फोटो गैलरी

Hindi News मेरा टॉमी महान

मेरा टॉमी महान

‘मिनरल वाटर पिलाएं, टॉमी को पथरी से बचाएं’ पढ़कर लगा कि इस टॉमी के कौन से सुकर्म हैं जो मिनरल वाटर का रसपान करने का सौभाग्य प्राप्त किया है। आज एक राज्य दूसर राज्य को पानी के लिए आंखें तरर रहा है।...

 मेरा टॉमी महान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

‘मिनरल वाटर पिलाएं, टॉमी को पथरी से बचाएं’ पढ़कर लगा कि इस टॉमी के कौन से सुकर्म हैं जो मिनरल वाटर का रसपान करने का सौभाग्य प्राप्त किया है। आज एक राज्य दूसर राज्य को पानी के लिए आंखें तरर रहा है। फिर भी आपकी सेवा में बोतलबंद पानी हाजिर है। सचमुच मेरा ‘टॉमी’ महान।ड्ढr राजेन्द्र कुमार सिंह, रोहिणी, दिल्ली हमारा खुफिया तंत्र जिम्मेवार सरकार चाहे केन्द्र की हो अथवा राज्यों की, उसका सफल व असफल होना सुरक्षा के लिहाज से सरकारी खुफिया तंत्र पर निर्भर करता है। खुफिया तंत्र के विभागों में आपसी सामंजस्य नहीं है । प्रत्येक राष्ट्रीय एवं धार्मिक महत्व के त्यौहारों, दिवसों के अवसर पर अपनी विभागीय खानापूर्ति की कागजी कार्यवाही को सम्पन्न कराने के लिए राज्य व केन्द्र सरकार को अथवा पुलिस बलों को चेतावनी के रूप में सूचना प्रेषित कर देने की औपचारिकता करता आ रहा है। औपचारिकताओं का शिकार अंत में आतंकवाद की घटनाओं में निर्दोष लोगों को बनना पड़ता है।ड्ढr किशन लाल कर्दम, नई दिल्ली अास्तीन के सांप मालेगांव, वाराणसी, अजमेर, दिल्ली के बाद जयपुर बम विस्फोट सबूत हैं कि आतंकी अपनी जड़ें और जाल देश के विभिन्न हिस्सों में फैलाने में कामयाब हो रहे हैं। वे जब चाहें, जहां चाहें, विस्फोट करके बेगुनाहों की जान ले लेते हैं। अभी तक किसी भी धमाके का सूत्रधार पकड़ा नहीं गया। ऐसी घड़ी कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े होने की होती है न कि एक-दूसर की टांग खींचने की या राजनीतिक रोटियां सेंकने की। हमारा जांच तंत्र तो कमजोर है ही, नागरिकों का भी र्फा बनता है कि वह भी चौकसी-निगरानी बरतें ताकि कोई आतंकी ‘स्लीपर सैल’ वहां मुकाम न बना पाए। ये आस्तीन के सांप हमार ही आसपास मौजूद हैं।ड्ढr डॉ. आर. के. मल्होत्रा, नई दिल्ली गिरा दो नफरत की दीवार शिया रहनुमा कल्बे सादिक ने यह ऐलान कि अगली ईद की नमाज वे सुन्नी ईदगाह में सुन्नी इमाम के पीछे खड़े होकर पढ़ेंगे, सराहनीय है। यह भारत में ही संभव है कि आर्य समाजी संन्यासी श्रद्धानन्द जामा मसिद में वेद मंत्र पढें़। उस्ताद बिस्मिल्ला खां भगवान विश्वनाथ के मंदिर में शहनाई वादन करं। शम्भू शंकर कव्वाल अजमेर की दरगाह में कव्वाली पेश करं। स्वर्ण मंदिर की नींव सूफी संत रखे। हे भारत के लोगो तुम पूरी दुनिया के रहबर बनो।ड्ढr एस. एस. भदौरिया, बीकानेर, राजस्थान इल्जाम पर गौर करना था 1857 के स्वाधीनता संग्राम के दौर में या इससे बाद के दौर में अनेक लोग ऐसे भी थे जिन्होंने निजी सुख-साधनों में क्षाफे के वास्ते देश की आजादी के लिए अपना सब-कुछ कुर्बान कर देने वाले देशभक्तों की भावनाओं की परवाह न करते हुए उल्टे उस पवित्र संग्राम में अंग्रेजों का साथ दिया और बदले में पाया भारी-भरकम ईनाम, जागीर के रूप में। हाल में स्वतंत्रता संग्राम के दिनों की याद में संचालित एक समारोह में पधार एक महानुभाव ने अपने पूर्वजों के साथ हुए घोर अन्याय को हंगामा मचाकर उाागर किया। बेहतर रहता समारोह के दौरान उनकी भावनाओं की कद्र करके मामले की उचित जांच की जाती। सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनके साथ र्दुव्‍यवहार न करके सम्मान से पेश आया जाता।ड्ढr एस. एस. अग्रवाल, दयालबाग, आगरा

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें