फोटो गैलरी

Hindi Newsसरकारी बंगले पर कब्जा पड़ेगा भारी

सरकारी बंगले पर कब्जा पड़ेगा भारी

पूर्व कैग विनोद राय अब सरकारी बंगलों पर अनधिकृत रूप से काबिज पूर्व मंत्रियों, सांसदों और नौकरशाहों के पीछे लग गए हैं। उन्होंने यह मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया है जिस पर शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को...

सरकारी बंगले पर कब्जा पड़ेगा भारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 19 Jul 2014 09:20 AM
ऐप पर पढ़ें

पूर्व कैग विनोद राय अब सरकारी बंगलों पर अनधिकृत रूप से काबिज पूर्व मंत्रियों, सांसदों और नौकरशाहों के पीछे लग गए हैं। उन्होंने यह मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया है जिस पर शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

इससे पहले उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल, आदर्श सोसायटी आवंटन घोटाला और टूजी स्पेक्ट्रम व कोयला ब्लॉक आवंटन पर लाखों करोड़ रुपयों के नुकसान की ऑडिट रिपोर्ट देकर पूर्व की केंद्र सरकार की नाक में दम कर दिया था। पूर्व कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक)राय ने यह मामला मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढ़ा को एक पत्र भेजकर उठाया है। शीर्ष अदालत ने इस पत्र को जनहित याचिका में तब्दील कर लिया और इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान को न्यायमित्र नियुक्त किया है। पत्र में राय ने कहा है कि 22 पूर्व केंद्रीय मंत्री और अनेक नौकरशाह गैरकानूनी तरीके से सरकारी मकानों पर काबिज हैं जबकि वे इनके हकदार नहीं हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि 8 मई को प्रकाशित खबरों में लालू प्रसाद, ए. राजा, एसएम कृष्णा, मुकुल राय, पवन कुमार बंसल, सुबोधकांत सहाय, मुकुल वासनिक, हरीश रावत सरीखे पूर्व मंत्रियों के अलावा कई अन्य भी गैरकानूनी तरीके से सरकारी मकानों पर कब्जा कर रखा है। राजा ने नवंबर, 2010 में इस्तीफा दे दिया लेकिन उन्होंने 2-ए मोतीलाल नेहरू मार्ग का बंगला नहीं छोड़ा।

 

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें