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टीनएज: नाजुक है यह उम्र

टीनएज उम्र का एक खास दौर है। इस उम्र में जिंदगी के प्रति उत्साह होता है तो तरह-तरह की जिज्ञासा भी। आज के जमाने में टीनएज बेटी की जिंदगी को सही दिशा देना किसी चुनौती से कम नहीं। कैसे दें अपनी टीनएज...

टीनएज: नाजुक है यह उम्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 07 Aug 2014 10:56 AM
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टीनएज उम्र का एक खास दौर है। इस उम्र में जिंदगी के प्रति उत्साह होता है तो तरह-तरह की जिज्ञासा भी। आज के जमाने में टीनएज बेटी की जिंदगी को सही दिशा देना किसी चुनौती से कम नहीं। कैसे दें अपनी टीनएज बेटी की जिंदगी को सही दिशा, बता रही हैं रेखा व्यास

बेटी बड़ी हो रही है। कब वह टीनएज में पहुंच गई आपको पता ही नहीं चला। पर, अब आपको उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। टीनएज उम्र का एक नाजुक दौर है। यहां हर कदम पर आपकी बेटी को आपका साथ चाहिए, पर इस शर्त के साथ कि आप उसकी जिंदगी में बेवजह दखल नहीं देंगी। अब आपकी फिक्र उसे टोका-टाकी लगने लगेगी। आपके द्वारा प्यार से परोसी गई थाली में उसे अतिरिक्त कैलोरी नजर आने लगेगी। आप बड़े शौक से उसके लिए जो फैशनेबल कपड़े खरीद कर लाएंगी, वो कपड़े उसे आउट ऑफ फैशन नजर आएंगे।

उसे दें सही मार्गदर्शन
टीनएज उम्र के बदलने का दौर है। शरीर में ढेरों हार्मोनल बदलाव के साथ बच्चा खुद को सभी बंधनों से मुक्त करने और अपनी शर्त पर जिंदगी जीने की जिद इसी समय से पकड़ने लगता है। इसी समय बच्चे को सही मार्गदर्शन की ज्यादा जरूरत होती है। प्रतिभा विकास विद्यालय में वाइस प्रिंसिपल डॉं. पूनम आनंद कहती हैं, इन दिनों बच्चे के मन में ढेर सारी जिज्ञासा रहती है। उनका समाधान जरूरी है। पेरेंट्स अगर खुद अच्छे रोल मॉडल बनें तो बच्चा आसानी से अनुकरण करता है। अपनी बेटी को टीनएज में प्रवेश करने के बाद से आत्मनिर्भर बनाना शुरू कर दें। घर के छोटे-मोटे काम में उसकी मदद लेना शुरू कर दें। इस उम्र में आप उसे जो कुछ सिखाएंगी, वो पूरी जिंदगी उसके काम आएगा।

संवेदना का हो सही विकास
रिलेशनशिप काउंसलर निशा खन्ना कहती हैं, टीनएज में बेटी में अच्छी संवेदना का विकास हो, इसके लिए घर में सुखद माहौल बनाकर रखना आपकी जिम्मेदारी है। घर में बड़े-बुजुर्ग, पेड़-पौधे और पालतू जानवर की देखभाल की जिम्मेदारी अपनी टीनएज बेटी को सौंपकर आप अप्रत्यक्ष रूप से उसमें प्यार, दुलार और देखभाल जैसे गुणों का बीज बो सकती हैं। किसी मनपसंद हॉबी में हर दिन कुछ समय लगाने के लिए उसे प्रेरित करें। फायदा यह होगा कि वह कुछ नया सीखेगी भी और हमउम्र लड़कियों जैसा बनने का दबाव उस पर हावी नहीं होगा।

शारीरिक विकास हो सही
डाइटीशियन ईशी खोसला के मुताबिक टीनएज में तेजी से शारीरिक बदलाव होते हैं। अगर इस वक्त डाइट और व्यायाम आदि पर नजर न रखी जाए तो मोटापा आदि का खतरा भी रहता है। कई बार हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर के कुछ हिस्सों में अतिरिक्त चर्बी इकट्ठा हो जाती है। ऐसी स्थिति में डॉंक्टर से परामर्श लेना बेहतर होता है। ज्यादा वसा वाली चीजें खाने का असर उसके शरीर पर क्या होगा, इस बारे में भी उसे समझाएं। उसे संतुलित खाना खाने के लिए प्रेरित करें और जंक फूड से दूर रहने के फायदे बताएं।

उसके सवालों का जवाब दें
मनोचिकित्सक डॉं. विकास कहते हैं, इस उम्र में बच्ची में उत्सुकता बढ़ जाती है। अगर घर में उसके सवालों का जवाब नहीं मिलता है तो वह घर के बाहर किसी ऐसे व्यक्ति को तलाशती है। हो सकता है, आपके द्वारा उसके सवालों का जवाब न देना ही उसकी जिंदगी को एक गलत दिशा में मोड़ दे। उसकी सहज जिज्ञासाओं का समाधान करें। बच्ची के सवालों को नजरंदाज करने की जगह उसके सवालों का सही जवाब दें। साथ ही उसे शारीरिक रूप से सुरक्षित रहने और मानसिक रूप से मजबूत बनना भी सिखाएं।

आप ही तो सिखाएंगी

1. बच्ची को पर्सनल हाइजीन की बातें समझाएं।
2. उसे अपनी सुरक्षा के बारे में भी ताकीद करें। मोबाइल, कंप्यूटर और दोस्तों के साथ वह जो वक्त बिता रही है, उस पर भी नजर रखें। पर, इस बात का ध्यान रखें कि आपकी बेटी को यह नहीं लगना चाहिए कि आप उसकी जिंदगी में बेवजह दखल दे रही हैं। उसे यह लगना चाहिए कि आपको उसकी फ्रिक है और आप हर हाल में उसे सुरक्षित जिंदगी जीते हुए देखना चाहती हैं।
3. बच्ची को तनाव, दबाव और दुख से उबरने का गुर सिखाएं। उसे व्यवहारिक बनाएं ताकि वह जिंदगी की चुनौतियों का सामना आसानी से कर सके।
4. अगर अचानक वह आपसे बातें करना बंद कर दे, उसकी जिंदगी में क्या हो रहा है, इस बारे में आपसे कुछ भी शेयर न करे, तो इसे एक संकेत के रूप में लें। यह मान लेना आपके लिए भी जरूरी है कि आपकी बेटी की एक अपनी जिंदगी है और जरूरी नहीं कि वह उस जिंदगी के हर पल का हिस्सा आपको बनाए। ध्यान रखिए, ज्यादा टोका-टाकी से वह जिद्दी भी बन सकती है।

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