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आपके लिए भी आसान है आयकर का ई-रिटर्न

आयकर (इनकम टैक्स) रिटर्न को लेकर आमतौर पर लोग असमंजस में रहते हैं। कई बार लोग सही जानकारी नहीं होने और पेचीदा समझकर टैक्स रिटर्न भरने से बचते हैं जो बाद में परेशानी का सबब बन जाती है। इसमें सबसे अधिक...

आपके लिए भी आसान है आयकर का ई-रिटर्न
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 29 Jun 2014 10:02 AM
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आयकर (इनकम टैक्स) रिटर्न को लेकर आमतौर पर लोग असमंजस में रहते हैं। कई बार लोग सही जानकारी नहीं होने और पेचीदा समझकर टैक्स रिटर्न भरने से बचते हैं जो बाद में परेशानी का सबब बन जाती है। इसमें सबसे अधिक असमंजस में नौकरी-पेशा वाले वह लोग रहते हैं, जिन्हें पहली बार फॉर्म 16 मिलता है। टैक्स रिटर्न बैंक से कर्ज लेते समय भी मददगार होता है। अब ऑनलान भी टैक्स भरने (ई-रिटर्न) की सुविधा उपलब्ध है जो बेहद आसान है।

ई-रिटर्न कब जरूरी
आपकी सालाना आय दो लाख रुपये से अधिक है तो टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है। दो लाख रुपये से अधिक और पांच लाख रुपये से कम आय वाले लोग दस्तावेज के जरिए (ऑफलाइन) भर सकते हैं। लेकिन आमदनी पांच लाख रुपये से अधिक होने पर केवल ऑनलाइन (ई-रिटर्न) ही भर सकते हैं।

क्या होता है फॉर्म 16
जिस संस्थान में नौकरी करते हैं वहां से आपके द्वारा दिए गए निवेश के विवरण और स्रेत पर कर कटौती (टीडीएस) का ब्योरा जिस दस्तावेज में दिया जाता है उसे फॉर्म 16 कहते हैं। आयकर रिटर्न भरने में यह बहुत मददगार होता है।

सबसे पहले लॉगइन करें
ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरने के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट https://incometaxindiaefiling.gov.in पर लॉगइनक करें। इसके बाद पेज के दाहिनी तरफ दिए गए ई-रिटर्न के विकल्प पर क्िलक करके अपना रजिस्ट्रेशन कराएं। यदि आपको किसी तरह की सहायता चाहिए तो 1800-425-000-25 पर कॉल कर सकते हैं।

कैसे करें सही फॉर्म का चुनाव
रजिस्टर्ड हो जाने के बाद आयकर रिटर्न फॉर्म (आईटीआर) को डाउनलोड करें। यदि आपको वेतन के अलावा मकान और अन्य स्रेत से भी आमदनी है और लॉटरी या घुड़दौड़ में जीती हुई राशि इसमें शामिल नहीं है तो आईटीआर फॉर्म 1 (एक) का चुनाव करें। इसी तरह यदि आपको वेतन के अलावा एक से अधिक मकान से आमदनी हो रही है तो आईटीआर फॉर्म 2 (दो) का चुनाव करें।

रिटर्न के समय जरूरी दस्तावेज
सही आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करने के बाद उसमें फॉर्म 16 में दी गई जानकारी के मुताबिक सूचनाएं भरनी पड़ती हैं। फॉर्म 16 में आपके निवेश से जुड़ी सभी जानकारी दी गई रहती है। लेकिन आप नौकरी नहीं करते हैं तो उस स्थिति में बैंक खाता नंबर, पैन कार्ड, निवेश के दस्तावेज, जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का दस्तावेज साथ रखें। इसकी जानकारी रिटर्न भरते समय देनी पड़ती है। एक बार जब संबंधित आईटीआर फॉर्म में सूचनाएं भर देते हैं तो उसके सत्यापन (वैलिडेशन) का विकल्प आता है और जब आप सहमति देते हैं तभी आगे की प्रक्रिया पूरी होती है।

एक्सएमएल शीट ही सेव करें
एक बार जब आप संबंधित एक्सेल शीट में जानकारी भरने के बाद उसे सत्यापित (वैलिडेट) कर देते हैं तो एक्सएमएल शीट जारी होती है। इस बात का ध्यान रखें कि केवल एक्सएमएल शीट ही आयकर की वेबसाइट पर अपलोड हो सकती है। इसलिए सेव करते समय इस बात की जांच कर लें। इसमें यह बात ध्यान रखें कि वित्त वर्ष 2014-15 या समीक्षाधीन वर्ष जरूर भरें।

डिजिटल हस्ताक्षर का विकल्प
एक्सएमएल फाइल सेव होने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर का विकल्प आता है। यदि आपने पहले से अपना हस्ताक्षर स्कैन करके रखा हुआ तो उसे यहां अपलोड कर सकते हैं। यदि आपके पास डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा नहीं है तो प्रक्रिया आगे के लिए बढ़ सकते हैं जिसके बाद आपको फॉर्म की प्रक्रिया पूरी होने का मैसेज आएगा। इसके बाद आपके ईमेल पर आईटीआर 5 के सत्यापन के संबंध में मेल आएगा। आईटीआर5 एक तरह की पावती (एक्नॉलेजमेंट) है।

यहां भजे आईटीआर5
आईटीआर5 का प्रिंट लेकर उसे आयकर विभाग को भेजना होता है। यदि आपके पास डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा नहीं है तो आईटीआर5 पर नीले पेन से हस्ताक्षर जरूर करें। इसके बाद इसे आयकर विभाग के पते पर डाक के जरिए भेंजे। इस बात का ध्यान रखें कि कूरियर से भेजे गए दस्तावेज मान्य नहीं हैं। आप आईटीआर 5 को आयकर विभाग-सीपीसी, पोस्ट बैग नंबर-1, इलेक्ट्रॉनिक सिटी पोस्ट ऑफिस, बेंगलुरु, कर्नाटक-560100 के पता पर भेंजे।

क्यों जरूरी है फॉर्म 16
सामान्यत: लोग रिटर्न भरने के लिए वित्तीय सलाहकार या चाटर्ड अकाउंटेंट की मदद लेते हैं। लेकिन आपकी आय का जरिये वेतन है तो फॉर्म 16 के जरिये खुद से रिटर्न भर सकते हैं। फॉर्म 16 के दो भाग हैं ए और बी। फॉर्म 16ए में आपसे जुड़ी जानकारी होती ही जिसमें नाम, पता, कंपनी का नाम और पता, आपका पैन नंबर, कंपनी का टैक्स डिडक्सन नंबर (टीएएन) शामिल हैं। साथ ही इसमें समीक्षाधीन वर्ष की जानकारी होती है। समीक्षाधीन वर्ष में पिछले वित्त वर्ष में टैक्स देनदारी का आकलन किया जाता है। यदि 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2014 के बीच आय का विवरण देना है तो समीक्षाधीन वर्ष 2014-15 लिखा जाएगा। इसमें कंपनी आपकी आमदनी में से स्रेत पर कर कटौती (डीडीएस) करती है उसका भी विवरण होता है। वहीं फॉर्म 16 बी में आपका वेतन और अन्य स्रेत से आय का विवरण होता है जो टैक्स रिटर्न भरने में मददगार होता है।

इन्हें भी रखें याद
आयकर विभाग की वेबसाइट:  https://incometaxindiaefiling.gov.in
जरूरी फोन नंबर 1800-425-000-25

फॉर्म 16 नहीं होने पर मदद:  http://tinyurl.com/2x4n9k पर लॉगइन कर आकलन कर सकते हैं। यह आयकर विभाग की वर्क शीट है

आईटीआर5 भेजने का पता: आयकर विभाग-सीपीसी, पोस्ट बैग नंबर-1, इलेक्ट्रॉनिक सिटी पोस्ट ऑफिस, बेंगलुरु, कर्नाटक-560 100.
01 लाख रुपये तक मिलती है टैक्स छूट आयकर की धारा 80सी के तहत
1.50 लाख रुपये होम लोन के ब्याज पर छूट धारा 24 के तहत
20 हजार रुपये स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर छूट धारा 80डी के तहत
02 लाख रुपये तक सालाना आमदनी पर नहीं लगता है कोई टैक्स
02 लाख से अधिक और पांच लाख रुपये से कम आय पर दस्तावेज से भी रिटर्न
05 लाख रुपये से अधिक आय पर ऑनलाइन रिटर्न भरना जरूरी

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