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कटरा कांड पर दरोगा की फेसबुक पोस्ट से बवाल

कटरा कांड में रेप व हत्या के मामले का पुलिस के एक एसआई ने फेसबुक वॉल पर अपने तरह से खुलासा कर दिया। वॉल पर की गई पोस्ट को देखें तो यह घटना के दूसरे रुख की ओर इशारा करता है। हालांकि इसे इस घटना के...

कटरा कांड पर दरोगा की फेसबुक पोस्ट से बवाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 07 Jun 2014 12:24 PM
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कटरा कांड में रेप व हत्या के मामले का पुलिस के एक एसआई ने फेसबुक वॉल पर अपने तरह से खुलासा कर दिया। वॉल पर की गई पोस्ट को देखें तो यह घटना के दूसरे रुख की ओर इशारा करता है। हालांकि इसे इस घटना के प्रति दुष्प्रचार का एक तरीका भी बताया जा रहा है। यह फेसबुक एकाउंट बरेली में तैनात एक एसआई है जो पहले बदायूं में तैनात रहा है।

कटरा कांड की गूंज जहां सूबे और देश की सरहदें पार करके विदेशों तक पहुंच गई है। पूरे देश में इसे लेकर प्रदर्शन शुरू हुए और सरकार सवालों के घेरे में आ गई, वहीं एसआई की यह पोस्ट किस आधार पर की गई, इसका जवाब नहीं दिया गया है। एसआई ने फेसबुक पर इस मामले को ऑनर किलिंग से जोड़कर प्रचार शुरू कर दिया है।

ऐसा उन हालात में किया गया है, जब विवेचक से लेकर डीजीपी तक कोई भी खुलकर इस मामले में बयान नहीं दे रहा है और जांच अभी विचाराधीन है। फेसबुक पर की गई यह पोस्ट की शुक्रवार को शहर में चर्चा रही। लोग यह जानने की कोशिश में रहे कि आखिर किस आधार यह पोस्ट की गई है। इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर जांच की मांग भी उठने लगी है।

फेसबुक पोस्ट
- ये 100 प्रतिशत ऑनर किलिंग का मामला है।
- बड़ी वाली लड़की के पप्पू यादव से सम्बन्ध थे। दोनों को घर वालों ने कई बार पकड़ा था। सुनने में आया है कि घटना वाली रात भी बड़ी लड़की पप्पू के साथ लड़की के परिजनों ने पकड़ी थी। जब पप्पू चला गया तो लड़की वालों ने अपनी झूठी शान के लिए बड़ी लड़की को फांसी पर लटका दिया। चूंकि छोटी वाली लड़की ने बड़ी लड़की को मारते हुए देख लिया था तो उसको भी फांसी पर लटका दिया गया।
- पप्पू यादव और उसके भाइयों को आरोपी बनाया।
- पुलिस के दोनों सिपाहियों को पप्पू के घर आना जाना था। लोकल के सिपाही होने के कारण वे सच्चाई का पता कर सकते थे इसलिए उनको भी फंसाया गया।
- क्या आप सोच सकते है कि सगे 3 भाई एक साथ किसी लड़की से रेप करेंगे। रेप करने के बाद लटकाएंगे क्यों?
- लड़की के घर वालों ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं, पहला लड़कियों की हत्या करके स्वयं बच गए। दूसरा अपने दुश्मनों से हिसाब बराबर कर लिया और तीसरा सरकार व अन्य पार्टियों से पैसा पा लिया।
यदि मैं गलत हूं तो बताइए....

सर्विलांस की पकड़ में आए दो और शैतान!
कटरा सहादतगंज में दो बहनों से गैंगरेप और हत्या की सनसनीखेज वारदात के चश्मदीद ने जिन दो अज्ञात शैतानों के बारे में जानकारी दी थी, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से पुलिस को उनके बारे में अहमद जानकारी मिली है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि घटना की रात अलग-अलग नंबर वाले छह मोबाइल इस्तेमाल हुए थे, जिनमें दो नंबर ‘अजनबी’ लोगों के मिले हैं।

घटना के चश्मदीद बाबूराम ने पुलिस को जानकारी दी थी कि घटना की रात उसने आरोपियों के साथ दो अंजान लोगों को भी देखा था। रात में ठीक से चेहरा नहीं देख पाने की वजह से बाबूराम उनका हुलिया तो नहीं बता सका मगर एफआईआर और चश्मदीद के बयान को आधार बनाकर पुलिस ने सर्विलांस के जरिए तफ्तीश को आगे बढ़ाने में लगी है।

कोर्ट की सख्ती के बाद बदायूं पुलिस के अफसरों ने कमजोर विवेचनाधिकारी को हटाकर कटरा कांड की तफ्तीश स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) से कराने का फैसला लिया, जिसमें सीओ मुकेश सक्सेना के नेतृत्व में इंस्पेक्टर स्तर के तीन अधिकारी भी शामिल किए गए थे। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सर्विलांस के जरिए छानबीन में कुछ अहम जानकारियां मिली हैं। पता लगा है कि घटना की रात आरोपियों और उनके साथियों के बीच आपस में छह मोबाइल से बातचीत हुई थी।

इसमें दो नंबर नामजद आरोपियों से अलग हैं। उन दो नंबरों को भी वारदात से जोड़कर पुलिस बाकी के दो शैतानों की घेराबंदी में जुटी है। शनिवार को लखनऊ से एसआईटी की टीम बदायूं आ रही है। टीम लीडर डिप्टी एसपी डॉ. गयासुद्दीन खान, सदस्य मुबीन खान, वंदना वाजपेयी हैं। चूंकि स्केच बनाने में चश्मदीद गवाह मदद नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से अभी तक स्केच नहीं बने हैं।

दावा किया जा रहा है कि बाकी के दो अपराधियों को भी जल्द बेनकाब कर दिया जाएगा। अफसरों के मुताबिक, डीआईजी के निर्देश पर लखनऊ से एक्सपर्ट और फोरेसिंक टीम शुक्रवार देर रात तक बदायूं पहुंचेगी और तीन दिन तक इलाके में डेरा जमाकर कटरा कांड की पड़ताल करेगी।

यह था मामला
27 मई की रात को कटरा सहादतगंज में किसान परिवार की दो बेटियों की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी और दोनों के शव गांव के बाहर पेड़ से लटका दिए गए थे। मामला सुर्खियों में आने के बाद एसएसपी ने वारदात में शामिल बताए जा रहे कटरा चौकी के सिपाही सर्वेश यादव और हेड कांस्टेबिल छत्रपाल सिंह को बर्खास्त कर दिया था। तीन अभियुक्तों के साथ दोनों बर्खास्त पुलिसकर्मी गिरफ्तार भी कर लिए गए थे। जिसके बाद से सभी पांच आरोपी बदायूं जिला जेल में बंद हैं।


पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे एसडीएमदोनों बेटियों के परिजनों से आज एसडीएम दातागंज ओपी तिवारी मिले। डीएम शंभूनाथ के निर्देश पर कटरा सहादतगंज गांव में पहुंचे एसडीएम ओपी तिवारी पीड़ित परिवार से मिले। इस मौके पर एसडीएम ने परिजनों से शस्त्र लाइसेंस के आवेदन देने को कहा है। एसडीएम ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि वे लोग किसी तरह से परेशान न हों प्रशासन उनकी हर मदद को तैयार है।

कटरा सहादतगंज गांव में आज एसडीएम ओपी तिवारी पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने पीड़ित परिवार से बातचीत की। एसडीएम ने परिजनों से पूछा कि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है। इस पर परिजनों ने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए जो पीएसी बल लगाया गया है। वह घर से दूर है। इसलिए पीएसी को घर के नजदीक रखा जाए। जिससे उन्हें किसी से जान का खतरा महसूस न हो। इस पर एसडीएम ने तुरंत निर्देश कर पीएसी को पीड़ितों के घर के नजदीक लगवा दिया। इस मौके पर एसडीएम ओपी तिवारी ने पीड़ित परिवार से शस्त्र लाइसेंस के आवेदन देने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि शस्त्र लाइसेंस उन लोगों को दे दिए जाएंगें। जिन्हें वे लोग भरकर शीघ्र जमा कर दें। एसडीएम ने पीड़ित परिवार से कहा कि उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी। कहा कि यदि कोई धमकी दे तो वह लोग उनके नंबर पर तुरंत बता सकते हैं। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से उनकी मदद करेगा और धमकी देने वाले को जेल भेज दिया जाएगा।

नहीं बनेगा दरिंदों का स्कैच, बाबूराम ने खड़े किए हाथ
गैंगरेप और हत्या करने वाले अज्ञात दरिंदों का स्कैच अब जारी नहीं हो सकेगा। वजह है कि वारदात के चश्मदीद बाबूराम ने दरिंदों का हुलिया स्पष्ट करने के नाम पर हाथ खड़े कर लिए हैं। एक्सपर्ट टीम के लाख पूछताछ के बाद भी बाबूराम कुछ नहीं बता पा रहा है। ऐसे में टीम वापस लौट गई है। नतीजतन पुलिस पर इन अज्ञात दरिंदों की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया है।

जिस बाबूराम की शिकायत पर परिवार के लोग घटना वाली रात मौका-ए-वारदात पर पहुंचे थे और उसी को मुकदमे में शामिल किया था, वही बाबूराम अब यह नहीं बता पा रहा है कि जिन र्दंरदों को उसने आंखों से देखा था वह किस तरह के थे। न तो उनकी कदकाठी उसे याद है और न ही चेहरा-मोहरा। बुधवार से बाबूराम से मगजमारी कर रही एक्सपर्ट की टीम तीसरे दिन शुक्रवार को भी कुछ ऐसा पता नहीं कर सकी, जिसे आधार बनाकर दरिंदों की शक्ल कागज पर उकेरी जा सके।

एकांत में पूछताछ करने के साथ ही टीम बाबूराम को उस जगह भी ले गई, जहां खड़े होकर उसने यह खौफनाक मंजर देखा था लेकिन वह फिर भी कुछ नहीं बता पाया है। एसपी सिटी मानसिंह चौहान ने बताया कि गवाह कुछ नहीं बता रहा है, अपने स्तर से जांच जारी है।

परिजनों को नहीं एसआईटी पर भरोसा
कटरा कांड की जांच के लिए एसएसपी अतुल सक्सेना द्वारा गठित एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिकेशन टीम) पर परिजनों को भरोसा नहीं है। परिजनों का स्पष्ट कहना है कि लोकल पुलिस चाहें टीम बनाकर काम करे या अकेले विवेचना की जाए। सभी का उद्देश्य घटना से जुड़े सबूतों को खुर्द-बुर्द करना है। छोटी बेटी के पिता ने यह सवाल भी दागा कि सीबीआई जांच को क्यों ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। जब पहले से ही हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तो पुलिस लगातार केस में हस्तक्षेप क्यों कर रही है।

अदालत के ऐतराज के बाद गुरुवार को एसएसपी ने गैंगरेप और डबल मर्डर की जांच इंस्पेक्टर सदर कोतवाली वीरपाल सिरोही से हटाकर सीओ उझानी मुकेश सक्सेना को सौंप दी। सीओ उझानी को मुख्य आईओ बनाने के साथ ही एसआईटी का भी गठन कर दिया। टीम के सुपरविजन की जिम्मेदारी एसपी सिटी मानसिंह चौहान को सौंपी गई है, जबकि सीओ सिटी सत्यसेन यादव तकनीकि सहायक बने हैं। दो इंस्पेक्टर इस टीम में शामिल करने के साथ ही स्वाट टीम व लखनऊ-बरेली की फोरेसिंक टीमें इस विशेष टीम में शामिल की गई हैं।

इधर, शुक्रवार को परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो वे बिफर उठे। परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस चाहें स्पेशल टीम बनाए या न बनाए, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें केवल सीबीआई जांच पर भरोसा है। वही जांच दूध का दूध और पानी का पानी करेगी।

एक पूरी प्रक्रिया के बाद ही सीबीआई जांच शुरू होती है। हमारी ओर से लैटर भेजा जा चुका है। जब तक सीबीआई जांच शुरू नहीं होती, पुलिस हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठ सकती। इसलिए एसआईटी से जांच शुरू करा दी है। सीबीआई जब आएगी तो जांच हैंडओवर कर देंगे।
आरकेएस राठौर, डीआईजी बरेली रेंज

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