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हिंदी के प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह को ज्ञानपीठ पुरस्कार

हिन्दी के प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह को 49 वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने शुक्रवार को यहां यह घोषणा की। मंडलोई ने बताया कि सीताकांत...

हिंदी के प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह को ज्ञानपीठ पुरस्कार
एजेंसीFri, 20 Jun 2014 11:29 PM
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हिन्दी के प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह को 49 वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने शुक्रवार को यहां यह घोषणा की।

मंडलोई ने बताया कि सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने शुक्रवार की अपनी बैठक में सिंह को इस पुरस्कार के लिए सर्वथा योग्य पाया। सिंह को पुरस्कार में 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र वाग्देवी की प्रतिमा, प्रतीक चिह्न, शाल आदि भेंट किये जायेंगें।

केदारनाथ सिंह का जन्म 1934 ई में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। बनारस विश्वविद्यालय से 1956 ई में हिन्दी में एम ए और 1964 में पी-एच डी की उपाधि प्राप्त करने वाले केदारनाथ सिंह हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं।

केदारनाथ सिंह जवाहर लाल विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे। केदारनाथ सिंह समकालीन हिन्दी कविता के प्रमुख कवि हैं। केदारनाथ सिंह अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि हैं।

केदारनाथ सिंह इस पुरस्कार को हासिल करने वाले हिन्दी के 10वें रचनाकार है। इससे पहले हिन्दी साहित्य के जाने माने हस्ताक्षर सुमित्रानंदन पंत, रामधारी सिंह दिनकर, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन अज्ञेय, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कुंवर नारायण, श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को यह पुरस्कार मिल चुका है। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम के लेखक जी शंकर कुरूप :1965: को प्रदान किया गया था।

उनकी प्रमुख कृतियों में अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो, अकाल में सारस, बाघ, सृष्टि पर पहरा, मेरे समय के शब्द, कल्पना और छायावाद और तालस्ताय और साइकिल आदि शामिल हैं।

सिंह को कई सारे सम्मान मिले। इनमें प्रमुख हैं: मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, कुमारन आशान पुरस्कार, जीवन भारती सम्मान, दिनकर पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, आदि।

कविता संग्रह
अभी बिल्कुल अभी
जमीन पक रही है
यहाँ से देखो
बाघ
अकाल में सारस
उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ
तालस्ताय और साइकिल

आलोचना
कल्पना और छायावाद
आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान
मेरे समय के शब्द
मेरे साक्षात्कार

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