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फिर कोई शिलान्यास करगा का भाईड्ढr झारखंड के मंत्रियों में नाम कमाने की होड़ मची है। इसी होड़ में वे लोक लाज तक तक कुर्बान कर दे रहे हैं। जनता भी देख रही है इनका तमाशा, पर उसको इ बुझाइये नहीं रहा है...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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फिर कोई शिलान्यास करगा का भाईड्ढr झारखंड के मंत्रियों में नाम कमाने की होड़ मची है। इसी होड़ में वे लोक लाज तक तक कुर्बान कर दे रहे हैं। जनता भी देख रही है इनका तमाशा, पर उसको इ बुझाइये नहीं रहा है कि ऐसे तमाशे पर हंसे या रोये। एगो तमाशा अभी मांडर में हुआ। गांव-देहात देखनेवाले एगो मंत्री जी ने उस इलाके में एक पुल का शिलान्यास करने का मन बनाया। इलाके के अधिकारी को सूचना भेजवा दी कि शुक्रवार को शिलान्यास करंगे। यह बात मां सरस्वती के मंत्री को पता चली। उन्हें यह पसंद नहीं आया, काहे से कि पुल तो उनके इलाके में था। उनके इलाके में दूसर इलाके का मंत्री घुसे इ बर्दाश्त लायक बात नहीं थी। कवनो भरोसा नहीं, आज शिलान्यास करंगे, कल पांव पसारने लगेंगे। चुनावो नजदीक आ रहा है। मंत्री जी ने अपने चेलों से कहा कि दूसर इलाके से आने वाले मंत्री जी के पहुंचने के पहले ही शिलान्यास की तैयारी करो। आनन-फानन में तैयारी हुई और इलाके के मंत्री जी पुल का शिलान्यास कर चलते बने। सुनकर दूसर मंत्री बौखलाये। ऐलान कर दिया कि कल फिर शिलान्यास होगा। पहिला वाला शिलान्यास अवैध है। दूसर दिन उसी पुलिया का फिर से शिलान्यास हुआ। इ सब देखके मंगरा भी बहुत खुश है। कहता है झारखंड है भई, हींया रोो नया-नया रकाड बनता है। पर सबसे बुरा हाल तो उ पुलवा का है, जिसका दो बार शिलान्यास हो चुका है। उधर से गुजरने वाले हर आदमी को अचंभे के साथ देखता है, फिर कवनो शिलान्यास कर आ रहा है का रे बाप..!

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