मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरें अपरिवर्तित रहने की संभावना
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा मंगलवार को जारी करेगा जिसमें वह नीतिगत ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रख सकता है। केंद्रीय बैंक यह समीक्षा ऐसे समय में जारी कर रहा है जबकि...
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा मंगलवार को जारी करेगा जिसमें वह नीतिगत ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रख सकता है। केंद्रीय बैंक यह समीक्षा ऐसे समय में जारी कर रहा है जबकि आशंका है कि मानसून की कमजोर बारिश से खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ सकती है।
खाद्य मुद्रास्फीति 8 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है जिसका बहुत असर रिजर्व बैंक की नीति पर रहेगा। केंद्रीय बैंक कहता रहा है कि मुद्रास्फीति पर काबू पाना उसकी शीर्ष प्राथमिकता है। टमाटर, आलू व प्याज जैसी खाद्य वस्तुओं के दाम अब भी सामान्य से ऊपर हैं। मानसून की बारिश सामान्य से कमजोर होने से आशंका है कि कीमत विशेषकर खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। जुलाई के आखिर तक मानसून बारिश सामान्य से 23 प्रतिशत कम रही है।
भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरूधंति भटटाचार्य ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दर पूर्व स्तर पर ही बनाए रखने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रखने की संभावना अधिक है।
हांलाकि यह भी अनुमान है कि केंद्रीय बैंक नकदी बढ़ाने के लिए कुछ घोषणाएं कर सकता है। ओबीसी के चेयरमैन एलएल बंसल ने कहा कि भले ही ब्याज दरों के मोर्चे पर कोई कदम नहीं उठाया जाए लेकिन प्रणाली में अतिरिक्त नकदी डालने वाले कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। एचडीएफसी बैंक के उप प्रबंध निदेशक पारेश सुथांकर ने कहा कि हमारा मानना है कि नीतिगत ब्याज दरें कुल मिलाकर स्थिर रहेंगी।