तरुण गोगोई के काफिले पर हमला
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के काफिले पर सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह नगालैंड की सीमा से लगे गोलाघाट जिले में हिंसा प्रभावित उरियामघाट का दौरा करने जा रहे थे। एडीजीपी...
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के काफिले पर सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह नगालैंड की सीमा से लगे गोलाघाट जिले में हिंसा प्रभावित उरियामघाट का दौरा करने जा रहे थे। एडीजीपी (कानून व्यवस्था) एपी राउत ने बताया कि गोगोई को हमले में चोट नहीं आई, लेकिन काफिले में पीछे चल रहे दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में एक प्रदर्शनकारी घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, गोगोई ने कहा है कि लोगों की नाराजगी स्वाभाविक है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा, लोग मुझे काले झंडे दिखाएं स्वागत है, लेकिन सरकारी वाहनों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। हालात संभालने के लिए कार्रवाई जरूरी है।
जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त मुख्यमंत्री सोमवार सुबह सड़क मार्ग से जोरहट से गोलाघाट जा रहे थे। जैसे ही उनका काफिला उरियामघाट में एक राहत शिविर के पास पहुंचा, तभी प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ नारे लगाए और उनमें से कुछ ने काफिले में चल रहेवाहनों पर पथराव कर दिया, जिससे दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। राउत के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से वहां से हटने को कहा। ऐसा नहीं होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की, जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। नगालैंड के उपद्रवियों द्वारा उरियामघाट में लोगों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सदस्यों ने गोगोई का पुतला भी जलाया। मुख्यमंत्री करीब पांच मिनट तक राहत शिविर में रूके। वहां उन्होंने अफसरों के साथ हालत की समीक्षा भी की। इससे पहले गत 12 अगस्त को कथित तौर पर एक साथ 9 लोगों की नगालैंड के उपद्रवियों ने हत्या कर दी थी। घटना के बाद गोलाघाट जिले के सात गांव के करीब दस हजार लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं।
सुरक्षा के लिए नई बटालियन
घटना के बाद गोगोई ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के लिए सीमा विकास परिषद और इन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए सीमा संरक्षण बटालियन बनाएगी। गोगोई ने कहा, हम सीआरपीएफ के काम से खुश नहीं है। बल ने असम-नगालैंड सीमा पर जिम्मेदारी के साथ अपना कत्र्तव्य नहीं निभाया है। उन्होंने कहा, किसी ने पिछले 35 साल में इन्हें हटाने के लिए नहीं कहा, लेकिन अब मैं कह रहा हूं और बीएसएफ को तैनात करने के लिए भी कहूंगा।