्य बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। किसी समय में खनन क्षेत्र के दिग्गज और पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी के वफादार माने जाने वाले श्रीरामालु ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस उम्मीदवार के रूप में बेल्लारी ग्रामीण सीट जीती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में फिर से शामिल हो गए थे।

शिकारीपुरा में भाजपा बी वाई राघवेन्द्र के साथ यह सीट बचाने में कामयाब रही। यहां पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे राघवेन्द्र ने 6,430 मतों के अंतर से कांग्रेस के एस एच शांतावीरप्पा को कड़े मुकाबले में हराया। येदियुरप्पा वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 24 हजार मतों के अधिक अंतर से यह चुनाव जीते थे। उस समय उन्होंने कर्नाटक जनता पक्ष (केजेपी) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उनकी पार्टी केजेपी का लोकसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले भाजपा में विलय हो गया था। पिछले आम चुनाव में शिमोगा से लोकसभा सदस्य बनने से पहले येदियुरप्पा सात बार शिकारीपुरा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

कांग्रेस ने अपने पारंपरिक गढ़ चिक्कोड़ी-सदालगा पर अपना कब्जा बरकरार रखा, जहां उसके उम्मीदवार गणेश प्रकाश हुक्केरी ने भाजपा के महंतेश कवातागीमठ को 31,820 मतों के अंतर से हराया। चुनाव परिणामों से मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या को काफी मजबूती मिली है, जिनके कामकाज की शैली को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष पनप रहा था और अब निकट भविष्य में उनके खिलाफ विरोध के ये स्वर मंद पड़ने की संभावना है।

कांग्रेस का इस चुनाव में काफी कुछ दांव पर लगा था। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला चुनावी शक्ति परीक्षण था। कर्नाटक में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 28 में से 17 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 2013 के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था और दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। लेकिन वह लोकसभा चुनाव में केवल नौ सीटें जीत सकी और दो सीटें जद एस के खाते में गयीं। जद एस नेतृत्व के कामकाज के तौर तरीकों को लेकर विधायकों के बीच असंतोष का सामना कर रही पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की पार्टी ने तीनों विधानसभा क्षेत्रों में से किसी पर भी अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। 

मध्य प्रदेश

आगर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के गोपाल परमार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के राजकुमार गौरे को 27,702 मतों से पराजित कर दिया है। निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों के अनुसार परमार को 78,178 तथा राजकुमार गौरे को 50,476 मत ही मिल सके, जबकि 2,182 मत नोटा को मिले। वहीं, कटनी जिले के विजयराघवगढ में भाजपा के संजय पाठक कांग्रेस के विजेन्द्र मिश्र से 17 हजार मतों से आगे हैं, जबकि इसी जिले के बहोरीबंद में कांग्रेस के सौरभ सिंह भाजपा के प्रणय पांडे से 1,750 मतों से आगे चल रहे हैं।

मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों की गिनती से हुई। राज्य में जिन तीन विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुए हैं, उनमें से एक कांग्रेस के पास और दो भाजपा के पास थी। विजयराघवगढ़ से कांग्रेस विधायक संजय पाठक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उन्हें यहां अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया है।

पंजाब 

पंजाब में हुए विधानसभा उपचुनावों में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने तलवंडी साबो विधानसभा सीट और कांग्रेस ने पटियाला (शहरी) सीट पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर रही। सत्ताविरोधी लहर से पार पाते हुए शिअद ने तलवंडी साबो सीट को कांग्रेस से छीनी है। पटियाला (शहरी) और तलवंडी साबो सीटों पर पहले कांग्रेस का कब्जा था।

कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के अमृतसर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पटियाला सीट खाली हो गई थी, जबकि तलवंडी साबो विधानसभा सीट कांग्रेस के निवर्तमान विधायक जीत मोहिंदर सिद्धू के पार्टी छोड़कर शिअद में शामिल होने से खाली हुई थी। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर ने तलवंडी साबो में सघन प्रचार अभियान चलाया था, ताकि पार्टी उम्मीदवार और पाला बलदकर आए सिद्धू की जीत सुनिश्चित की जा सके।
     
पटियाला के शाही परिवार ने पटियाला सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखी जिसे परिवार का मजबूत गढ़ माना जाता है। पटियाला सीट बरकरार रखने के बाद अमरिंदर सिंह पंजाब में मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं। पटियाला सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी के लिए जोरदार प्रचार किया। तीन बार की सांसद परनीत को लोकसभा चुनावों में आप के धर्मवीर गांधी ने पराजित किया था। अमरिंदर ने जहां सिर्फ अपनी पत्नी के लिए ही प्रचार किया, वहीं उनके धुर विरोधी और पंजाब कांग्रेस के प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा ने अपना प्रचार तलवंडी साबो तक ही सीमित रखा।

निर्वाचन कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिअद के उम्मीदवार को 23,282 से ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया। प्रवक्ता ने कहा कि कौर को जहां 52,967 वोट मिले, वहीं शिअद के उम्मीदवार भगवान दास जुनेजा को 29,685 वोट हासिल हुए। आप के उम्मीदवार हरजीत एस़ अदालतीवाला को 5,724 वोट ही हासिल हो सका। आप उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।

पटियाला से शिअद के उम्मीदवार जुनेजा के बेटे का कल रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, जिससे परनीत ने अपनी जीत के जुलूस को रद्द कर दिया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। तलवंडी साबो में शिअद के जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के हरमिंदर सिंह जस्सी को 46,642 मतों से पराजित किया। जस्सी पूर्व कांग्रेस विधायक और हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम सिंह के निकट रिश्तेदार भी हैं। चुनाव कार्यालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक सिद्धू को 71,747 वोट, जस्सी को 25,105 वोट और आप की बलजिंदर कौर को 13,899 वोट हासिल हुए।

लालू प्रसाद अस्पताल में भर्ती

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसद को सोमवार को नियमित जांच के लिए मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।  चिकित्सक ने कहा कि 'चिंता की कोई बात नहीं' है। एशियन हार्ट इंस्टीटय़ूट (एएचआई) के एक अधिकारी ने कहा कि यह नियमित जांच थी। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। उनकी सभी रिपोर्ट सोमवार को आ जाएगी, जिसके बाद उनका परिवार आगामी कदम के बारे में निर्णय लेगा। वह फिलहाल एएचआई के प्रमुख और प्रख्यात हार्ट सर्जन रमाकांत पांडा की निगरानी में हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें