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हर कॉलेज में पुरानी सीटों के आधार पर दाखिला

दिल्ली विश्वविद्यालय में तीन वर्षीय प्रोग्राम लागू हो गया है। ऐसे में कॉलेज पुरानी सीटों के आधार पर 2012 के कोर्स में दाखिला देंगे। यानी 2012 में कॉलेजों के विभिन्न कोर्स में जो सीटें थीं वो सीटें...

हर कॉलेज में पुरानी सीटों के आधार पर दाखिला
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 28 Jun 2014 10:22 PM
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दिल्ली विश्वविद्यालय में तीन वर्षीय प्रोग्राम लागू हो गया है। ऐसे में कॉलेज पुरानी सीटों के आधार पर 2012 के कोर्स में दाखिला देंगे। यानी 2012 में कॉलेजों के विभिन्न कोर्स में जो सीटें थीं वो सीटें दोबारा से लागू होंगी। उन्हीं में दाखिला होगा। इसका असर ऑनर्स की सीटों पर पड़ेगा और ऑनर्स की सीटें कम होंगी क्योंकि चार साल के प्रोग्राम में कई कोर्स बंद हुए थे उनकी सीटों को ऑनर्स में तब्दील किया गया था।

डीयू की 12 सदस्यों की कमेटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस पर चर्चा की गई। चूंकि 2012 की दाखिला नीति अपनाई जाएगी इसलिए हमने फैसला लिया कि पुरानी सीटों को दोबारा से लागू किया जाएगा। इससे मौजूदा समय की सीटों में बदलाव होगा। अधिकारी ने बताया कि इस बाबत डीयू को जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी। कॉलेजों को निर्देश दिया जाएगा कि वे कटऑफ जारी करते समय पुरानी सीटों का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड करें ताकि छात्र सीटों को लेकर असमंजस में न रहें। वहीं डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि तीन साल के पुराने पाठ्यक्रम में फिलहाल बदलाव नहीं होगा। दो साल पहले जो कोर्स पढ़ाया जाता था वो ही नए सत्र में छात्रों को पढ़ाया जाएगा। बता दें कि फिलहाल डीयू के 64 कॉलेजों में 54 हजार सीटें हैं।
बीएमएस कोर्स होगा खत्म: बीते साल चार साल के डिग्री प्रोग्राम के तहत बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस) कोर्स की शुरुआत हुई थी। इसे तीन वर्षीय प्रोग्राम के कोर्स बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स), बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज) और बीएफआईए (बैचलर ऑफ फाइनेंसियल एंड इंवेस्टमेंट एनलिस्ट) कोर्स को खत्म कर शुरू किया गया था। इन तीनों कोर्स की सीटें बीएमएस में तब्दील हुई थीं। अब बीएमएस कोर्स को बंद किया जाएगा। इसकी जगह दोबारा से ये तीनों कोर्स शुरू होंगे। हालांकि  बीएमएस की प्रवेश परीक्षा हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, बीएमएस की प्रवेश परीक्षा के आधार पर इन तीनों पुराने कोर्स में सीटें जारी की जाएंगी क्योंकि पहले भी इनमें दाखिला प्रवेश परीक्षा से होता था। बीएमएस छह कॉलेजों में हैं। कुल 840 सीटें हैं।

बीटेक की जगह बीएसएसी की संभावना: बीटेक को बरकरार रखा जाएगा या इसे रद्द कर पुरानी बीएससी की डिग्री दी जाएगी, इस पर फिलहाल संशय बरकरार है। यूजीसी स्टैंडिंग कमेटी की सदस्य नंदिता नारायण का कहना है कि हमने सुझाव दिया है कि जिन छात्रों ने पिछले साल बीटेक में दाखिला लिया था उनके भविष्य को देखते हुए उन्हें चार साल में बीटेक की डिग्री दी जाए। साथ ही विकल्प दिया जाए कि जो छात्र तीन साल करना चाहते हैं वो तीन साल पढ़ाई कर संबंधित विषय में बीएससी की डिग्री ले सकते हैं। इसके अलावा नंदिता ने बताया कि कमेटी ने बीटेक में नए दाखिले पर रोक लगाने का विचार किया। नए दाखिले लेने वालों के लिए बीटेक बंद हो। इसकी जगह 2012 की तरह बीएससी कोर्स शुरू किए जाए। इसी में दाखिला हो। उधर, 12 सदस्यों की कमेटी के सूत्रों का कहना है कि वह इस पर विचार कर रहे हैं। बीटेक कोर्स समाप्त करने की संभावना ज्यादा है।

 

 

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