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जदयू और राजद में घमासान

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जनता दल (यूनाईटेड) में उपजा असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज विधायकों और विधान पार्षदों की सूची लंबी होती जा रही है। बुधवार को विधान पार्षद संजय सिंह ने पार्टी...

जदयू और राजद में घमासान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 04 Jun 2014 08:10 PM
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मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जनता दल (यूनाईटेड) में उपजा असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज विधायकों और विधान पार्षदों की सूची लंबी होती जा रही है। बुधवार को विधान पार्षद संजय सिंह ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया, जबकि विधायक अजीत कुमार ने राज्य कार्यकारिणी से खुद को अलग कर लिया।

कई अन्य नेताओं ने मंत्रिमंडल में बाहर से आए नेताओं और पुराने मंत्रियों को मौका दिए जाने पर नाराजगी जताई है। दूसरी तरफ पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली असगर फातमी ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल को जोर का झटका दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद का पार्टी पर से नियंत्रण खत्म हो गया है। मंगलवार को सहरसा में राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राजद की दुर्दशा के लिए पार्टी नेतृत्व को जिम्मेवार ठहराया था।

जदयू में बढ़ रहा असंतोष
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जदयू में असंतोष बढ़ता जा रहा है। बुधवार को पूर्व मंत्री व कांटी के विधायक अजीत कुमार ने राज्य कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया। विधान पार्षद संजय सिंह ने भी पार्टी नेतृत्व से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है।

विधान पार्षद नीरज कुमार ने दो दिन पहले ही प्रवक्ता का पद छोड़ दिया था। इनके अलावा पूर्व मंत्री अनिल कुमार, विधायक राजू सिंह, विधायक मंजीत सिंह ने भी मंत्रिमंडल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

शिरडी से बुधवार को पटना लौटे विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि पार्टी में जो परंपरा शुरू हुई है, वह ठीक नहीं है। लोकसभा चुनाव में हार गए प्रत्याशी को मनोनीत कर विधान पार्षद बना दिया गया और फिर उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया।

उधर, विधान पार्षद व पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के साथ हूं पर पार्टी में वफादार लोगों के साथ न्याय नहीं हुआ है। नए-नए आए लोगों को मंत्री पद से पुरस्कृत किया गया, जबकि पुराने लोगों का अपमान होता रहा है।

उन्हें मुख्य प्रवक्ता से डिमोट कर प्रवक्ता बना दिया गया। उस वक्त वह खून का घूंट पीकर रह गए। पर इस बार मंत्रिमंडल में वैसे लोगों को जगह दी गई जो उनसे जूनियर हैं। पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपनी नाराजगी से उन्हें अवगत करा दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को उन्होंने राज्य कार्यकारिणी से अपना इस्तीफा भी दे दिया।

पूर्व मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि वे लोजपा छोड़कर जदयू में सिर्फ इसलिए आए थे कि उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व में विश्वास है, पर मंत्रिमंडल विस्तार में वैसे लोगों को जगह दी गई, जिन्होंने पार्टी के मुखिया को गाली दी थी। खुलेआम विरोध किया। यह बर्दाश्त से बाहर है।

वहीं विधायक राजू कुमार सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के नेता नीतीश कुमार को गाली दी उनका हमलोगों ने विरोध किया। आज उन्हीं लोगों को मंत्री पद दे दिया गया है। जिन विधायकों के पास स्वाभिमान है वह वैसे मंत्रियों के पास अपने काम को लेकर कैसे जाएंगे?

गोपालगंज के बैकुंठपुर विधायक मंजीत सिंह भी गुस्से में हैं। उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया कि सामाजिक आर्थिक जनगणना में सरकार का रवैया लापरवाही भरा है। अगर इस बारे में सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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