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सितारों के पास कल्पना चावला

‘मां, वह कौन सा तारा है? क्या बताया था तुमने?’ ‘ध्रुव तारा। हां, ध्रुव तारा’... ‘वह सात तारों का समूह क्या कहलाता है?’ ‘सप्तषि। मां, मुझे तारों के पास...

सितारों के पास कल्पना चावला
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 13 Aug 2014 09:54 AM
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‘मां, वह कौन सा तारा है? क्या बताया था तुमने?’
‘ध्रुव तारा। हां, ध्रुव तारा’...
‘वह सात तारों का समूह क्या कहलाता है?’
‘सप्तषि। मां, मुझे तारों के पास जाना है। उन्हें पास से देखना चाहती हूं।’
कल्पना जब बहुत छोटी थीं, गांव में रहती थीं। तब भी हमेशा चांद-तारों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहती थीं। कल्पना छुटपन से ही अपने पापा से हवाई जहाज दिखाने की जिद किया करती थीं। एक दिन उनके पापा उन्हें हवाई जहाज पास से दिखाकर लाए। तब से ही कल्पना कहती थीं, ‘एक दिन मैं आसमान में उड़ंगी और सितारों के पास पहुंच जाऊंगी।’

श्रीराम सेंटर, मंडी हाउस के मंच से जब परदा हटा, तो अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के जीवन के कुछ ऐसे ही दृश्यों को दर्शकों के सामने दर्शाया अपर्णा एनजीओ ट्रस्ट के द्वारा तैयार किए गए बाल कलाकारों ने। इसे प्रस्तुत किया आर्ट कैराट ने। नाटक को डिजाइन व निर्देशित किया सुषमा सेठ ने। वह फिल्म कलाकार, नाटक व डायलॉग गुरु और बच्चों के थियेटर की कार्यकर्ता हैं। इसी कार्यक्रम में उपस्थित थे कल्पना के माता-पिता भी। उनके पिता ने बच्चों से कहा, ‘कल्पना का रोल अदा करने वाले बच्चों में से हो सकता है कोई बच्चा कल्पना की तरह बन जाए।’ उनकी मम्मी ने कल्पना को याद करते हुए कहा, ‘कल्पना कहती थी कि किसी के आगे खुद को छोटा नहीं मानना चाहिए और न ही कभी अपने आगे किसी को छोटा समझना चाहिए।’ कल्पना को प्रकृति से बहुत प्रेम था, उनकी चमकती आंखों में न जाने कितने ही सपने थे। कल्पना बचपन में स्कूल में कार्यक्रम के दौरान डांस करती थीं। कविताएं लिखती थीं। उन्हें सादा जीवन जीना ही पसंद था। शुद्ध शाकाहारी थीं।

अब तक तो आप अच्छी तरह समझ ही चुके होगे कि हम किस कल्पना के बारे में बात कर रहे हैं। वही भारत की प्यारी बेटी, जो पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष में गई थी। वह पहली भारतीय-अमेरिकन अंतरिक्ष यात्री थी। नासा अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले वह रिसर्च साइंटिस्ट थी। अमेरिका के कई ग्लाइडर, एरोप्लेन, सिंगल इंजन, मल्टी इंजन के लाइसेंस कल्पना के पास थे।

कोलंबिया एयरक्राफ्ट क्रू के सात अंतरिक्ष यात्री सोलह दिनों के साइंस मिशन के बाद लौट रहे थे कि यान एकाएक आग के गोले में बदला और टेक्सास पर आ गिरा। और कल्पना हमेशा के लिए तारों के पास पहुंच गईं।                                         

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