भय से ऊर्जा
उन्हें हॉरर फिल्में देखना पसंद है। रोमांच और उत्तेजना की वजह से ऐसी डरावनी फिल्में देखने की उनकी इच्छा बार-बार होती है। ऐसा ही रोमांच क्या वे वास्तविक जीवन की स्थितियों से महसूस करते हैं? वास्तविक...
उन्हें हॉरर फिल्में देखना पसंद है। रोमांच और उत्तेजना की वजह से ऐसी डरावनी फिल्में देखने की उनकी इच्छा बार-बार होती है। ऐसा ही रोमांच क्या वे वास्तविक जीवन की स्थितियों से महसूस करते हैं? वास्तविक जीवन में कई आभासी भय उन्हें हमेशा सताते रहते हैं। जैसे, यह काम करूंगा, तो विफलता हाथ लगेगी। उन्हें कुछ बोल दूं, तो वे बुरा मान जाएंगे। इसमें निवेश करूंगा, तो कहीं नुकसान न हो जाए, आदि। व्हील्स ऑफ लाइट जैसी खूबसूरत किताब की लेखिका रोजलीन ब्रुयेरे का कहना है कि आपका भय आपको ऊर्जावान बना सकता है, बशर्ते आप कर्म के सिद्धांत पर आक्रामक तौर पर अमल करें। आक्रामक होने का मतलब है, पूरी ईमानदारी और सक्रियता से मैदान में उतरें। अगर आपको लगता है कि आप जो करने जा रहे हैं, उसे लेकर लोग क्या कहेंगे, तो आप बस एक बार यह सुनिश्चित कर लें कि आप जो करना चाहते हैं, वह सही है। उसके बाद धड़ल्ले से उस काम को कर दें। ऐसे में, आपका डर आपको ऊर्जावान बना देगा।
एनी प्राउल का उदाहरण इस मामले में सबसे अच्छा है। उन्होंने 58 साल में अपनी पहली किताब लिखी और इसके लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार मिला। एनी ने कहा कि किताब लिखना तो उन्होंने काफी पहले ठान लिया था। लेकिन जब भी पुस्तक लिखने बैठती, यह भय सताता रहता कि पता नहीं क्या लिखूंगी और क्या पता कि इसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाए। किताब लिखने के बाद इसे छपवाने में भी उन्होंने लंबा समय लिया और जैसे ही डर को जीता, उनकी जिंदगी बदल गई। फिल्म द एमिटेविले हॉरर के निर्देशक एंड्रयू डगलस की बातों पर गौर करें। उन्होंने कहा कि इस फिल्म से उन्होंने एक ही बात सीखी कि डर से डरावनी कोई चीज नहीं, लेकिन इसे देखने का एंगल बदल दें, तो यह मोहक बन जाती है।