इशांत और भुवी ने इंग्लैंड को झकझोरा
इशांत शर्मा के कातिलाना स्पैल और भुवनेश्वर कुमार के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से भारत ने ट्रेंटब्रिज की बेजान पिच पर खेले जा रहे पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में शुक्रवार को कुछ जान डालकर तीसरे...
इशांत शर्मा के कातिलाना स्पैल और भुवनेश्वर कुमार के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से भारत ने ट्रेंटब्रिज की बेजान पिच पर खेले जा रहे पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में शुक्रवार को कुछ जान डालकर तीसरे दिन भी इंग्लैंड को बैकफुट पर रखा।
इशांत ने 109 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि भुवनेश्वर (61 रन देकर चार विकेट) ने अपने करियर में पहली बार चार विकेट हासिल किये लेकिन जो रूट (नाबाद 78) ने पुछल्ले बल्लेबाजों स्टुअर्ट ब्रॉड (47) और जेम्स एंडरसन (नाबाद 23) के साथ अर्धशतकीय साझेदारियां करके तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड का स्कोर नौ विकेट पर 352 रन पर पहुंचा दिया। इंग्लैंड अब भी भारत से 105 रन पीछे है जिसने अपनी पहली पारी में 457 रन बनाए थे।
दिन का पहले और तीसरे सत्र के प्रदर्शन से इंग्लैंड को खुशी होगी लेकिन दूसरा सत्र पूरी तरह से भारत के नाम रहा। सुबह के सत्र में भारतीय गेंदबाजों को कोई विकेट नहीं मिला लेकिन दूसरे सत्र में इशांत के खौफनाक स्पैल की बदौलत भारत ने 74 रन के अंदर इंग्लैंड के छह विकेट चटका दिये। कुछ फैसले हालांकि विवादास्पद भी रहे। रूट के अलावा इंग्लैंड की तरफ से ऑस्ट्रेलिया में जन्में सैम रॉबसन (59) और जिम्बाब्वे में जन्में गैरी बैलेन्स (71) ने अर्धशतक लगाये।
इंग्लैंड ने सुबह एक विकेट पर 43 रन से आगे खेलना शुरू किया। रॉबसन और बैलेन्स दोनों ने सुबह के सत्र में भारतीय गेंदबाजों को निराश किया लेकिन लंच के बाद इशांत ने पूरे समीकरण बदलकर रख दिये। उन्होंने सात ओवर में 29 रन के अंदर तीन विकेट लेकर इंग्लैंड का स्कोर एक विकेट पर 131 रन से चार विकेट पर 174 रन कर दिया। छरहरे बदन के इस तेज गेंदबाज ने बेजान पिच पर रिवर्स स्विंग हासिल करके इंग्लैंड के बल्लेबाजों को चकमा दिया।
रॉबसन और बैलेन्स दोनों को इशांत ने पवेलियन की राह दिखायी। ये दोनों लंच के समय समान 59 रन पर खेल रहे थे। रॉबसन अपने इस स्कोर में कोई इजाफा नहीं कर पाये और इशांत ने उन्हें पगबाधा आउट करके पवेलियन भेजा। रीप्ले से हालांकि लग रहा था कि गेंद ने बल्ले का हल्का किनारा लिया था लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अंपायर ब्रूस ओक्सनफोर्ड की उंगली उठ चुकी थी। रॉबसन ने अपनी पारी में 142 गेंद खेली और आठ चौके लगाये।
इयान बेल ने अगली गेंद पर चौका जड़कर खाता खोला लेकिन इससे इशांत पर असर नहीं पड़ा जो अपने पूरे शबाब में थे। उन्होंने बेहद खूबसूरत गेंद पर बैलेन्स को पगबाधा आउट किया और इस बार किसी को संदेह नहीं था। बैलेन्स की पारी 167 गेंद और नौ चौकों तक सीमित रही। विकेटों का पतन शुरू हो गया था। इशांत ने भरोसेमंद बेल (25) को आउट करके इंग्लैंड को करारा झटका दिया। बेल ने तेजी से उठती शॉर्ट पिच गेंद पर गलत शॉट खेलने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच थमाया।
मोइन अली (14) भी शॉर्ट पिच गेंद का शिकार बने लेकिन इस बार गेंदबाज शमी थी। गेंद बल्लेबाज के दस्तानों को चूमती हुई स्लिप में शिखर धवन के पास पहुंची थी। भुवनेश्वर ने इसके बाद मैट प्रायर (5) और बेन स्टोक्स (शून्य) को एक ओवर में पवेलियन भेज दिया।
प्रायर का हालांकि भाग्य ने साथ नहीं दिया क्योंकि अंपायर कुमार धर्मसेना ने जिस गेंद पर उन्हें महेंद्र सिंह धौनी के हाथों कैच आउट दिया वह उनके बल्ले के करीब से होकर भी नहीं गुजरी थी। स्टोक्स के मामले में हालांकि ऐसा कुछ नहीं था और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर धौनी के दस्तानों में समायी थी।
चाय के विश्राम के समय इंग्लैंड का स्कोर सात विकेट पर 205 रन था और उस पर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा था लेकिन ब्रॉड आक्रामक तेवरों के साथ क्रीज पर उतरे थे। उन्होंने तीसरे सत्र के शुरू से ही हर गेंदबाज पर करारे प्रहार करने शुरू किये और चौकों की झड़ी लगाकर जल्द ही टीम को फॉलोऑन से बचा दिया।
भुवनेश्वर की खूबसूरत इनस्विंगर पर हालांकि ब्रॉड पूरी तरह गच्चा खा गए और पगबाधा होकर पवेलियन लौटे। ब्रॉड ने अपनी 42 गेंद की पारी में नौ चौके लगाये और रूट के साथ आठवें विकेट के लिए 78 रन की साझेदारी की। भुवनेश्वर ने इसके बाद लियाम प्लंकेट को बोल्ड करके अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
भुवनेश्वर और शमी ने जिस तरह से भारतीय पारी में दसवें विकेट के लिए 111 रन की साझेदारी की उसी तरह से एंडरसन ने अभी तक रूट का अच्छा साथ दिया है। इन दोनों ने भारत की इंग्लैंड की पारी तीसरे दिन ही समेटने की इच्छा पूरी नहीं होने दी। रूट और एंडरसन ने आखिरी विकेट के लिए अब तक 54 रन जोड़ दिये हैं।
गुरुवार को कप्तान एलिस्टेयर कुक के रूप में पहली सफलता दिलाने वाले शमी ने 98 रन देकर दो विकेट लिये हैं। धौनी ने रविंद्र जडेजा और स्टुअर्ट बिन्नी से भी गेंदबाजी करवायी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे बिन्नी ने केवल छह ओवर किये।