साइबर कैफे पर लगी आचार संहिता उल्लंघन हुआ तो सजा मिलेगी
आतंकवादी, आपराधिक वारदातों से निपटने के लिए गुरुवार को प्रशासन ने साइबर कैफे मालिकों और साइबरड्ढr कैफे इस्तेमाल करने वालों के लिए ‘आचार संहिता’ लागू कर दी गई है। मजिस्ट्रेटों और राजपत्रित पुलिस...
आतंकवादी, आपराधिक वारदातों से निपटने के लिए गुरुवार को प्रशासन ने साइबर कैफे मालिकों और साइबरड्ढr कैफे इस्तेमाल करने वालों के लिए ‘आचार संहिता’ लागू कर दी गई है। मजिस्ट्रेटों और राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को आकस्मिक चेकिंग कर इसका पालन कराने की हिदायत दी गई है। इसका उल्लंघन करने पर आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की इजाजत दी गई है।ड्ढr एसएसपी अखिल कुमार ने डीएम को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि आतंकवादी, संगठित अपराधी वारदातों की साजिश करते समय ई-मेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। लखनऊ से भी ऐसे ई-मेल किए जा सकते हैं।ड्ढr इन परिस्थितियों में साइबर कैफे मालिकों के लिए कानूनी आचर संहिता लागू की जाए।ड्ढr एसएसपी की इस सिफारिश पर डीएम चन्द्रभानु ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत अधिकारियों के जरिए साइबर कैफे मालिकों व उपभोक्ताओं के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए। डीएम का कहना है कि इसका उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। क्या है आचार संहिताड्ढr परिचय पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैनकार्ड, शस्त्र लाइसेंस, फोटो क्रेडिट कार्ड में से एक को देखे बगैर किसी को भी साइबर कैफे का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा।ड्ढr साइबर कैफे के स्वामी कम से कमड्ढr छह महीने तक मेन सर्वर में संदेश को सुरक्षित रखेंगे।ड्ढr बिना वेब कैमर के कोई भी साइबर कैफे संचालित नहीं होने दिया जाएगा।ड्ढr साइबर कैफे का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ित को अपने हस्तलेख में नाम, पता, दूरभाष, मोबाइल नम्बर और परिचय पत्र का नम्बर अंकित कराना होगा।ड्ढr साइबर कैफे मालिकों को एक सालड्ढr तक कैफे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ितयों के नाम-पते वाले रािस्टर सुरक्षित रखने होंगे।