न्यायिक नियुक्ति बिल राज्यसभा से भी पारित
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्तियों की 20 वर्ष पुरानी कोलेजियम व्यवस्था को समाप्त कर न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है। एक दिन पहले लोकसभा में मंजूरी के बाद गुरुवार...
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्तियों की 20 वर्ष पुरानी कोलेजियम व्यवस्था को समाप्त कर न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है। एक दिन पहले लोकसभा में मंजूरी के बाद गुरुवार को राज्यसभा ने भी राष्ट्रीय नियुक्ति आयोग विधेयक(एनजेएसी), 2014 और इससे संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पारित किया।
संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में 179 सदस्यों ने मतदान किया। एक सदस्य ने मतविभाजन में भाग नहीं लिया। विधेयकों पर विपक्ष के लाए गए संशोधनों को सदन ने ध्वनिमत से नकार दिया और राष्ट्रीय नियुक्ति आयोग विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
प्रक्रिया के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक अब सभी राज्यों को भेजा जाएगा और राज्य विधानसभाओं में से 50 प्रतिशत से इस पर मंजूरी लेनी पड़ेगी। यह प्रक्रिया संभवत: आठ माह तक चल सकती है। राज्यों से मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
विधेयक की खास बातें
- उच्च न्यायपालिका में जजों का चयन छह सदस्यीय आयोग करेगा
- इसमें देश के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के दो जज, कानून मंत्री और दो प्रमुख हस्तियां होंगी
- प्रमुख हस्तियों का चयन पीएम, सीजेआई, लोकसभा में विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता की समिति करेगी
- यह आयोग कोलेजियम प्रणाली का स्थान लेगा जिसमें सीजेआई और चार वरिष्ठ जज होते हैं।